झारखंड के जमशेदपुर में ईसाई पादरी रवि के ऊपर बड़े पैमाने पर धर्मान्तरण करवाने का आरोप लगा है। उनकी चंगाई सभा के खिलाफ पिछले 27 फरवरी को हिन्दू संगठनों और सिखों ने उग्र प्रदर्शन किया था। वहीं से आरोपित रवि सिंह को गिरफ्तार करने की माँग जोर पकड़ रही है। उस पर आदिवासियों के साथ सिख समाज के लोगों को भी ईसाई बनाने का आरोप है। फिलहाल पुलिस ने उसे हिरासत में ले कर छोड़ दिया था। हिन्दू और सिख समाज के लोगों ने पुलिस और स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाया है कि उनके कई बार शिकायत करने के बाद भी आरोपित पॉस्टर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
झारखंड में तेजी से बढ़ी हैं धर्मान्तरण की घटनाएँ
गोलमुरी की घटना धर्मान्तरण की पहली घटना नहीं है। इससे पहले सितम्बर 2021 में इसी गोलमुरी में ही सिख समुदाय ने DC और SP से मिल कर धर्मान्तरण की घटनाओं पर लगाम लगाने की माँग की थी। झारखंड के गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष सरदार शैलेंदर सिंह के मुताबिक इस शिकायत पर भी प्रशासन द्वारा कोई खास ध्यान नहीं दिया गया था।
दिसम्बर 2021 में झारखंड के गुमला के गढ़टोली प्रखंड में 30 आदिवासी परिवारों के धर्मान्तरण की खबर आई थी। इस दौरान धर्मान्तरण न करने वाले परिवारों ने बताया था कि उन्हें ईसाई न बनने पर सामाजिक बहिष्कार के साथ जान से मारने तक की धमकी मिल रही थी। साथ ही पेशे के शिक्षक ने खुद पर गौमांस खाने का दबाव होना स्वीकार किया था। इस मामले में भी पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी।
नवम्बर 2021 में झारखंड के रामगढ़ जिले के गंझूडीह टोला में धर्म परिवर्तन कराने पहुँचे ईसाई समुदाय की एक महिला सहित 6 लोगों को बंधक बना लिया गया था। उन्होंने एक महिला को लालच दिया था कि ईसाई बनते हैं तो उनके घर बेटे जा जन्म होगा। बाद में पुलिस ने बंधकों को छुड़ाया और साथ में थाने ले गई थी।
सितम्बर 2021 में एक गुमला की ही एक दलित महिला ने खुद और अपनी बेटी पर धर्मान्तरण के दबाव का आरोप लगाया था। महिला ने कुरकुरा थाने में इसकी शिकायत भी दर्ज करवाई थी। पीड़िता के मुताबिक तब उसकी 16 साल की बेटी के साथ यौन शोषण किया गया था। शिकायत के अनुसार आरोपितों ने उनकी बेटी के कपड़े खींचते हुए कहा था कि वे उससे शादी करेंगे और फिर उसे ईसाई बना देंगे। इतना ही नहीं, महिला और उसके परिवार के खिलाफ गाँव वालों को भी भड़काया गया था।
कोरोना संकट के दौरान भी झारखंड में धर्मान्तरण का अवैध धंधा खूब फला फूला। जून 2020 में धनबाद के झरिया में पुनर्वास के नाम पर 2 दर्जन परिवारों का धर्मान्तरण करवा दिया गया था। इस घटना के विरोध में हिन्दू संगठनों ने उग्र विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान सिंदरी से भाजपा विधायक इंद्रजीत महतो ने कहा था कि हेमंत सरकार बनते ही मिशनरी गतिविधियाँ ऐसे बढ़ गई हैं जैसे कि झारखंड में झामुमो नहीं बल्कि मिशनरियों की सरकार हो।
यह कैसी राजनीति है ?? राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनका धर्मांतरण कराया जा रहा है और हेमंत सोरेन सरकार उनके सामने नतमस्तक है।#हेमंत_हैं_तो_हिम्मत_है pic.twitter.com/5vvcPDuSOd
— Subodh Kumar Singh Guddu (@subodhguddu) July 17, 2021
धर्मांतरण के मामलों में झारखंड प्रशासन पर लगे हैं लीपापोती के आरोप
