Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजJNU केसः केजरीवाल सरकार ने नहीं दी देशद्रोह का केस चलाने की इजाजत, 19...

JNU केसः केजरीवाल सरकार ने नहीं दी देशद्रोह का केस चलाने की इजाजत, 19 फरवरी को होगी सुनवाई

14 जनवरी 2019 को दिल्ली पुलिस ने करीब 1200 पन्ने का आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया था। इसमें जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन के सदस्य उमर खालिद को मुख्य आरोपित बनाया था।

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) देशविरोधी नारेबाजी के मामले में आज (दिसंबर 11, 2019) पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि अभी भी दिल्ली सरकार से देशद्रोह के सेक्शन पर अप्रूवल नहीं मिला है। फिलहाल मामले से जुड़ी फाइल गृह मंत्रालय के पास है। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई 19 फरवरी तक टाल दी। 

बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने देशद्रोह मामले में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार को निर्देश देने से 4 दिसंबर को इनकार कर दिया था। JNU के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और और उमर खालिद के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं देने के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के लिए गाइडलाइन जारी करने से इनकार किया था। पीठ ने कहा था कि यह दिल्ली सरकार पर निर्भर है कि वह मौजूदा नियमों, नीति, कानून और तथ्यों के अनुसार यह फैसला लें कि मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी दी जाए या नहीं। 

अदालत ने कहा कि याचिका में गंभीर प्रकृत्ति के आपराधिक मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए दिशा निर्देश देने की माँग की गई है, जिसमें बतौर आरोपित प्रभावशाली व्यक्ति शामिल हैं। इस पर अदालत ने कहा कि मौजूदा नियमों के अलावा ऐसे दिशा निर्देश जारी करने के लिए सरकार को निर्देश देने की कोई वजह नजर नहीं आती। उन्होंने कहा कि इस पर विभिन्न अदालतों ने पर्याप्त संख्या में फैसले दे रखे हैं।

गौरतलब है कि 14 जनवरी 2019 को दिल्ली पुलिस ने करीब 1200 पन्ने का आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया था। इसमें जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन के सदस्य उमर खालिद को मुख्य आरोपित बनाया था। वहीं, सात अन्य आरोपितों में आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उतर गुल, रईस रसूल, बसरत अली व खालिद बशीर भट का नाम शामिल है। इसके अलावा रामा नागा, आशुतोष, शहला राशीद, डी राजा की बेटी अपराजिता राजा, रुबैना सैफी, समर खान समेत 36 छात्रों को भी आरोपित बताया गया है।

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) देशविरोधी नारेबाजी के मामले में आज (दिसंबर 11, 2019) पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि अभी भी दिल्ली सरकार से देशद्रोह के सेक्शन पर अप्रूवल नहीं मिला है। फिलहाल मामले से जुड़ी फाइल गृह मंत्रालय के पास है। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई 19 फरवरी तक टाल दी। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -