मध्यप्रदेश की सियासत बीते 10 दिन में कई करवट ले चुकी है। ताजा घटनाक्रम में विधानसभा स्पीकर ने कॉन्ग्रेस के बागी 16 विधायकों का इस्तीफा भी मँजूर कर लिया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार (मार्च 20, 2020) दोपहर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि वे फ्लोर टेस्ट से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार पॉंच बजे तक विधानसभा में बहुमत परीक्षण के आदेश दिए थे।
कॉन्ग्रेस के 22 विधायकों ने 10 मार्च को इस्तीफा स्पीकर एन प्रजापति को सौंपा था। लेकिन, उन्होंने 6 इस्तीफे स्वीकार कर अन्य पर फैसला नहीं लिया था। कॉन्ग्रेस का कहना था कि बीजेपी ने इन विधायकों को बंधक बना रखा है और उन्होंने दबाव में इस्तीफा दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (मार्ट 19, 2020) को मध्य प्रदेश पर बड़ा फैसला सुनाते हुए कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर बागी विधायक फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा आने चाहते हैं तो कर्नाटक और मध्य प्रदेश के डीजीपी उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कराए। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग कराने को भी कहा है। कोर्ट ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि विधानसभा का एकमात्र एजेंडा बहुमत साबित करने का होगा और किसी के लिए भी बाधा उत्पन्न नहीं की जानी चाहिए।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कमलनाथ ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के आदेश का व इसके हर पहलू का हम अध्ययन करेंगे, हमारे विधि विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे, सलाह लेंगे, फिर उसके आधार पर निर्णय लेंगे।”
इससे पहले मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने को कहा था। हालाँकि, इसके बाद कोरोना वायरस का हवाला देते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर के इस फैसले को पलटते हुए शुक्रवार को 5 बजे फ्लोट टेस्ट कराने का आदेश दिया है।
बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं। 2 विधायकों का निधन हो चुका है। 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद 206 विधायक बचे हैं। यानी सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 104 विधायकों का समर्थन चाहिए। बीजेपी के पास अभी कुल 107 विधायक हैं। ऐसे में प्रदेश में सरकार गिरना तय माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि सदन में किरकिरी से बचने के लिए कमलनाथ पहले ही इस्तीफा दे देंगे।
वैसे कॉन्ग्रेस को पैरों तले जमीन खिसकने का अंदाजा पहले ही हो गया था। वह किसी तरह फ्लोर टेस्ट से बचना चाहती थी। कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की एक चिट्ठी सामने आई है। इसमें उन्होंने सुमावली क्षेत्र के विधायक एदल सिंह कंषाना से गिड़गिड़ाते हुए 10 मिनट की मुलाकात का समय माँगा है। पत्र में कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गॉंधी का भी हवाला दिया गया है। दिग्विजय ने कहा है कि इससे सोनिया गाँधी बहुत दुखी और व्यथित हैं।