झारखंड में आधिकारिक रूप से धर्मान्तरण प्रतिबंधित हैं। लेकिन इसके बावजूद प्रशासन की ढिलाई का फायदा मिशनरियाँ उठा रही हैं। ऑपइंडिया ने 27 फरवरी को जमशेदपुर के गोलमुरी घटनाक्रम पर जानकारी लेने के लिए ADM जमशेदपुर को सम्पर्क किया तब उन्होंने खुद के बजाय DC या SP से बात करने को कहा था। जमशेदपुर के SP सिटी ने ऑपइंडिया को 28 फरवरी को मामले में अपडेट जानकारी न होना बताया था। हमें गोलमुरी थाने के SHO ने बताया कि इस मामले में कुल 4 केस दर्ज हुए हैं। इन 4 केसों में 2 केस दोनों पक्षों (रवि सिंह और उन पर आरोप लगाने वाले) ने एक दूसरे पर करवाए हैं। बाकी 2 केस प्रशासन ने दर्ज किए हैं। अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी 2021 में झारखंड के चतरा जिला स्थित हंटरगंज के कटैया पंचायत के पन्नाटांड रविदास टोला में अपनी माँ के ईसाई बन जाने से आहत एक युवक ने आत्महत्या कर ली थी। एक स्थानीय पोर्टल के मुताबिक इस घटना को पुलिस ने आत्महत्या मानने से इंकार कर दिया था।
अगस्त 2021 में प्रकाशित एक रिपोर्ट में हजारीबाग के दारू प्रखंड में ईसाई मिशनरियों के अवैध कार्यों पर शिकायत के बाद भी पुलिस या प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। तब मिशनरियों पर 200 से अधिक जनजातियों को लोभ दे कर धर्मांतरित करने का आरोप लगा था।
ईसाई मिशनरियों की तारीफ करते हैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
गौरतलब है कि झारखंड में वर्तमान में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार चल रही है। इस सरकार में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के अलावा कॉन्ग्रेस और RJD भी शामिल हैं। इस सरकार का गठन दिसम्बर 2019 में हुआ था। सरकार के गठन के बाद भाजपा नेताओं ने बताया कि धर्मान्तरण की गतिविधियों में तेजी आई है।
झारखंड में लगातार घट रही आदिवासियों की जनसंख्या का प्रमुख कारण धर्मांतरण है, @dasraghubar जी ने आदिवासी बंधुओ के हित की रक्षा के लिए धर्मांतरण के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला था जिससे धर्मांतरण में कमी आयी थी।
— Shashi Shekhar Singh (@S_ShekharSingh) July 11, 2021
आज आदिवासी समुदाय को अपना वोट बैंक बनाने वाले हेमंत सोरेन जी इसपर मौन है। pic.twitter.com/BMeXdLodq1
नवम्बर 2021 में Z न्यूज़ द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए ईसाई मिशनरियों का 50% योगदान बताया था। इसी के साथ उन्होंने कोरोना संक्रमण काल में आदिवासी, पिछड़ों, अल्पसंख्यक समेत अन्य के लिए मिशनरियों के कार्यों को सराहनीय बताया था।
#हेमंत_सोरेन जी पूरी बात बोला कीजिए।
— Reetesh Singh (@ReeteshSinghRSS) November 19, 2021
धर्मांतरण में मिशनरियों का 100% योगदान रहा है।
इसे भी बताइए।@RSSorg @VHPDigital @MParandeVHP @dprakashbjp @deepakbankabjp @kislay_official pic.twitter.com/7DWor1zNWC
मुख्यमंत्री सोरेन ने अक्टूबर 2020 में NIA द्वारा फादर स्टेन की गिरफ्तारी का विरोध किया था। तब उन्होंने इसे अल्पसंख्यकों पर हमला और सरकारी एजेंसियों का केंद्र द्वारा दुरूपयोग बताया था। फादर स्टेन एल्गार परिषद से जुड़े हुए थे और कई साजिशों में शामिल बताए गए थे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक दिसम्बर 2021 में मुख्यमंत्री सोरेन ने राँची के पुरुलिया रोड स्थित आर्चबिशप के साथ मुलाक़ात की थी। इस दौरान दोनों ने मिल कर केक काटा था। साथ ही ईसा मसीह से झारखंड की भलाई की प्रार्थना की थी।
झारखंड के आर्क बिशप मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से माँग चुके हैं ईसाई के लिए मंत्री पद
