नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार (26 दिसंबर 2023) को कश्मीर को लेकर आशंका जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान बातचीत के जरिए अपने विवादों को खत्म नहीं करते हैं तो कश्मीर का भी हश्र गाजा एवं फिलिस्तीन जैसा होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर हम बातचीत के जरिए समाधान नहीं खोजते हैं तो हमारा भी गाजा और फिलिस्तीन जैसा ही हश्र होगा, जिस पर आजकल इजरायल बमबारी कर रहा है।” उन्होंने यह टिप्पणी पुंछ में आतंकवादी हमले में सेना के 5 जवानों के मारे जाने और अगले दिन तीन नागरिकों की मौत के बाद आई है।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “अटल बिहारी वाजपेई ने कहा था कि हम अपने दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन अपने पड़ोसी नहीं। यदि हम अपने पड़ोसियों के साथ मित्रवत रहेंगे तो दोनों प्रगति करेंगे। पीएम मोदी ने यह भी कहा है कि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है। इसलिए मामलों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए।”
#WATCH | National Conference MP Farooq Abdullah says, "Atal Bihari Vajpayee had said that we can change our friends but not our neighbours. If we remain friendly with our neighbours, both will progress. PM Modi also said that war is not an option now and the matters should be… pic.twitter.com/EcPx9B70jJ
— ANI (@ANI) December 26, 2023
फारूक ने पूछा, “बातचीत कहाँ है? इमरान खान को छोड़ दीजिए, अब नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं और वे कह रहे हैं कि वे भारत के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं। लेकिन, हम बात करने के लिए तैयार क्यों नहीं हैं? अगर हम कोई समाधान नहीं निकालते हैं। तो हमारा भी वही हश्र होगा, जो गाजा और फिलिस्तीन का हो रहा है।”
उन्होंने कहा, “कुछ भी हो सकता है। अल्लाह ही जाने हमारा क्या हाल होगा। अल्लाह रहम करे।” उन्होंने कहा कि पड़ोसी होने के नाते दोनों देशों को बातचीत करके इस मुद्दे का समाधान खोजना चाहिए। इससे दोनों देश तरक्की करेंगे और दोनों देशों में खुशहाली आएगी।
वहीं, भाजपा नेता हिना शफी भट ने फारूक अब्दुल्ला के बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा, “यह अफसोसजनक है कि जम्मू-कश्मीर के एक वरिष्ठ नेता अभी भी पाकिस्तान से बातचीत करने की बात कह रहे हैं। फारूक अब्दुल्ला को अब सीख लेनी चाहिए। यह पाकिस्तान के सामने झुकने का समय नहीं है। हमने कई बार बातचीत करने की कोशिश की है, लेकिन उन्होंने हर बार हमारी पीठ में छुरा घोंपा है।”
बताते चलें कि फारूक अब्दुल्ला ने यह पिछले एक सप्ताह में जम्मू-कश्मीर में हुए कई आतंकी घटनाओं के बाद आई है। आतंकियों ने पुंछ में घात लगाकर सेना के जवानों पर हमला किया था, जिसमें पाँच जवान बलिदान हो गए। वहीं, बारामूला मस्जिद के अंदर एक रिटायर SSP शफी मीर की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।