कोवैक्सिन बनाने में गाय के बछड़े का सीरम इस्तेमाल करने के कॉन्ग्रेस के नेशनल कॉर्डिनेटर गौरव पांधी के दावे को स्वास्थ्य मंत्रालय में गलत बताया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा, “कोवैक्सिन बनाने के संबंध में कुछ सोशल मीडिया पोस्ट द्वारा बताया गया है कि इसमें नवजात बछड़े का सीरम होता है। इन पोस्ट में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।” स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अंतिम रूप से तैयार कोरोना के टीके में गाय का सीरम नहीं होता है और टीका निर्माण की अंतिम प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले सामग्री में भी इसका प्रयोग नहीं होता है।
मंत्रालय ने कहा है कि नवजात बछड़े के सीरम का इस्तेमाल केवल वायरो सेल्स के विकास एवं उसकी तैयारी में किया जाता है।वायरो सेल्स के विकास में दुनिया भर में अलग-अलग जानवरों के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक मानक रूप है। कोशिकाओं का जीवन बढ़ाने के लिए वायरो सेल्स का इस्तेमाल किया जाता है और वैक्सीन के उत्पादन में मदद मिलती है। इस पद्धति का इस्तेमाल पोलियो, रैबीज एवं इन्फ्लुएंजा के टीकों के निर्माण में होता आया है।
There have been some social media posts regarding composition of the COVAXIN where it has been suggested that COVAXIN contains the newborn calf serum. Facts have been twisted and misrepresented in these posts: Ministry of Health and Family Welfare pic.twitter.com/F4twaqut6y
— ANI (@ANI) June 16, 2021
मंत्रालय का कहना है कि वायरो सेल्स के विकास के बाद उन्हें कई बार पानी एवं रसायन से साफ किया जाता है। इस प्रक्रिया में वायरो सेल्स पर बछड़े का सीरम दूर हो जाता है। इसके बाद वायरल ग्रोथ के लिए वायरो सेल्स को कोरोना वायरस के साथ संक्रमित किया जाता है। वायरल ग्रोथ के दौरान वायरो सेल्स पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं। इसके बाद मरे हुए वायरस का इस्तेमाल फाइनल वैक्सीन बनाने में किया जाता है। अंतिम टीके की सामग्री में बछड़े के सीरम का इस्तेमाल नहीं होता है।
दरअसल, गौरव पांधी ने दावा किया था कि कोवैक्सिन बनाने में गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए 20 दिन से भी कम उम्र के बछड़े की हत्या की जाती है। पांधी ने एक RTI के जवाब में मिले दस्तावेज शेयर किए। उन्होंने दावा किया है कि यह जवाब विकास पाटनी नाम के व्यक्ति की RTI पर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने दिया है।
In an RTI response, the Modi Govt has admitted that COVAXIN consists Newborn Calf Serum …..which is a portion of clotted blood obtained from less than 20 days young cow-calves, after slaughtering them.
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) June 15, 2021
THIS IS HEINOUS! This information should have been made public before. pic.twitter.com/sngVr0cE29
पांधी ने आरटीआई के जवाब का स्क्रीनशॉट भी ट्विटर पर शेयर किया है। उन्होंने एक वीडियो मैसेज के जरिए केंद्र की बीजेपी सरकार पर लोगों की भावनाओं को आहत करने के आरोप लगाए हैं। पांधी ने कहा कि सरकार ने मान लिया है कि भारत बायोटेक की वैक्सीन में गाय के बछड़े का सीरम शामिल है। यह बहुत बुरा है। इसकी जानकारी पहले ही लोगों को दी जानी चाहिए थी।
BJP Govt should NOT betray the faith & belief of people, if Covaxin or any other vaccine consists of cow-calf serum, then people have the right to know.
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) June 16, 2021
Vaccines are the life line today and everyone must get vaccinated (as & when available) keeping faiths & beliefs aside. 💉 pic.twitter.com/Khplk3iOb6
इससे पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के रिसर्च पेपर में भी ये बात बताई गई थी कि कोवैक्सिन बनाने के लिए नवजात पशु के ब्लड का सीरम उपयोग किया जाता है। इसे पहली बार किसी वैक्सीन में उपयोग नहीं किया जा रहा है। यह सभी बायोलॉजिकल रिसर्च का जरूरी हिस्सा होता है।
रिसर्च में दावा किया गया था कि कोवैक्सिन के लिए नवजात बछड़े के 5% से 10% सीरम के साथ डलबेको के मॉडिफाइड ईगल मीडियम (DMEM) को इस्तेमाल किया जाता है। DMEM में कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो सेल को बाँटने के लिए जरूरी होते हैं।