Thursday, November 14, 2024
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कंगना रनौत नचनिया, जो संत आज उद्धव ठाकरे का कर रहे विरोध, वो कभी भिक्षा के लिए पीछे-पीछे घूमते थे: शिवसेना

"कंगना रनौत नचनिया है। अच्छे संत नाचने और गाने वालों का समर्थन नहीं करते हैं। जो संत आज उद्धव ठाकरे का विरोध कर रहे, वही अयोध्या में जब वो आए थे तो उनके पीछे-पीछे घूम कर दक्षिणा माँग रहे थे।"

हाल ही में अयोध्या के संतों ने ऐलान किया था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का अयोध्या में स्वागत नहीं किया जाएगा। इस बयान पर शिवसेना के पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रमुख संतोष दुबे ने बयान दिया है। संतोष दुबे ने इस मसले पर कंगना रनौत पर भी आपत्तिजनक बात कही।

संतोष दुबे ने कंगना रनौत के लिए नचनिया शब्द का उपयोग करते हुए कहा कि अच्छे संत नाचने और गाने वालों का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब उद्धव ठाकरे अयोध्या आए थे तो तमाम साधू-संत भिक्षा लेने के लिए उनके पीछे-पीछे टहल रहे थे। 

संतोष दुबे ने योगी आदित्यनाथ की आलोचना करते हुए अयोध्या के संतों पर अनैतिक टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि वह कौन से संत हैं, जो अभी विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वाले संतों को अपने गिरेबान में झाँकने की ज़रूरत है। पहले वह खुद का मूल्यांकन करें, उसके बाद उद्धव ठाकरे की आलोचना करें।

शिवसेना के पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रमुख ने कहते-कहते यह भी कह दिया कि जब उद्धव ठाकरे अयोध्या आए थे, तब यही संत समाज उनके साथ तस्वीर लेने के लिए पीछे-पीछे घूम रहा था। यही संत उस वक्त दक्षिणा माँग रहे थे और आज विरोध कर रहे हैं। 

इसके बाद योगी आदित्यनाथ की आलोचना करते हुए संतोष दुबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगातार ब्राह्मणों की हत्या हो रही है। इसके लिए पूरी तरह योगी सरकार ज़िम्मेदार है तो क्या योगी आदित्यनाथ को भी अयोध्या में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।

सबसे आखिर में संतोष दुबे ने कंगना रनौत को नचनिया कह डाला। उसके बाद यह भी कहा कि अयोध्या के अच्छे संत नाचने-गाने वालों का समर्थन नहीं करते हैं। बल्कि उनका कार्य केवल राम मंदिर के लिए समर्पित रहना है। अच्छे संत समाज के लिए काम करते हैं और ईश्वर का स्मरण करते हैं। जबकि विरोध करने वाले संतों की मानसिकता में ही दोष है। 

वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में ही प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक पोस्टर के ज़रिए महाराष्ट्र सरकार का विरोध किया गया। वाराणसी के वकील श्रीपति मिश्रा ने संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के पास एक पोस्टर लगाया। पोस्टर में महाभारत के चीर हरण की घटना दिखाई गई है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी श्रीकृष्ण और उद्धव ठाकरे को दुशासन दिखाया गया है।

इसके अलावा पोस्टर में कौरवों का दरबार लगा हुआ है, जिसमें संजय राउत भी मौजूद हैं। कुछ समय बाद यह पोस्टर उस स्थान से हटा लिया गया था लेकिन यह लोगों की चर्चा का केंद्र बना हुआ था। 

वाराणसी में लगाया गया पोस्टर (साभार – asianetnews)

पोस्टर लगाने वाले श्रीपति मिश्रा ने कहा कि पोस्टर लगाने का उद्देश्य केवल यह बताना है कि जिस तरह एक नारी का अपमान हुआ, वह नहीं होना चाहिए था। महाराष्ट्र सरकार, उद्धव ठाकरे और संजय राउत ने जिस तरह का व्यवहार कंगना रनौत के साथ किया है, वह सरासर गलत है।

हाल ही में हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने कहा अब उद्धव ठाकरे और शिवसेना का अयोध्या में स्वागत नहीं किया जाएगा। अगर उद्धव ठाकरे अयोध्या आते हैं तो उन्हें प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। महाराष्ट्र सरकार ने कंगना रनौत पर कार्रवाई करने में बिलकुल भी समय व्यर्थ नहीं किया। लेकिन महाराष्ट्र की उस सरकार ने ही पालघर में साधुओं की हत्या करने वाले लोगों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। ठीक इसी तरह अयोध्या संत समाज के मुखिया महंत कन्हैया दास ने भी महाराष्ट्र सरकार पर कई आरोप लगाए। 

उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की वर्तमान सरकार ऐसे लोगों का बचाव कर रही है जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। साथ ही उन्होंने उद्धव ठाकरे को अयोध्या में दाखिल न होने की चेतावनी भी दी थी।

महंत कन्हैया दास ने अपने बयान में कहा, “अब उद्धव ठाकरे का अयोध्या में स्वागत नहीं किया जाएगा। शिवसेना कंगना रनौत पर हमला क्यों कर कर रही है? यह सब समझ सकते हैं, यह कोई रहस्य नहीं है। शिवसेना वह राजनीतिक दल नहीं रह गया है जो बाल ठाकरे के दौर में हुआ करता था।” 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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