साल 2020 में आर्कबिशप फेलिक्स टोप्पो और सहायक बिशप थियोडोर मास्करेहंस ने क्रिसमस के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईसाई समुदाय के लिए मंत्री पद माँगा था। यह माँग उन्होंने क्रिसमस गिफ्ट के तौर पर की थी। बिशप के मुताबिक ईसाई मंत्री ईसाइयों की भावनाओं को बेहतर समझ सकता है। उस समय भाजपा ने इसे हेमंत सरकार का छिपा एजेंडा बताया था।
भाजपा और VHP ने सोरेन सरकार को मिशनरियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया
ऑपइंडिया ने इस बारे में झारखंड भाजपा के प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा से बात की। प्रदीप वर्मा ने बताया, “रघुबर दास की सरकार जाते ही और हेमंत सोरेन की सरकार आते ही ईसाई मिशनरियाँ बेकाबू हो चुकी हैं। पहले कानून के तहत किसी का धर्म परिवर्तन करवाने के लिए जिलाधिकारी से अनुमति लेनी पड़ती थी। लेकिन अब उस कानून को कोई मान नहीं रहा है। अब धर्म परिवर्तन सत्ता के संरक्षण में हो रहा है। पुलिस प्रशासन कोई भी कार्रवाई अब शिकायतों पर नहीं करता। पहले धर्म परिवर्तन छिप कर गावों में ही होता था लेकिन अब ये खुलेआम जमशेदपुर जैसे शहरों में हो रहा है। मिशनरियों को अब किसी का भी डर नहीं है।”
विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने झारखंड में धर्मान्तरण की बढ़ती घटनाओं पर हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा है। 28 फरवरी को उन्होंने लिखा, “झारखण्ड में भोले-भाले वनवासियों का सरेआम धर्म छीना जा रहा है। यूक्रेन से तो मोदी जी बचाकर ले आएंगे। हेमंत सोरेन जी, धरती आबा की तपोभूमि को पापी पास्टरों के कुकर्मों से बचाओ। झारखंड को ईसाई खण्ड मत बनाओ। चंगाई सभाएं, जिन्हें ये कपटी पादरी प्रार्थना सभा का नाम देते हैं, जमशेदपुर सहित सम्पूर्ण भारत में हिंदुओं के धर्मांतरण के अनाधिकृत अड्डे बन चुकी हैं। विराम ज़रूरी है।”
चंगाई सभाएं, जिन्हें ये कपटी पादरी प्रार्थना सभा का नाम देते हैं, जमशेदपुर सहित सम्पूर्ण भारत में हिंदुओं के धर्मांतरण के अनाधिकृत अड्डे बन चुकी हैं। विराम ज़रूरी है।
— विनोद बंसल Vinod Bansal (@vinod_bansal) February 28, 2022
अप्रैल 2021 में पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने झारखंड की वर्तमान सोरेन सरकार पर ईसाई मिशनरियों के इशारे पर चलने का आरोप लगाया था। तब उन्होंने हेमंत सोरेन को सोने की चम्मच ले कर पैदा हुआ बताया था। मिशरनियों को राष्ट्रविरोधी ताकतें बताते हुए उन्होंने CM हेमंत सोरेन को उनका समर्थक बताया था।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के उन्नीस महीने के कार्यकाल में धर्मांतरण का तेज़ी से ‘’विकास’’ हुआ है।
— Sunil Kr. Tiwari (सुनील तिवारी)🇮🇳 (@itssuniltiwari) July 17, 2021
एक साल में पाँच लाख बेरोज़गारों को नौकरी देने वर्ना राजनीति से संन्यास लेने की लोकलुभावन सौगंध लेकर सत्ता हथियाने वाले सोरेन जी धर्मांतरण विकास रोकने के सवाल पर चुप हैं? pic.twitter.com/iL6UJtBUpi
झारखंड भाजपा नेता सुनील तिवारी ने 17 जुलाई 2021 को कुछ अख़बारों की कटिंग को शेयर करते हुए लिखा, “झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के उन्नीस महीने के कार्यकाल में धर्मांतरण का तेज़ी से ‘’विकास’’ हुआ है। एक साल में पाँच लाख बेरोज़गारों को नौकरी देने वर्ना राजनीति से संन्यास लेने की लोकलुभावन सौगंध लेकर सत्ता हथियाने वाले सोरेन जी धर्मांतरण विकास रोकने के सवाल पर चुप हैं ?”