भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ऐलान किया है कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ राजग की तरफ से उप-राष्ट्रपति के उम्मीदवार हैं। उन्होंने इसका ऐलान करते हुए कहा, “भाजपा और NDA उपराष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी किसान पुत्र श्री जगदीप धनखड़ जी को घोषित करती है। श्री जगदीप धनखड़ जी पश्चिम बंगाल के अभी राज्यपाल हैं और लगभग तीन दशक तक सार्वजनिक जीवन में काम किया है।” वोटों के गणित के हिसाब से उनकी जीत सुरक्षित मानी जा रही है।
#Breaking | "He is people's governor", says BJP National President JP Nadda after he announced #JagdeepDhankhar as NDA's Vice-President nominee.@MadhavGK analyzes this political development. pic.twitter.com/Pt6bEdf3Wr
— TIMES NOW (@TimesNow) July 16, 2022
जेपी नड्डा ने जगदीप धनखड़ को ‘किसान पुत्र’ बताते हुए जिक्र किया कि उनका सार्वजनिक जीवन 30 वर्षों का है। 18 मई, 1951 को जन्मे 71 वर्षीय जगदीप धनखड़ को जुलाई 2019 में पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया था। उनका जन्म राजस्थान के एक छोटे से गाँव किठाना में हुआ था, जो झुंझुनू जिले के के चैरवा तहसील में स्थित है। चित्तौरगढ़ स्थित सैनिक स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने जयपुर स्थित ‘यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान’ से स्नातक किया।
वो 1989 में झुंझुनू लोकसभा क्षेत्र से ‘जनता दल’ के टिकट पर सांस चुने गए थे। इससे पहले वो अजमेर के किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से 1993-98 में विधायक भी रहे हैं। पेशे से अधिवक्ता जगदीप धनखड़ ‘राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन’ के अध्यक्ष पद को भी सुशोभित कर चुके हैं। 1990-91 में जगदीप धनखड़ केंद्रीय मंत्री भी रहे थे। IIT, NDA और IAS के लिए चुने जाने के बावजूद उन्होंने वकालत को अपना पेशा चुना।
न सिर्फ जाट समुदाय को आरक्षण दिलाने में उनकी बड़ी भूमिका है, बल्कि मारवाड़ी समाज में भी उनका अच्छा-खासा प्रभाव माना जाता है। बीच में जगदीप धनखड़ ने कॉन्ग्रेस का दामन भी थामा था। अजमेर से लोकसभा का चुनाव हारने के बाद उन्होंने भाजपा का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट के भी वो जाने-माने वकील रह चुके हैं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली TMC सरकार के फैसलों के लिए कई बार उन्हें आड़े हाथों लिया और ये टकराव मीडिया की सुर्खियाँ बनता रहा।