केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार (नवंबर 20, 2019) को राज्यसभा में बयान दिया। जम्मू-कश्मीर के हालात पर उन्होंने बात रखी। शाह ने कहा कि राज्य में दवाओं की कोई कमी नहीं है और दवा दुकानों से लेकर अस्पतालों तक, हर जगह दवाओं की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि सिर्फ़ सितम्बर में श्रीनगर में 7,67,000 लोगों का ओपीडी में इलाज किया गया। अक्टूबर में ये आँकड़ा 7,91,000 रहा। जब एनसीपी के सांसद माजिद मेमन ने पूछा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति समान्य कब होगी तो शाह ने कहा कि स्थिति सामान्य हो चुकी है। शाह ने कहा कि 5 अगस्त के बाद से अब तक एक भी निर्दोष व्यक्ति की जान पुलिस की गोली से नहीं गई है।
पत्थरबाजी के आँकड़े गिनाते हुए गृहमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष इस वक़्त तक 802 पत्थरबाजी की घटनाएँ हुई थी, लेकिन इस साल ये आँकड़ा उससे कम होकर 544 पर जा पहुँचा है। उन्होंने बताया कि सभी 20,400 स्कूल खुले हैं। उन्होंने कहा कि 50,000 से भी अधिक (99.48%) छात्रों ने 11वीं की परीक्षा दी है। घाटी के सभी हॉस्पिटल खुले हैं। शाह ने बताया कि चावल और केरोसिन की बिक्री में गत साल से 8 से 16% तक वृद्धि हुई है। उन्होंने आगे कहा कि इस बार 22.5 लाख मीट्रिक टन सेब की उपज हुई है, जिनमें से भारी मात्रा में सेब बाहर भी गए हैं।
Media is working in English and Urdu regularly. The banking sector is also smooth. Most shops are open in the morning, shut during the noon and open again during the evenings. Over 36 thousand cases have come to the Court recently: Shri @AmitShah in Rajya Sabha
— BJP (@BJP4India) November 20, 2019
इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रह्मण्यम स्वामी और भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साफ़ कर दिया कि गाँधी परिवार की एसपीजी सिक्योरिटी हटाना कोई राजनैतिक निर्णय नहीं है बल्कि गृह मंत्रालय ने ‘थ्रेट परसेप्शन’ ख़तरे के स्तर को देखते हुए प्रोटोकॉल के तहत निर्णय लिया है। आनंद शर्मा ने इस फ़ैसले को राजनीतिक करार दिया। उनके बयान का जवाब देते हुए स्वामी ने कहा कि लिट्टे के ख़त्म होने के बाद गाँधी परिवार को कोई ख़तरा नहीं है।