झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री खुलकर मैदान में उतर आए हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि वो नई राजनीतिक पार्टी बना रहे हैं, साथ ही किसी सहयोगी का भी साथ लेंगे। चंपई सोरेन ने बुधवार (21 अगस्त 2024) को हाता क्षेत्र में समर्थकों से मुलाकात के बाद अलग संगठन खड़ा करने की घोषणा कर दी है। उन्होंने ने कहा है कि सात दिन के भीतर पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी।
चंपई सोरेन ने कहा कि मैंने तीन विकल्प बताए थे, रिटायरमेंट, संगठन या दोस्त। मैं रिटायर नहीं होऊँगा। मैं पार्टी को मजबूत करूँगा, नई पार्टी बनाऊँगा। पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने कहा, “अगर रास्ते में कोई अच्छा दोस्त मिलता है, तो उसके साथ आगे बढ़ूँगा।”
इस दौरान, चुनाव नजदीक होने और नई पार्टी को खड़ा करने के लिए समय कम होने के सवाल पर चंपई सोरेन थोड़ा भड़क उठे। उन्होंने रिपोर्टर से कहा कि उससे आपको क्या परेशानी है? इस बात को उन्होंने दो बार रिपीट भी किया है और कहा कि जब हमारे एक दिन कहने पर यहाँ पर 30-40 हजार कार्यकर्ता आ गए तो आपको क्या परेशानी है?
VIDEO | Former Jharkhand chief minister Champai Soren (@ChampaiSoren) announces to float a new political party, and also keeps doors open for alliance.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 21, 2024
"I had mentioned three options – retirement, organisation or friend. I will not retire; I will strengthen the party, a new… pic.twitter.com/LfQABpo6Lh
बता दें कि चंपाई सोरेन अलग-अलग जगहों पर जाकर समर्थकों से मिल रहे हैं। चुनाव नजदीक होने और नई पार्टी को खड़ा करने के लिए समय कम होने के सवाल पर चंपई सोरेन ने कहा कि अगर लोग उनके लिए यहाँ पहुँचे हैं, तो संगठन भी खड़ा हो जाएगा। चंपई सोरेन ने कहा, “मंगलवार से रोड पर हजार-हजार कार्यकर्ता हैं और आज भी 30-40 हजार कार्यकर्ता हैं। ऐसे में नया बनाने में हमको क्या तकलीफ है? इसलिए हम नया भी बना सकते हैं और अच्छा दोस्त मिला तो उसके साथ आगे भी बढ़ सकते हैं।”
चंपई सोरेन से जब यह पूछा गया कि नई पार्टी के बारे में सबकुछ कब तक साफ हो जाएगा? मीडिया के इस सवाल पर चंपई सोरेन ने कहा 15 दिन में। चंपई की इस घोषणा से भाजपा में शामिल होने के कयासों पर अब विराम लग गया है। हालाँकि उन्होंने अभी तक नहीं बताया है कि उनकी पार्टी का क्या नाम होगा।
धन्यवाद झारखंड !
— Champai Soren (@ChampaiSoren) August 21, 2024
इस प्यार, सहयोग एवं समर्थन के लिए।
पिछले साढ़े चार दशकों से आम जनता के मुद्दों को लेकर संघर्ष करता रहा हूँ, और आपका आशीर्वाद, जीवन के इस नये अध्याय में, मुझे सही फैसला लेने का हौसला दे रहा है।
फिलहाल जनता से मिल रहा हूं। सन्यास लेना अब विकल्प नहीं है। सभी लोगों… pic.twitter.com/gc71bI1NLb
बता दें कि चंपई सोरेन ने अलग झारखंड राज्य आंदोलन में लंबी लड़ाई लड़ी थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा में कई बार विभाजन के बाद भी वो शिबू सोरेन के साथ डटे रहे थे। पहली बार साल 1991 में वो विधायक बने थे। साल 1991 में उन्होंने निर्दलीय जीत दर्ज की थी बाद में वो जेएमएम में शामिल हो गए। साल 2000 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था लेकिन 2005 के बाद से वो लगातार जीतते रहे हैं।
गौरतलब है कि चंपई सोरेन ने दो फरवरी को झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया था, उनके पूर्ववर्ती हेमंत सोरेन ने धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने से ठीक पहले इस्तीफा दे दिया था।
हेमंत सोरेन को 28 जून को हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया था। तीन जुलाई को हेमंत सोरेन झामुमो विधायक दल का नेता चुना गया था। इसके बाद चंपई सोरेन ने राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंप दिया, जिससे हेमंत सोरेन के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया। हालाँकि इसके बाद चंपई सोरेन ने खुद के साथ गलत व्यवहार का आरोप लगाते हुए जेएमएम छोड़ने की घोषणा कर दी थी।