अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन ने मंगलवार को उन 49 हस्तियों के ख़िलाफ़ देशद्रोह मामला चलाए जाने की निंदा की, जिन्होंने मॉब लिंचिंग के दौरान जय श्रीराम नारे का प्रयोग किए जाने वाले घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखा था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि इन 49 हस्तियों के ख़िलाफ़ चलाए जा रहे मुकदमे में हस्तक्षेप करें, और उनके ख़िलाफ़ एफआईआर को निरस्त करें।
कमल हासन ने ट्वीट करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री सांमजस्यपूर्ण भारत की तलाश में हैं। जो संसद में दिए उनके बयान से पुख्ता होता है, लेकिन क्या राज्य और उसके कानून को इसका अनुसरण नहीं करना चाहिए?” उनका कहना है कि प्रधानमंत्री की आकांक्षाओं का खंडन करते हुए उनके 49 साथियों पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है।
The Prime minister seeks a harmonius India. His statements in the parliament confirms it. Should not the state and it’s law follow it in letter and spirit? 49 of my peers have been accused, of sedition, contradicting the PM’s aspirations. (1/2)
— Kamal Haasan (@ikamalhaasan) October 8, 2019
कमल हासन का ये बयान ठीक 4 दिन बाद आया है, जब मुजफ्फपुर कोर्ट के आदेश पर इनके ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज हुई। इसी कारण से ही ट्विटर पर कमल हासन ने इन 49 हस्तियों के प्रति अपने संवेदना व्यक्त की और दर्ज एफआईआर की निंदा की। इस दर्ज प्राथमिकी में बता दें कि अपर्णा सेन, अदूर गोपालकृष्णन और इतिहासकार रामचंद्र गुहा जैसे लोगों का नाम भी शामिल है। इसके अलावा इस एफआईआर में तमिल फिल्म निर्माता मणि रत्नम भी का नाम भी है, जिन्होंने जुलाई माह में प्रधानमंत्री को पत्र भेजा था।
I request as a citizen that Our Higher courts move in to uphold justice with Democracy and quash the case eminating from Bihar. (2/2)
— Kamal Haasan (@ikamalhaasan) October 8, 2019
इसी के मद्देनजर कमल हासन ने कहा, “मैं एक नागरिक के रूप में अनुरोध करता हूँ कि हमारा सर्वोच्च न्यायालय लोकतंत्र के साथ न्याय करने और बिहार से आने वाले इस मामले को खत्म करने के लिए आगे बढ़े।“
बता दें कि इस एफआईआर के दर्ज होने के बाद हासन से पहले कई जाने-माने लोग इसका विरोध कर चुके हैं। जिनमें कॉन्ग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर और कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी का भी नाम शामिल है। इसके अलावा कई मीडिया रिपोर्ट्स इस खबर को ऐसे प्रकाशित कर चुकी है जैसे केंद्र सरकार ही इसके पीछे जिम्मेदार हो। लेकिन बता दें कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने स्वयं इस मामले पर स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार ने 49 सेलेब्रिटीज के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज नहीं कराई है।
उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष जुलाई महीने में कुछ अभिनेता-अभिनेत्रियों-फिल्मकार-सामाजिक कार्यकर्ता-इतिहासकार समेत विभिन्न क्षेत्रों के 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा था। इस पत्र में दलित व अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा बढ़ने का दावा करते हुए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की माँग की गई थी। इस पत्र में लिखा गया था, “अफसोस की बात है कि जय श्रीराम का इस्तेमाल आज उकसाने के लिए किया जा रहा है। यह युद्धोन्मादी और भड़काऊ नारा है। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को राम के नाम पर डराया जा रहा है।”