जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को हिरासत में लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उसे बिहार के बेतिया जिले के भितिहरवा आश्रम से हिरासत में लिया गया। वह यहॉं
‘जन-गण-मन यात्रा’ यात्रा की शुरुआत करने वाला था। यह यात्रा पश्चिमी चंपारण के बापूधाम से शुरू होकर 29 फरवरी को पटना के गॉंधी मैदान में खत्म होनी थी।
यात्रा की शुरुआत में सीपीआई नेता कन्हैया कुमार एक सभा को संबोधित करने वाला था। अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार उसे इसकी इजाजत नहीं दी गई थी। प्रभात खबर के अनुसार एसडीओ ने कन्हैया कुमार को भाषण देने की इजाजत नहीं दी तो उसके समर्थकों ने हंगामा किया। इसके बाद कन्हैया अपने वाहन पर ही खड़े होकर लोगों को संबोधित करने लगा। फिर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। कन्हैया ने ट्वीट कर हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की है।
आज बापू-धाम (चम्पारण) में गांधीजी को नमन करके ग़रीब-विरोधी CAA-NRC-NPR के विरोध में एक महीने की जन-गण-मन यात्रा की शुरूआत होनी थी। समाज के सभी तबक़ों के लोग इस यात्रा में शामिल होने के लिए मौजूद हैं, लेकिन प्रशासन ने कुछ देर पहले हम सबको हिरासत में ले लिया है। pic.twitter.com/GI2ThEGSyQ
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) January 30, 2020
इससे पहले कन्हैया ने शरजील इमाम की गिरफ्तारी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना की थी। उसने भारत के टुकड़े करने की बात कहने वाले इमाम पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किए जाने को लेकर सवाल उठाए थे।
जेएनयू में 2016 में हुई देश विरोधी नारेबाजी में कन्हैया के खिलाफ दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार देशद्रोह का मुकदमा जलाने की इजाजत नहीं दे रही है। दिल्ली पुलिस ने बीते दिसंबर में अदालत को यह जानकारी दी थी। इस मामले की अब 19 फरवरी को सुनवाई होनी है।
गौरतलब है कि 14 जनवरी 2019 को दिल्ली पुलिस ने करीब 1200 पन्ने का आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया था। इसमें जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन के सदस्य उमर खालिद को मुख्य आरोपित बनाया था। वहीं, सात अन्य आरोपितों में आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उतर गुल, रईस रसूल, बसरत अली व खालिद बशीर भट का नाम शामिल है। इसके अलावा रामा नागा, आशुतोष, शहला राशीद, डी राजा की बेटी अपराजिता राजा, रुबैना सैफी, समर खान समेत 36 छात्रों को भी आरोपित बताया गया है।