Sunday, December 22, 2024
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‘यह हिन्दू धर्म और भगवान का अपमान’: कॉन्ग्रेस ने कमलनाथ को बना दिया ‘कृष्ण’, तेजप्रताप लाए ‘चक्रधारी’ लालू यादव

"कॉन्ग्रेस हमेशा हिन्दू धर्म का मख़ौल उड़ाती है। कभी सोनिया गाँधी को दुर्गा बताते हैं तो कभी कमलनाथ को कृष्ण। कॉन्ग्रेस ने हमेशा ही धर्म का मजाक उड़ाया है। कॉन्ग्रेसी हर दिन ऐसा काम करते हैं जिससे मूल राष्ट्रवाद और हिंदू अनुयायियों की धार्मिक भावना आहत हो। यह महान भारत को बदनाम भारत कहते हैं, यह कॉन्ग्रेस की सोच को जाहिर करता है।"

मध्‍य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर कॉन्ग्रेस के पोस्टर पॉलिटिक्स से हिन्दू धर्म के अपमान का नया विवाद छिड़ गया है। राजधानी भोपाल स्थित कॉन्ग्रेस दफ्तर के बाहर लगे पोस्टर में पूर्व सीएम कमलनाथ को ‘कृष्ण’ तो वहीं, सीएम शिवराज सिंह चौहान को ‘कंस मामा’ के रूप में दिखाया गया है। इस पोस्टर के सामने आने के बाद से ही सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। जहाँ बीजेपी नेताओं ने इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया है। वहीं, पोस्टर लगाने वाले कॉन्ग्रेस नेता ने कहा है कि प्रदेश की स्थिति अभी ऐसी ही है। वहीं एक दूसरे मामले में सजायाफ्ता लालू यादव को भी ‘चक्रधारी कृष्ण’ के रूप में दिखाया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कॉन्ग्रेस नेता शहयार खान ने कहा कि भोपाल में पार्टी ऑफिस के बाहर पोस्टर लगाया गया था, जिसमें कमलनाथ को ‘कृष्ण’ के रूप में चित्रित किया गया था। इस पोस्टर के लिए लोग कमलनाथ से 2023 के चुनाव में बीजेपी को सबक सिखाने की अपील कर रहे हैं। शहरयार खान ने गीता के ही कथन का सहारा लेते हुए आगे कहा, “जब धरती पर पाप बढ़ता है तो भगवान किसी को भेजते हैं… कमलनाथ तो विकास पुरुष हैं। उनका छिंदवाड़ा मॉडल प्रदेश में विकास की आदर्श मिसाल है, जबकि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने यहाँ कुछ खास नहीं किया।”

पोस्‍टर में हाथ में चक्र लिए कमलनाथ कृष्ण के रूप में दिखाई दे रहे हैं। जबकि तत्कालीन कॉन्ग्रेस सरकार में हुए फैसलों को भी पोस्टर में जगह देते हुए कई दावे किए गए हैं। जैसे- होर्डिंग में कमलनाथ सरकार में लिए गए ओबीसी को 27 फीसदी और सामान्य को 10 फीसदी आरक्षण देने के अलावा 27 लाख से ज्यादा किसानों का कर्जा माफ करने के साथ 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली देने जैसे कई दावों को शामिल किया गया है।

इस मुद्दे को लेकर प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कॉन्ग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कॉन्ग्रेस हमेशा हिन्दू धर्म का मख़ौल उड़ाती है। कभी सोनिया गाँधी को दुर्गा बताते हैं तो कभी कमलनाथ को कृष्ण। कॉन्ग्रेस ने हमेशा ही धर्म का मजाक उड़ाया है। कॉन्ग्रेसी हर दिन ऐसा काम करते हैं जिससे मूल राष्ट्रवाद और हिंदू अनुयायियों की धार्मिक भावना आहत हो। यह महान भारत को बदनाम भारत कहते हैं, यह कॉन्ग्रेस की सोच को जाहिर करता है।”

वहीं मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “इससे ज़्यादा दूषित राजनीति नहीं हो सकती। यह हिन्दू धर्म और भगवान का अपमान है। राम का विरोध करने वाले, राम मन्दिर बनने का विरोध करने वाले कॉन्ग्रेसी हैं। यह प्रदेश की हवा बिगाड़ने की कोशिश है।”

दूसरा मामला बिहार का है जहाँ सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को भी ‘कृष्ण’ के रूप में दिखाया गया है। उनकी मूर्ति जैसी तस्वीर को कोई और नहीं लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपने फेसबुक पेज ‘सेकेंड लालू तेजप्रताप’ पर पोस्ट की है। इसमें लालू प्रसाद हाथ में चक्र लिए हुए हैं और उनके दूसरे हाथ में बाँसुरी है।

तस्वीर में लालू प्रसाद के गले में तीन माला भी है। लालू प्रसाद पैर पर पैर चढ़ाकर अपने अंदाज में बैठे नजर आ रहे हैं। दिलचस्प बात यह कि लालू प्रसाद अपने पसंदीदा ड्रेस कुर्ता पायजामा में हैं। बालों का स्टाइल भी वही है लालू-कट।

कृष्ण के रूप में लालू यादव

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लालू की इस मूर्ति वाली तस्वीर को फेसबुक पर सबसे पहले राघोपुर के रहने वाले सुनील यादव नाम के अकाउंट से डाली गई थी। उन्होंने इस मूर्ति की फोटो पोस्ट करते हुए लिखा है, “मेरा एक ही धर्म है और वो बड़े साहब लालू जी की विचारधारा को उन्हीं के अंदाज में जन-जन तक पहुँचाना। कृष्ण भक्तों द्वारा आदरणीय लालू जी की मूर्ति बनाकर जन्माष्टमी पर पूजा की।”

कहीं न कहीं इन दोनों सियासी हलकों द्वारा अपनी बात रखने के लिए भगवान कृष्ण की तस्वीरों को विकृत करते हुए दर्शाना, हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने वाला है। पता नहीं ये सियासतदान कब समझेंगे कि अपनी ओछी राजनीति में हिन्दुओं के भगवान को मत लाइए। शायद ऐसा इसलिए भी अभी तक कॉन्ग्रेस या राजद जैसे दल करते आए हैं क्योंकि कोई सख्त विरोध हिन्दू समुदाय द्वारा नहीं होता।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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