Thursday, April 25, 2024
Homeराजनीतिमोदी सरकार ने नहीं कराया PM को पत्र लिखने वाले 49 सेलेब्स के ख़िलाफ़...

मोदी सरकार ने नहीं कराया PM को पत्र लिखने वाले 49 सेलेब्स के ख़िलाफ़ FIR, मीडिया चला रहा प्रपंच

मीडिया में ये बात कुछ इस तरह फैलाई जा रही थी जैसे केंद्र सरकार ने इन सेलेब्रिटीज पर देशद्रोह का चार्ज लगा दिया हो। पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी देश में सरकार विरोधी आवाज़ों को दबाने का आरोप लगा दिया था।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने साफ़ किया है कि केंद्र सरकार ने 49 सेलेब्रिटीज के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। पीएम मोदी को पत्र लिख कर कथित रूप से मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर विरोध दर्ज कराने वाले सेलेब्रिटीज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात मीडिया में चल रही थी। हालाँकि, यह ख़बर सही है लेकिन इसमें मोदी सरकार का कोई हाथ नहीं है। मीडिया आउटलेट ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने एक लम्बा-चौड़ा पैराग्राफ लिख कर इस क़दम की आलोचना की थी और मीडिया में ये बात कुछ इस तरह फैलाई जा रही थी जैसे केंद्र सरकार ने ही इन सेलेब्रिटीज पर देशद्रोह का चार्ज लगा दिया हो।

हालाँकि, जिस व्यक्ति ने सेलेब्रिटीज के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराई है, उसने कहा कि इन सेलेब्रिटीज ने देश की छवि को कलंकित किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए प्रभावशाली कार्यों को कमतर आँका है। इन 49 लोगों में कथित इतिहासकार रामचंद्र गुहा, फ़िल्म निर्देशक मणिरत्नम, श्याम बेनेगल, अनुराग कश्यप और अभिनेत्री अपर्णा सेन सहित कई जानी-मानी हस्तियाँ शामिल थीं। पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी आरोप लगा दिया कि देश में सरकार विरोधी आवाज़ों को दबाया जा रहा है, जबकि इस एफआईआर को किसी व्यक्ति द्वारा दर्ज कराया गया है, सरकार द्वारा नहीं।

पत्र लिखनेवालों में से एक फ़िल्म निर्देशक अडूर गोपालकृष्णन ने तो न्यायपालिका पर ही सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि आख़िर इस केस को स्वीकार ही क्यों किया गया? उन्होंने इसे लेकर चिंता ज़ाहिर की। हालाँकि, इन लोगों को ये समझना चाहिए कि जैसे इन्हें पत्र लिख कर विरोध जताने का हक़ है वैसे ही किसी अन्य नागरिक को भी न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाने का पूरा हक़ है। अगर एक स्वच्छ लोकतंत्र की निशानी हैं तो दूसरा चिंताजनक कैसे हुआ?

पत्र लिखने वालों में से एक कौशिक सेन ने कहा कि उनलोगों को प्रताड़ित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता और वकील सुधीर ओझा द्वारा मुजफ्फरपुर में दायर की गई इस एफआईआर में 49 सेलेब्रिटीज पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है। उधर, फ़िल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने भी स्पष्ट कर दिया है कि इस एफआईआर से उनका कोई ताल्लुक नहीं है और इससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वह कोई सम्बन्ध नहीं रखते।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

इंदिरा गाँधी की 100% प्रॉपर्टी अपने बच्चों को दिलवाने के लिए राजीव गाँधी सरकार ने खत्म करवाया था ‘विरासत कर’… वरना सरकारी खजाने में...

विरासत कर देश में तीन दशकों तक था... मगर जब इंदिरा गाँधी की संपत्ति का हिस्सा बँटने की बारी आई तो इसे राजीव गाँधी सरकार में खत्म कर दिया गया।

जिस जज ने सुनाया ज्ञानवापी में सर्वे करने का फैसला, उन्हें फिर से धमकियाँ आनी शुरू: इस बार विदेशी नंबरों से आ रही कॉल,...

ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को कुछ समय से विदेशों से कॉलें आ रही हैं। उन्होंने इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखकर कंप्लेन की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe