संसद की कार्यवाही के दौरान देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली आज पूरी रौ में दिखे। राफेल मुद्दे पर चर्चा के दौरान उन्होंने राहुल गाँधी और कांग्रेस के हर एक आरोपों और सवालों का जवाब तो दिया ही, साथ ही विपक्षी पार्टी पर करारा हमला बोला। राफेल सौदे में विमानों की खरीद से लेकर ओफ़्सेट पार्टनर चुनने और जेपीसी की मांग तक, जेटली ने हर एक मुद्दे पर कई बातों को स्पष्ट किया और साथ ही कांग्रेस पर पलटवार भी करते रहे। पूरी बहस के दौरान कांग्रेस के सांसद कागज़ के हवाई जहाज उड़ाते रहे जिस से लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन काफी नाराज दिखी। जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी केंद्र सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा रहे थे तब श्रीमती महाजन ने उन्हें टोकते हुए अनिल अम्बानी का नाम न लेने की सलाह दी और कहा कि जो सदन में नहीं हैं उनका नाम न लें।
कांग्रेस द्वारा राफेल की जांच के लिए जेपीसी के गठन की मांग को ठुकराते हुए जेटली ने कहा;
“कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें स्वभाविक रूप से सच्चाई नापसंद होती है। उन्हें सिर्फ पैसे का गणित समझ में आता है, देश की सुरक्षा का नहीं। जेपीसी में संयुक्त संसदीय समिति नहीं हो सकती है, यह नीतिगत विषय नहीं है। यह मामला सौदे के सही होने के संबंध में है। उच्चतम न्यायलय में यह सही साबित हुआ है।”
इस से पहले राहुल गाँधी ने सदन में एक टेप चलाने की अनुमति मांगी। कांग्रेस द्वारा उस टेप को लेकर देश के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पर निशाना साधा जा रहा है। लोकसभाध्यक्ष ने राहुल से कहा कि वो तभी उन्ही ये मांग मान सकती है जब वह इस टेप के सत्य होने की बात लिखित में स्वीकार करें लेकिन फिर अपने ही दांव में फंसे राहुल गाँधी ने सदन के सामने उस ऑडियो क्लिप की ट्रांसक्रिप्ट पढ़ने की मांग कर दी। लेकिन श्रीमती महाजन ने उनकी इस मांग को भी ठुकरा दिया। वहीं जेटली ने पलटवार करते हुए कहा कि ये टेप फर्जी है इसलिए राहुल गांधी घबरा रहे हैं, कुछ लोगों को सच पसंद नहीं।
“राहुल गांधी झूठ बोल रहे हैं, वो जिस टेप की बात कर रहे हैं वो पूरी तरह फर्जी है इसलिए सत्यता नहीं बताई।”
– अरुण जेटली, केंद्रीय वित्त मंत्री
लोकसभा अध्यक्ष द्वारा अनिल अम्बानी का नाम लेने की मनाही के बाद राहुल गाँधी ने अम्बानी को डबल ए (एए) से संबोधित करना शुरू कर दिया जिस पर चुटकी लेते हुए जेटली ने क्वाचोत्री की तरफ अप्रत्यक्ष रूप से इंगित करते हुए कहा कि राहुल गाँधी बचपन में ‘क्यू’ की गोद में खेले थे। साथ ही उन्होंने कांग्रेस से नेशनल हेराल्ड, बोफोर्स और अगस्ता वेस्टलैंड को लेकर जवाब माँगा। राफेल पर अपनी सरकार की उपलब्धि गिनाते हुए जेटली ने कहा;
”जो यूपीए के ज़माने में शर्तें थीं उनसे बेहतर शर्तों पर सौदा करने का हमने फ़ैसला किया. इस बातचीत में एयरफ़ोर्स विशेषज्ञों को शामिल किया गया. हमने सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद 2016 में दस्सौल्ट के साथ समझौता किया. सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कहा है कि सारी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है.”
“कांग्रेस के मुख्य वक्ता ने सब कुछ झूठ बोला है, पिछले छह माह से इस मामले में बोला गया हर शब्द फर्जी और झूठा है।”
– अरुण जेटली, केंद्रीय वित्त मंत्री
शीर्ष अदालत द्वारा राफेल मामले में केंद्र सरकार को दिए गए क्लीन चिट का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि राहुल गाँधी ने इस बारे में जो भी कहा है वो शीर्ष अदालत के निर्णय के खिलाफ है।उन्होंने कांग्रेस पर सच को नकारने का आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल को विमान की समझ ही नहीं है। अरुण जेटली ने ऑडियो क्लिप को लेकर भी राहुल गाँधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो इसकी पुष्टि क्यों नहीं कर रहे। उन्होंने सदन को ये भी बताया कि राफेल में तीस से पचास प्रतिशत तक सामान भारत में खरीदने की बात है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस को ऑफसेट का मतलब समझने की नसीहत दी। अनिल अम्बानी को लेकर लगे आरोपों पर उन्होंने कहा कि ये हमने नहीं बल्कि दस्सौल्ट ने तय किया कि ऑफसेट पार्टनर कौन होंगे।
इस से पहले राहुल गाँधी ने राफेल पर सरकार को घेरते हुए उन्ही आरोपों की झड़ी लगाईं जो वह अक्सर बोलते रहे हैं। उन्होंने राफेल को लेकर अपने सारे आरोपों को सदन में दोहराया। कमोबेश ये वही आरोप हैं जिन्हें वो अक्सर मीडिया के सामने कई बार दोहरा चुके हैं।