मध्य प्रदेश में राजनीतिक घमासान के बीच कॉन्ग्रेस के असंतुष्ट नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को आखिरकार कॉन्ग्रेस से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही सभी अटकलें खत्म हो गई हैं और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कॉन्ग्रेस पार्टी छोड़ दी है।
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) March 10, 2020
उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी को लिखे अपने पत्र में कहा कि वह 18 वर्षों से कॉन्ग्रेस के प्राथमिक सदस्य रहे हैं, लेकिन अब राह अलग करने का वक्त आ गया है। दिलचस्प बात यह है कि यह पत्र कल यानी 9 मार्च का ही है।
सिंधिया ने सोनिया पर सब कुछ जानते हुए कुछ नहीं करने आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, “मैं भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूँ और जैसा कि आपको अच्छी तरह पता है कि पिछले एक साल से यह मार्ग प्रशस्त किया गया है।” आज भी मैं अपने राज्य और देश के लोगों की रक्षा करने के अपने लक्ष्य और उद्देश्य पर अडिग हूँ।
सिंधिया के साथ ही कॉन्ग्रेस के अन्य 14 विधायकों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है ।
#Breaking | 14 MLAs of the Madhya Pradesh Congress have resigned along with @JM_Scindia. pic.twitter.com/kYbLrrHmIp
— TIMES NOW (@TimesNow) March 10, 2020
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को अपना इस्तीफ सौंपा है। अब उनका बीजेपी में जाने की बस औपचारिकता भर बाकी है। बहरहाल, जवाब में कॉन्ग्रेस ने भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी से बेदखल कर दिया है।
मध्य प्रदेश में यह राजनीतिक स्थिति ऐसे समय में उत्पन्न हुई है, जब प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। सिंधिया समर्थक विधायकों का कहना है कि कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता अपनी अनदेखी से क्षुब्ध हैं।
सिंधिया के इस्तीफे पर कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “सिंधिया जी कॉन्ग्रेस पार्टी में कई वरिष्ठ पदों पर रहे और उनका सम्मान किया। शायद मोदी जी द्वारा दिए गए मंत्रियों के प्रस्ताव के कारण उन्हें लालच आ गया। हम जानते हैं कि उनका परिवार दशकों से बीजेपी से जुड़ा हुआ है, लेकिन फिर भी यह एक बड़ा नुकसान है।” इसके साथ ही अधीर रंजन चौधरी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि पीएम मोदी के किसी लालच में ऐसा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया बीजेपी इसी तरह की राजनीति करती है।