मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस के सामने एक नई समस्या आ गई है। वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी हाईकमान को उन्हें मध्य प्रदेश इकाई का प्रमुख बनाने का अल्टीमेटम दे डाला है। उन्होंने अपने इस अल्टिमेटम में कॉन्ग्रेस को चेताया है कि अगर उनके इस अल्टीमेटम को जल्द से जल्द अमल में न लाया गया तो वो अन्य विकल्प के बारे में सोचेंगे। यहाँ अन्य विकल्प का मतलब पार्टी बदलने से है। सिंधिया के इस अल्टीमेटम से राजनीतिक गलियारे में अटकलें तेज़ हो गई हैं कि वो बीजेपी के साथ लगातार सम्पर्क में हैं।
#BREAKING – Jyotiraditya Scindia (@JM_Scindia) gives an ultimatum to @INCIndia over PCC post. Scindia in touch with some @BJP4India leaders, according to reports. | @_pallavighosh with more details pic.twitter.com/EDB6aLjzcS
— News18 (@CNNnews18) August 30, 2019
पिछले साल, मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीत के बाद ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ राज्य इकाई प्रमुख का पद छोड़ देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने सीएम और प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी (PCC) प्रमुख – दोनों पदों पर क़ब्ज़ा जमाए रखा। इस संदर्भ में बातचीत के बावजूद, श्री सिंधिया को उप मुख्यमंत्री नामित नहीं किया गया।
दिलचस्प बात यह है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में, श्री सिंधिया गुना के अपने परिवार के गढ़ से हार गए थे। इतने के बाद भी सिंधिया को लगता है कि पार्टी की ओर से उन्हें कुछ प्राप्त होना चाहिए। हाल ही में, पार्टी ने उन्हें महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए स्क्रीनिंग कमिटी का अध्यक्ष नियुक्त किया। लेकिन, सिंधिया की नज़र मध्य प्रदेश के पीसीसी प्रमुख के पद पर टिकी रहीं। पिछले हफ्ते, राज्य की एक मंत्री, सुश्री इमरती देवी ने सिंधिया का समर्थन करते हुए कहा था कि श्री सिंधिया को राज्य इकाई प्रमुख नियुक्त किया जाना चाहिए।
बता दें कि मध्य प्रदेश में इस पद के दावेदार केवल सिंधिया ही नहीं हैं बल्कि कॉन्ग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह भी इस कतार में खड़े हैं। अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह उनका समर्थन कर रहे हैं। इन सबके मद्देनज़र राज्य इकाई में संभावित बदलाव को लेकर जल्द ही कॉन्ग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के साथ मुख्यमंत्री कमलनाथ की बैठक होने की उम्मीद है।