केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने साफ़ किया है कि केंद्र सरकार ने 49 सेलेब्रिटीज के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। पीएम मोदी को पत्र लिख कर कथित रूप से मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर विरोध दर्ज कराने वाले सेलेब्रिटीज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात मीडिया में चल रही थी। हालाँकि, यह ख़बर सही है लेकिन इसमें मोदी सरकार का कोई हाथ नहीं है। मीडिया आउटलेट ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने एक लम्बा-चौड़ा पैराग्राफ लिख कर इस क़दम की आलोचना की थी और मीडिया में ये बात कुछ इस तरह फैलाई जा रही थी जैसे केंद्र सरकार ने ही इन सेलेब्रिटीज पर देशद्रोह का चार्ज लगा दिया हो।
Union Minister Prakash Javadekar on reported FIR against 49 celebrities who wrote to Prime Minister on mob lynching: Government has not registered any case. pic.twitter.com/mUSROR0DRE
— ANI (@ANI) October 5, 2019
हालाँकि, जिस व्यक्ति ने सेलेब्रिटीज के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराई है, उसने कहा कि इन सेलेब्रिटीज ने देश की छवि को कलंकित किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए प्रभावशाली कार्यों को कमतर आँका है। इन 49 लोगों में कथित इतिहासकार रामचंद्र गुहा, फ़िल्म निर्देशक मणिरत्नम, श्याम बेनेगल, अनुराग कश्यप और अभिनेत्री अपर्णा सेन सहित कई जानी-मानी हस्तियाँ शामिल थीं। पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी आरोप लगा दिया कि देश में सरकार विरोधी आवाज़ों को दबाया जा रहा है, जबकि इस एफआईआर को किसी व्यक्ति द्वारा दर्ज कराया गया है, सरकार द्वारा नहीं।
पत्र लिखनेवालों में से एक फ़िल्म निर्देशक अडूर गोपालकृष्णन ने तो न्यायपालिका पर ही सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि आख़िर इस केस को स्वीकार ही क्यों किया गया? उन्होंने इसे लेकर चिंता ज़ाहिर की। हालाँकि, इन लोगों को ये समझना चाहिए कि जैसे इन्हें पत्र लिख कर विरोध जताने का हक़ है वैसे ही किसी अन्य नागरिक को भी न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाने का पूरा हक़ है। अगर एक स्वच्छ लोकतंत्र की निशानी हैं तो दूसरा चिंताजनक कैसे हुआ?
जुलाई महीने में भारत के 49 सेलिब्रिटीज ने देश में बढ़ रही भीड़ हिंसा यानी लिंचिंग के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. इस मामले में इनके खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर में देशद्रोह के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई.https://t.co/BIwVIkyHvF pic.twitter.com/zean2yAZTQ
— DW Hindi (@dw_hindi) October 4, 2019
पत्र लिखने वालों में से एक कौशिक सेन ने कहा कि उनलोगों को प्रताड़ित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता और वकील सुधीर ओझा द्वारा मुजफ्फरपुर में दायर की गई इस एफआईआर में 49 सेलेब्रिटीज पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है। उधर, फ़िल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने भी स्पष्ट कर दिया है कि इस एफआईआर से उनका कोई ताल्लुक नहीं है और इससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वह कोई सम्बन्ध नहीं रखते।