दिल्ली की युवा सोशल वर्कर जसप्रीत कौर ने कॉन्ग्रेस की युवा विंग भारतीय युवा कॉन्ग्रेस (IYC) के दिए इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार को लेने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि कॉन्ग्रेस सबसे भ्रष्ट पार्टी है और सिख नरसंहार के लिए जिम्मेदार है।
कौर ने ये जानकारी शुक्रवार (17 नवंबर) को अपने एक्स हैंडल पर शेयर की। पोस्ट में उन्होंने एक स्क्रीनशॉट डाला जिसमें IYC के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी की ओर से उन्हें ईमेल आया था।
मेल के जवाब में कौर ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा,”मैं इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार लेने से इनकार करती हूँ, क्योंकि यह भारतीय युवा कॉन्ग्रेस है, जो सबसे भ्रष्ट पार्टी है और पक्के तौर पर सिख नरसंहार के लिए जिम्मेदार हैं!”
गौरतलब है कि जसप्रीत कौर दिल्ली में ‘तेजस फॉर चेंज फाउंडेशन’ नाम से एक एनजीओ चलाती हैं। इस एनजीओ के जरिए वो वह गरीब, वंचितों और विकलांग बच्चों और युवाओं के लिए काम करती हैं।
I REFUSE to take INDIRA PRIYADARSHINI AWARD’ as it’s from INDIAN YOUTH CONGRESS @IYC, the most corrupt party and ofcourse the ones who are responsible for Sikh massacre! @srinivasiyc pic.twitter.com/ENSn4olsIL
— Jaspreet Kaur (@jaspreetsays) November 17, 2023
उन्हें IYC के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी से मिले मेल में लिखा था, ”प्रिय पुरस्कार विजेताओं। हम आपको यह सूचित करते हैं कि भारतीय युवा कॉन्ग्रेस ने 18 नवंबर, 2023 को सुबह 11:00 बजे से जवाहर भवन, नई दिल्ली में ‘इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार’ समारोह का आयोजन किया है। आपसे अनुरोध है कि आप अपना कीमती वक्त दें और कार्यक्रम में भाग लें। युवा कॉन्ग्रेस के सदस्यों को मार्गदर्शन, प्रेरणा देने और उत्साह बढ़ाने के लिए अपनी मौजूदगी से इस अवसर की शोभा बढ़ाएँ।”
ऑपइंडिया से जसप्रीत कौर ने की बात
ऑपइंडिया से बात करते हुए जसप्रीत कौर ने कहा, “मैं दिल्ली में ‘तेजस फॉर चेंज फाउंडेशन’ नाम से अपना एनजीओ चलाती हूँ। मेरे एक जानने वाले भी दिल्ली में एक एनजीओ भी चलाते हैं। मैं उनसे जुड़ी थी। उन्होंने मुझसे कहा था कि वह इस इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार के लिए मेरा नाम देना चाहते हैं। उस वक्त मुझे नहीं पता था कि यह पुरस्कार कॉन्ग्रेस पार्टी देती है।”
उन्होंने आगे कहा, “कल (17 नवंबर) रात करीब 9:20 बजे मुझे कॉन्ग्रेस पार्टी की आईडी से इस पुरस्कार के लिए ईमेल आया। मैंने कॉन्ग्रेस का नाम पढ़ते ही तुरंत यह पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया। मुझे मिले मेल में पुरस्कार पाने वाले लगभग 14 से 15 अन्य लोगों का भी जिक्र है। हालाँकि मैं उन्हें नहीं जानती।”
जसप्रीत कौर ने आगे कहा, ”मुझे पता है कि कॉन्ग्रेस पार्टी ने 1984 में जिस तरह से सिखों का नरसंहार किया था उसे देखते हुए अगर मैंने इस पार्टी से यह पुरस्कार लिया होता तो ये मेरे पूरे सिख समुदाय के लिए एक अपमानजनक बात होती। मैं किसी भी कीमत पर कॉन्ग्रेस से कुछ भी नहीं लेना चाहती।”
बताते चलें कि इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार भारतीय युवा कॉन्ग्रेस सामाजिक कल्याण के कामों, शिक्षा, कला, संस्कृति और खेल जैसे कई क्षेत्रों में योगदान देने वाले युवाओं को देती है। यह पुरस्कार 1995 में शुरू किया गया था और तब से यह हर साल दिया जाता है।
Took part in #MeriMaatiMeraDesh program at Shivaji college, Raja Garden (DU) along with @TajinderBagga ji, @Abhiemanyu bhaiya, principal sh. Virender Bharadwaj and @BJYM karyakartas. #AzadiKaAmritMahotsav pic.twitter.com/UHer93Rdca
— Jaspreet Kaur (@jaspreetsays) October 18, 2023
उन्होंने आगे कहा, “सोशल मीडिया पर कई लोग मुझे इसके लिए ट्रोल कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि मैंने पुरस्कार से इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि मैं भाजपा से हूँ। मैं भाजपा से जुड़ी नहीं हूँ। लेकिन ट्रोलर्स मेरे पुराने ट्वीट्स (एक्स पर पोस्ट), पोस्ट के स्क्रीनशॉट और तस्वीरें उठा रहे हैं। मैं किसी पार्टी से नहीं हूँ। सच तो यह है कि मैं किसी भी हालात में यह पुरस्कार नहीं लेती फिर चाहे में किसी विशेष पार्टी का समर्थन करती हूँ या नहीं।”
ट्रोल होने के बारे में उन्होंने कहा, ”मैंने ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के एक कार्यक्रम में भाग लिया था। यह शिवाजी कॉलेज में आयोजित किया गया था। मुझे वहाँ एनजीओ सदस्य होने से गेस्ट के तौर बुलाया गया था। तजिंदर पाल सिंह बग्गा जी भी वहाँ मौजूद थे। वह राजनीतिक तौर से सक्रिय हैं। मैं नहीं हूँ, लेकिन सिर्फ इसलिए कि मैं एक तस्वीर में उनके जैसे किसी शख्स के साथ देखी थी तो लोगों ने दावा करना शुरू कर दिया कि मैं भाजपा से हूँ। मेरे पास भाजपा में कोई पद नहीं है। मैं उनकी कुछ नीतियों का समर्थन करती हूँ यह सच है, लेकिन मैं बीजेपी की सदस्य नहीं हूँ।”
जसप्रीत कौर पत्रकारिता और जनसंचार में ग्रेजुएट हैं। इसके अलावा वो फ्रेंच भाषा भी सिखाती हैं। उन्होंने दिल्ली में ‘तेजस फॉर चेंज फाउंडेशन’ की नींव दिसंबर 2022 में रखी थी। हालाँकि इसका काम 2023 में शुरू हुआ। यह एनजीओ विकलांग बच्चों और वंचित युवाओं के लिए खेल में उनकी भागीदारी बढ़ाने और उनकी शिक्षा के लिए काम करता है।