Wednesday, November 13, 2024
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झारखंड में PM CARES फंड के तहत मिले 60 वेंटिलेटर बेकार पड़े, राज्य ने माँगे अतिरिक्त 1500 वेंटिलेटर

बीते पाँच महीने से लातेहार सदर अस्पताल में 12 वेंटिलेटर धूल खा रहे हैं। जबकि, गुमला में मशीनों को चलाने के लिए टेक्नीशियन नहीं होने के कारण 21 वेंटिलेटर ऐसे ही बेकार हालत में पड़े हुए हैं। बोकारो में वेंटिलेटर होने के बाद भी यहाँ के जिला सदर अस्पताल के आईसीयू वार्ड में ताला लगा दिया गया।

देशभर में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। इसी कड़ी में झारखंड कोरोना की दूसरी लहर से सबसे ज्यादा प्रभावित देश का छठा राज्य है। संक्रमण के हालात इतने बुरे हैं कि बीते 24 घंटे में ही राज्य में 4000 नए मामले सामने आए हैं और 50 लोगों की मौत हुई है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड में कोरोना के कारण स्थिति बेहद गंभीर है, लेकिन लापरवाही के चलते सात जिलों में पीएम केयर फंड के तहत मिले 60 वेंटिलेटर धूल फाँक रहे हैं।

बीते पाँच महीने से लातेहार सदर अस्पताल में 12 वेंटिलेटर धूल खा रहे हैं। जबकि, गुमला में मशीनों को चलाने के लिए टेक्नीशियन नहीं होने के कारण 21 वेंटिलेटर ऐसे ही बेकार हालत में पड़े हुए हैं। बोकारो में वेंटिलेटर होने के बाद भी यहाँ के जिला सदर अस्पताल के आईसीयू वार्ड में ताला लगा दिया गया। हालाँकि, गुरुवार को अस्पताल की उप अधीक्षक डॉ रेणु भारती ने एक मरीज को भर्ती किया।

इसी तरह से हजारीबाग जिले के पीएचसी और सीएचसी में 9 वेंटिलेटर लगाए गए हैं, लेकिन ये बेकार हैं। वहीं रामगढ़, चतरा और सिमडेगा में ट्रेंड टेक्नीशियन नहीं होने के कारण वेंटिलेटर का कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। एनटीपीसी, डीएमएफटी और एनएचआरएम फंड से मिले 28 अन्य वेंटिलेटर भी पैक रखे हुए हैं।

जानकारी मिली है कि लातेहार जिले में अक्टूबर 2020 में ये वेंटिलेटर लाए गए थे, लेकिन इन्हें पैक कर एक कमरे में बंद कर दिया गया। ऑक्सीजन पाइप कनेक्शन नहीं होने के कारण ये मशीनें धूल खा रही हैं। कोरोना की दूसरी लहर के कहर के बाद अब प्रशासन ने ऑक्सीजन कनेक्शन को ठीक करने का काम शुरू किया है।

बोकारो जिला सदर अस्पताल के उप अधीक्षक ने जानकारी दी कि सदर अस्पताल में 45 वेंटिलेटर थे, जिसमें से 20 को दूसरी जगहों पर भेजा गया है और अन्य 20 को लगा दिया गया है। वहीं गुमला के नोडल अधिकारी ने बताया कि टेक्नीशियन की कमी के कारण वेंटिलेटर नहीं लगाए गए हैं, लेकिन एक-दो दिन में उन्हें लगवा दिया जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग ने माँगे 1500 वेंटिलेटर

पीएम केयर फंड से खरीदे गए वेंटिलेटर प्रशासनिक लापरवाही के कारण कमरों में पड़े धूल खा रहे हैं। वहीं राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार से कोविड से मरीजों के लिए अतिरिक्त 1,500 वेंटिलेटर की माँग की है।

इस मामले में झारखंड के स्वास्थ्य सचिव केके सोहन ने अतिरिक्त सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय वंदना गुरनानी को पत्र लिखकर कहा है कि मौजूदा समय में कोरोना तेजी से बढ़ा है। ऐसे में राज्य में लगभग 33,000 से 35,000 केस हैं। इस कारण राज्य को महीने के अंत तक अधिक वेंटिलेटर की जरूरत होगी।

केंद्र ने दिया मदद का आश्वासन

कोरोना के कहर से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों को केंद्र सरकार ने मदद का आश्वासन दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन सिंह जानकारी दी है कि 1,121 वेंटिलेटर महाराष्ट्र, 1,700 उत्तर प्रदेश, 1,500 झारखंड, 1,600 गुजरात, 152 मध्य प्रदेश और 230 छत्तीसगढ़ दिए जाएँगे।

केंद्रीय मंत्री ने 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए राज्यों को अग्रिम योजना तैयार करने को कहा है। कोरोना के मामलों में आई तेजी से निपटने के लिए कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड समेत दूसरे बुनियादी ढाँचे सुविधाओं को बढ़ाने की सलाह केंद्रीय मंत्री ने दी है।

पंजाब में बेकार पड़े वेंटिलेटर

एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर के बीच मार्च के अंत तक 250 से अधिक वेंटिलेटर पंजाब राज्य सरकार के गोदामों में बेकार ही पड़े हुए थे। बताया गया कि इन मशीनों को इंस्टाल करने के लिए टेक्नीशियनों की कमी थी।

ऐसा पहली बार नहीं है, जब राज्य के अस्पतालों में वेंटिलेटर ऐसे ही पड़े रहे हों। करीब 5 साल पहले 10 वेंटिलेटर को लुधियाना के सिविल अस्पताल में भेजा गया था, लेकिन जब तक महामारी का कहर नहीं बरपा ये ऐसे ही पड़े रहे। उस दौरान इसे एक स्थानीय अस्पताल को सौंपने की तैयारी थी।

गौरतलब है कि पंजाब में कॉन्ग्रेस की सरकार है और झारखंड में वह गठबंधन में है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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