Monday, November 18, 2024
Homeराजनीतिहनुमान जी की पूजा में भीड़ लगी तो कॉन्ग्रेसी CM ने DM-SP को डाँटा,...

हनुमान जी की पूजा में भीड़ लगी तो कॉन्ग्रेसी CM ने DM-SP को डाँटा, गाजी फकीर के जनाजे में जुटी भारी भीड़ पर चुप्पी

'सरहद का सुल्तान' गाजी फकीर के जनाजे में भीड़ उमड़ी लेकिन CM गहलोत चुप रहे... क्योंकि उनका बेटा मोहम्मद सालेह मंत्री है राजस्थान में। उसी राजस्थान में हनुमान जी की पूजा में लोग आए तो DM-SP को सबके सामने फटकार लगा डाली।

कोरोना दिशा-निर्देशों का पालन कराने को लेकर राजस्थान की सरकार का दोहरा रवैया सामने आया है। जहाँ एक तरफ धौलपुर के धार्मिक आयोजन में भीड़ जुटी तो सीधा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्थानीय SP को फटकार लगाई, जबकि जैसलमेर में ‘सरहद का सुल्तान’ गाजी फकीर के जनाजे में उमड़ी भीड़ की तरफ से आँख मूँद ली गई। गाजी फकीर के बेटे मोहम्मद सालेह राजस्थान सरकार में वक्फ और अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री हैं।

ये सब तब हो रहा है, जब राजस्थान कोरोना की दूसरी लहर सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की सूची में शीर्ष 5 में पहुँच गया है। यहाँ सक्रिय कोरोना मामलों की संख्या 1,63,372 हो गई है। पिछले 24 घंटों में यहाँ 16,613 नए मामले सामने आए हैं और 120 लोगों ने कोविड-19 के कारण अपनी जान गँवा दी। राजधानी जयपुर में सबसे ज्यादा 33,324 सक्रिय मामले हैं। राजस्थान में कोरोना ने अब तक 3926 लोगों की जान ली है।

मामला कुछ यूँ है कि राजस्थान में कोरोना की दूसरी लहर के बीच धार्मिक आयोजनों पर रोक लगी हुई है। ऐसे में धौलपुर में भाजपा विधायक सुखराम खोली ने हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अखंड रामायण का पाठ कराया। इसमें 500 से अधिक लोग जुट गए। सीएम गहलोत ने एक बैठक में यहाँ के DM-SP को सबके सामने फटकार लगा डाली। उन्होंने मुख्य सचिव को भी आदेश दिया कि वो इस मामले का स्पष्टीकरण स्थानीय प्रशासन से तलब करें।

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के दोहरे रवैये पर ‘दैनिक भास्कर’ की खबर (साभार)

ये हुई एक खबर। अब आते हैं उस दूसरी खबर पर, जहाँ हजारों लोगों की भीड़ तो जुटी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसा इसलिए, क्योंकि जिसका जनाजा था वो जैसलमेर, खासकर पोखरण का एक प्रभावशाली हस्ती था। इलाके में उसका दबदबा था ही, साथ ही भारत-पाकिस्तान के सिंधी मुस्लिम उसे खलीफा भी मानते थे। उसके परिवार के कई लोग बड़े-बड़े पदों पर हैं। एक बेटा अशोक गहलोत की कैबिनेट में मंत्री है।

सालेह मोहम्मद के अब्बा का निधन हुआ। इसमें खुद सालेह भी शामिल हुए, जबकि मात्र 4 दिन पहले ही वो कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। वो हजारों लोगों के साथ जनाजे में शामिल हुए लेकिन राज्य सरकार या प्रशासन के कान में जूँ तक न रेंगी। मीडिया के सूत्र कह रहे हैं कि उनकी रिपोर्ट नेगेटिव भी आ गई थी। राजस्थान में अंतिम यात्रा में मात्र 20 लोगों के शामिल होने की अनुमति है। वहाँ की घटना के लिए मुख्यमंत्री ने कोई रिपोर्ट तलब नहीं की।

गाजी फकीर की जैसलमेर की राजनीति पर ऐसी पकड़ थी कि उनकी सलाह के बिना वहाँ कॉन्ग्रेस कोई भी निर्णय नहीं लेती थी। शायद अशोक गहलोत को डर है कि उनके परिवार के खिलाफ कार्रवाई करने का इशारा भर करने से पश्चिमी राजस्थान के मुस्लिम उनके खिलाफ हो सकते हैं, जो हर चुनाव में अपने खलीफा के फतवे का पालन करते थे। सार ये कि राजस्थान में पूजा-पाठ गलत है, जनाजे की भीड़ के लिए कोई बंदिश नहीं है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -