Sunday, November 17, 2024
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बिहार: माओवाद के बाद ‘जिन्नावाद’.. कॉन्ग्रेस ने जाले सीट पर उतारा जिन्ना समर्थक प्रत्याशी, उस्मानी पर राजद्रोह का भी है आरोप

उस्मानी पर 2019 में कथित तौर पर कथित देश विरोधी नारा लगाने के लिए राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था और उसने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगाने के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया था।

बिहार विधानसभा चुनावों में माओवाद के बाद अब ‘जिन्नावाद’ की भी एंट्री हो चुकी है, जिसका पूरा क्रेडिट कॉन्ग्रेस को जाता है। कॉन्ग्रेस पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में जाले सीट से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष डॉ मशकूर अहमद उस्मानी को टिकट दिया है। उस्मानी पर 2019 में कथित तौर पर कथित देश विरोधी नारा लगाने के लिए राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था और उसने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगाने के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया था। 

कॉन्ग्रेस पार्टी का यह कदम राजनीतिक विवाद और चर्चा का कारण बन गया है। कॉन्ग्रेस ने उस्मानी को जाले विधानसभा सीट से टिकट देने के लिए पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा के पौत्र ऋषि मिश्रा का टिकट काटा गया, जो हाल ही में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) छोड़ कर कॉन्ग्रेस में शामिल हुए थे। टिकट न मिलने की बात से क्षुब्ध होकर ऋषि मिश्रा ने उस्मानी को जिन्ना का समर्थक बताया जो अपने कार्यालय में जिन्ना की तस्वीर लगाता है। इसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें कोई परेशानी नहीं होती अगर यह टिकट उस्मानी की जगह किसी और को मिल गया होता। 

बिहार कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा की आलोचना करते हुए ऋषि मिश्रा ने कहा, “झा और कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को इस बात पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि उन्होंने किस आधार पर उस्मानी को टिकट दिया।” इसके बाद उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस गाँधी की विचारधारा को मानने वाला राजनीतिक दल था जो अब जिन्ना को मानने वाला दल बन गया है। गाँधी के देश में जिन्ना की तस्वीर किसी भी सूरत में नहीं लग सकती है। 

इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता और सांसद गिरिराज सिंह ने भी उस्मानी को टिकट देने के फैसले पर कॉन्ग्रेस को घेरा। उन्होंने कॉन्ग्रेस पार्टी और महागठबंधन से पूछा कि उन्हें इस बात का जवाब देना चाहिए कि जाले विधानसभा सीट से उनका उम्मीदवार जिन्ना का समर्थन करता है या नहीं?

पशुपालन, दुग्ध और मछली पालन मंत्री सिंह ने कॉन्ग्रेस और महागठबंधन से सवाल किया कि क्या वह भी जिन्ना का समर्थन करते हैं। अंत में उनका सवाल था कि क्या उनका दल दिल्ली दंगों के आरोपित शरजील इमाम को अपना स्टार प्रचारक बनाएगा? 

इसके बाद मशकूर अहमद उस्मानी ने इन बातों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मेरी उम्मीदवारी ने मेरा विरोध करने वालों को नैतिक रूप से हरा दिया है।”

उस्मानी ने कहा कि तेजस्वी यादव महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं वह उनके नेतृत्व का समर्थन करते हैं। अंत में उस्मानी ने सोनिया गाँधी का आभार जताया कि पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है। 

मशकूर अहमद उस्मानी ने साल 2016 में छात्र राजनीति में कदम रखा था और साल 2017 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष बने। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगाए जाने के समर्थन में प्रदर्शन किया था। इतना ही नहीं, साल 2018 के दौरान उन्होंने इस मामले में दखल देने के लिए राष्ट्रपति को पत्र भी लिखा था। इसके अलावा, उस्मानी ने सीएए और एनआरसी का भी जम कर विरोध किया था।           

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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