भारतीय गृह मंत्रालय ने बड़ा क़दम उठाया है। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को नोटिस थमाते हुए गृह मंत्रालय ने उनकी विदेशी नागरिकता पर 15 दिनों के भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए ख़ुलासा किया था कि राहुल गाँधी ने एक प्राइवेट कम्पनी के रजिस्ट्रेशन काग़ज़ात में ख़ुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था। ये कम्पनी लंदन में स्थित है। स्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर राहुल गाँधी की भारतीय नागरिकता व संसद सदस्यता समाप्त करने की माँग की थी।
काग़ज़ात के अनुसार, राहुल गाँधी बैकॉप्स लिमिटेड नामक कम्पनी के डायरेक्टर और सेक्रटरी थे। स्वामी ने ये काग़ज़ात ब्रिटेन के कम्पनी लॉ अथॉरिटी से निकलवाने की बात कही थी। अब गृह मंत्रालय ने बड़ा क़दम उठाते हुए राहुल को भेजी गई नोटिस में पूछा:
“मंत्रालय ने सांसद डॉक्टर सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा एक शिकायत प्राप्त किया है। इसमें 2003 में लंदन में सूचीबद्ध कम्पनी ‘बैकॉप्स लिमिटेड’ का जिक्र करते हुए कहा गया है कि आप इसके डायरेक्टर और सेक्रटरी थे। इस कम्पनी का दर्ज पता – 51 सॉउथगेट स्ट्रीट, विंस्टर, हैम्पशायर, SO23 9EH है। 2005 एवं 2006 में फाइल किए गए कम्पनी के एनुअल रिटर्न्स में आपकी जन्मतिथि 19/06/1970 दर्ज है और आपने ख़ुद को एक ब्रिटिश नागरिक बताया है। आप 15 दिनों के भीतर इस मामले को लेकर मंत्रालय को अपनी स्थिति स्पष्ट करें।”
गृह मंत्रालय ने सुब्रह्मण्यम स्वामी की शिकायत की एक कॉपी भी नोटिस के साथ राहुल गाँधी को भेजी है। इससे पहले सुब्रह्मण्यम स्वामी के आरोपों का खंडन करते हुए कॉन्ग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था कि राहुल गाँधी तभी से भारतीय नागरिक हैं, जब से उनका जन्म हुआ है। 2015 में जब सुब्रह्मण्यम स्वामी ने ये गंभीर आरोप लगाए थे तब कॉन्ग्रेस ने कहा था कि ब्रिटिश सरकार से ज़रूर कोई ग़लती हुई है और वो उन्हें सुधार करने की अपील करेंगे। सवाल यह है कि अगर राहुल गाँधी ने ख़ुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था तो वह अमेठी के लिए नामांकन दाख़िल करते समय ख़ुद को भारतीय क्यों बताते हैं?