सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन के आरोप में शनिवार (मई 30, 2020) को जेडीएस (JDS) नेता इमरान पाशा के खिलाफ FIR दर्ज की गई। वे बेंगलुरु के पदरायनपुरा वार्ड से पार्षद हैं।
कोरोना संक्रमण की पुष्टि के बावजूद उन्होंने अपने घर के पास लोगों की भीड़ इकट्ठा की थी। यह सब उन्होंने आइसोलेशन में जाने से पहले किया था।
जानकारी के मुताबिक इमरान पाशा को शुक्रवार (मई 28, 2020) को कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद पूरे इलाके को सील करने के साथ ही स्वास्थ्यकर्मी इमरान पाशा को आइसोलेशन में ले जाने के लिए आए। इस दौरान जेडीएस पार्षद ने अपने घर के पास काफी ड्रामा किया। सैकड़ों की संख्या में समर्थकों ने इकट्ठा होकर नारे लगाए।
Presenting India’s latest Covidiot — JDS corporator Imran Pasha, who meets and greets a crowd in Bengaluru *RIGHT AFTER TESTING COVID19 POSITIVE*
— Shiv Aroor (@ShivAroor) May 31, 2020
(Video via @nolanentreeo) pic.twitter.com/i9kLgiU6dX
जर्नलिस्ट शिव अरूर ने इसका एक वीडियो शेयर किया है। इसमें जेडीएस नेता को समर्थकों को हाथ हिलाते हुए और कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद एक महिला के पाँव छूते हुए देखा जा सकता है।
एक कोरोना पॉजिटिव मरीज के इस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन कर अपने समर्थकों से मिलने की वजह से इलाके में डरावनी स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्हें विक्टोरिया हॉस्पिटल जाने के दौरान एंबुलेंस से पीपीई किट पहने हाथ हिलाते हुए देखा गया।
इमरान पाशा के खिलाफ बेंगलुरु के जेजे नगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 188, 270 और 271 के तहत मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि पदरायनपुरा इलाका, जहाँ के पार्षद इमरान पाशा है, वहाँ पर सप्ताह भर पहले फ्रंटलाइन वर्करों पर मुस्लिम भीड़ द्वारा आक्रामक हमला किया गया था। इमरान ने कोरोना पॉजिटिव होने के बाद आइसोलेशन जाने की बजाय हाई वोल्टेज ड्रामा किया और इलाके में डर का माहौल बना दिया।
स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के अनुसार, पाशा को तुरंत शहर के कोरोना वायरस अस्पताल विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए था। मगर, उन्हें एक मरीज के रूप में अस्पताल में दाखिल होने में 15 घंटे लग गए।
जेडीएस नेता से अस्पताल में भर्ती होने के लिए आशा कार्यकर्ताओं समेत वरिष्ठ अधिकारियों को गुहार लगानी पड़ी। यहाँ तक कि पाशा के पिता और चामराजपेट से कॉन्ग्रेस के विधायक ज़मीर अहमद ने भी उन्हें आइसोलेशन में रहने का आग्रह किया, मगर फिर भी वह अस्पताल जाने के लिए तैयार नहीं थे। वह जोर देकर कह रहे थे कि वह घर में ही क्वारंटाइन में रहेंगे।
इसके बाद जब वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने संक्रमण फैलाने के लिए आईपीसी के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की धमकी दी, तब जाकर जेडीएस पार्षद विक्टोरिया अस्पताल में क्वारंटाइन में रहने के लिए तैयार हुए।
बताया जा रहा है कि जेडीएस नेता के संपर्क में आने के बाद कम से कम एक वरिष्ठ अधिकारी को क्वारंटाइन में रखने की जरूरत होगी। कई अन्य बीबीएमपी अधिकारी जेडीएस नेता के संपर्क में थे। पाशा की प्राइमरी कॉन्टैक्ट लिस्ट में 19 लोग और सेकेंडरी कॉन्टैक्ट लिस्ट में 21 लोग शामिल हैं।