देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश के सभी आईलैंड पर तिरंगा फहराया जाना था। इस क्रम में भारतीय नौसेना गोवा के साओ जैसिंटो द्वीप पर तिरंगा फहराने वाली थी, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के बाद नौसेना ने अपनी योजना को स्थगित कर दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस द्वीप पर रहने वाले स्थानीय लोगों ने केंद्र सरकार के निर्णय का विरोध करते हुए कहा था कि वे केंद्र या राज्य सरकार की किसी गतिविधि को द्वीप पर नहीं होने देना चाहते हैं। इसके बाद इंडियन नेवी ने अपने प्लान को ड्रॉप कर दिया। हालाँकि, यहाँ के लोगों का दावा है कि वे तिरंगा फहराने के विरोध में नहीं हैं, लेकिन वे खुद झंडा फहराएँगे।
Plans to unfurl the national flag in Goa’s Sao Jacinto island, as part of ‘Azadi ka Amrit Mahotsav’ to unfurl Tricolour in islands across Indian between Aug 13 & Aug 15, had to be cancelled due to objections raised by the residents: Goa Naval Area officials
— ANI (@ANI) August 13, 2021
नौसेना ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत रक्षा मंत्रालय ने 13 से 15 अगस्त 2021 के बीच देश भर के द्वीपों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की योजना बनाई है।
भारतीय नौसेना ने अपने बयान में कहा, “गोवा नौसेना क्षेत्र की एक टीम ने इस अखिल भारतीय पहल के तौर पर साओ जैसिंटो द्वीप सहित गोवा के द्वीपों का दौरा किया। हालाँकि, जैसिंटो द्वीप पर योजना को रद्द करना पड़ा, क्योंकि निवासियों ने इसका विरोध किया था। नौसेना ने कहा कि देशभक्ति की भावना पैदा करने और आजादी के 75वें वर्ष का जश्न मनाने के लिए यह पहल देश भर में की गई है।”
गौरतलब है कि सैन जैसिंटो द्वीप पणजी के दक्षिण में स्थित है। द्वीप पर अधिकतर ईसाई लोग रहते हैं। यहाँ पोलैंड के सेंट हयासिंथ (साओ जैसिंटो) और सेंट डोमिनिक (साओ डोमिंगो) को समर्पित दो चर्च हैं। द्वीप के निवासियों ने प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है, और पर्यटकों को यात्रा करने की अनुमति नहीं है।
इस द्वीप पर पले-बढ़े डैरेल डिसूजा ने कहा कि इस द्वीप में लगभग 200 परिवार हैं जो हर साल राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। हालाँकि, ये लोग गोवा में तटीय क्षेत्र प्रबंधन योजना और संसद द्वारा पारित प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक-2020 के विरोध में द्वीप पर नौसेना की उपस्थिति को लेकर डरे हुए हैं।
डिसूजा ने कहा, “हम झंडा फहराने के बिल्कुल खिलाफ नहीं हैं। हकीकत में हमने यही बात नौसेना के उन अधिकारियों से भी कही है, जो 15 अगस्त को झंडा फहराने के लिए हमारे साथ द्वीप पर आना चाहते थे।”
उन्होंने दावा किया कि यहाँ के द्वीपवासी, पारंपरिक मछुआरे द्वीप के हितों के खिलाफ होने वाली राजनीतिक चालों को लेकर काफी चिंतित हैं। डिसूजा ने कहा कि द्वीपवासियों को डर है कि द्वीप को सरकारी अधिकारियों द्वारा अपने कब्जे में ले लिया जाएगा और बंदरगाह की सीमा के तहत लाए जाने के बाद विकास के लिए इसे निजी पार्टियों को सौंप दिया जाएगा।
एक गैर सरकारी संगठन से राजनीतिक दल बने गोएंचो आवाज़ के कैप्टन विराटो फर्नांडीस ने भी द्वीपवासियों का बचाव करते हुए कहा कि उनके पास द्वीप में नौसेना की उपस्थिति का विरोध करने के लिए मजबूत कारण हैं। उनका दावा है कि तटीय क्षेत्र प्रबंधन योजना (सीजेडएमपी) और प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक-2020 के पारित होने के बाद द्वीप के निवासियों के बीच एक ‘अविश्वास’ है, जिसके तहत इस द्वीप को मोरमुगाओ पोर्ट ट्रस्ट के अधिकार क्षेत्र में शामिल किया गया है।
फर्नांडीस ने कहा, “हाल ही में सीजेडएमपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थे। सरकार ने बंदरगाह की सीमाओं को दर्शाया है, जिसके तहत साओ जैसिंटो द्वीप का अधिकार क्षेत्र बंदरगाह के अंतर्गत आ गया है। हम इन बंदरगाह सीमाओं का विरोध करते रहे हैं। हम ये कहते आ रहे हैं कि द्वीप में 1731 की धार्मिक संरचनाएं हैं, और हमने कहा है कि यह बंदरगाह की सीमा के अंतर्गत नहीं आ सकता है। हालाँकि, उस घटना के बाद से लोग सतर्क हो गए हैं और इसी सतर्कता के कारण नौसेना की उपस्थिति ने उसे और अधिक संदिग्ध बना दिया है। बिल और सीजेडएमपी ने अविश्वास पैदा किया है और इसी कारण द्वीप पर रहने वाले लोगों को किसी के भी आगमन पर संदेह होता है। यही मुख्य वजह है।”
देश की आजादी के 75वें साल में भारत सरकार ‘अमृत महोत्सव’ को ‘जन आंदोलन’ के रूप में मनाने की योजना बना रही है। मोदी सरकार ने 75वीं वर्षगांठ समारोह की तैयारी पहले ही शुरू कर दी है और ऐतिहासिक आयोजन के उपलक्ष्य में कई कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी है। इन सभी कार्यक्रमों के प्रबंधन की जिम्मेदारी एक राष्ट्रीय कार्यसमिति की होगी, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने नौसेना को दी मंजूरी
साओ जैसिंटो द्वीप पर तिरंगा फहराने को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने ट्विटर पर घोषणा की कि इस तरह के षडयंत्रों की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसको लेकर उन्होंने दो ट्वीट्स किए। सावंत ने कहा कि उन्होंने भारतीय नौसेना को द्वीप पर भारतीय ध्वज फहराने की अपनी मूल योजना को जारी रखने की अनुमति दी है।
सीएम ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है कि सेंट जैसिंटो द्वीप पर कुछ व्यक्तियों ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय नौसेना द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने पर आपत्ति जताई है। मैं इसकी निंदा करता हूँ और रिकॉर्ड में कहना चाहता हूँ कि मेरी सरकार इस तरह के कृत्यों को बर्दाश्त नहीं करेगी।”
I have requested the Indian Navy to go ahead with their original plan and have assured full cooperation from Goa Police. These attempts of Anti-India activities shall be dealt with an iron fist. It will always be Nation First.2/2
— Dr. Pramod Sawant (@DrPramodPSawant) August 13, 2021
सीएम सावंत ने आगे कहा, “मैंने भारतीय नौसेना से अपनी मूल योजना पर आगे बढ़ने का अनुरोध किया है और गोवा पुलिस से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। भारत विरोधी गतिविधियों की इन कोशिशों से सख्ती से निपटा जाएगा। यह हमेशा नेशन फर्स्ट रहेगा।”