कर्नाटक के मांड्या जिले के केरागोडू गाँव में 108 फीट ऊँचे खम्भे से कॉन्ग्रेस सरकार द्वारा भगवा रंग का हनुमान ध्वज उतारने का मामला गरमा गया है। भाजपा, बजरंग दल और जेडीएस ने माँग की है कि झंडा वापस लगाया जाए। वहीं, इसके नेताओं ने झंडा उतारने को लेकर राज्य की सिद्दारमैया सरकार पर हमला बोला है।
कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार पर भगवान हनुमान जी और भगवान राम से नफरत करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस सरकार इनसे नफरत करती है कि जबकि मुस्लिम शासक टीपू सुल्तान की प्रशंसा करती है। उन्होंने कॉन्ग्रेस सरकार को मुग़ल शासक औरंगजेब का शासन बताया है। उन्होंने कहा है कि वह हनुमान भक्त हैं और राज्य सरकार की धमकियों ने ना डरे हैं और ना डरेंगे।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “अयोध्या राम मंदिर का विरोध करने के बाद हिंदू विरोधी कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार अब हनुमान जी के खिलाफ खड़ी है। कर्नाटक पुलिस ने मांड्या जिले में ग्राम पंचायत बोर्ड द्वारा फहराए गए हनुमान जी के झंडे को उतार दिया। क्या हिंदू दूसरे दर्जे के नागरिक हैं? क्या भगवा से नफरत ही कॉन्ग्रेस की धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा है?”
Welcome to Aurangzeb Rajya
— R. Ashoka (ಆರ್. ಅಶೋಕ) (@RAshokaBJP) January 28, 2024
After opposing #AyodhyaRamMandir, anti-Hindu @INCKarnataka Govt in Karnataka is now standing against Hanuman Ji.
Karnataka Police brought down the flag of Hanuman Ji hoisted by the Gram Panchayat Board in Mandya district.
Are Hindus second grade…
कर्नाटक भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर आज (29 जनवरी, 2023) को कर्नाटक के सभी जिलों में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार वापस से भगवा ध्वज उसी खम्भे पर नहीं लगवाती है तो राज्य की हर एक इमारत पर भगवा ध्वज फहरा कर प्रदर्शन किया जाएगा।
ಹಿಂದೂ ವಿರೋಧಿ ರಾಜ್ಯ ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಸರ್ಕಾರಕ್ಕೆ ಧಿಕ್ಕಾರ.
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) January 29, 2024
ರಾಜ್ಯ ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಸರ್ಕಾರದ ಹಿಂದೂ ವಿರೋಧಿ ನೀತಿ ಮತ್ತು ರಾಷ್ಟ್ರಧ್ವಜಕ್ಕೆ ಅವಮಾನ ಮಾಡಿದ ಘಟನೆಯನ್ನು ಖಂಡಿಸಿ ರಾಜ್ಯದ ಎಲ್ಲಾ ಜಿಲ್ಲಾ ಕೇಂದ್ರಗಳಲ್ಲಿ ಇಂದು ಬೆಳಗ್ಗೆ 10 ಗಂಟೆಗೆ ಬೃಹತ್ ಪ್ರತಿಭಟನೆ ನಡೆಯಲಿದೆ.#HinduVirodhiCongress pic.twitter.com/nOTOPjbYbC
कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेन्द्र ने हनुमान ध्वज उतारे जाने को लेकर ट्विटर पर लिखा, “कर्नाटक में सिद्दारमैया सरकार ने अपनी ताकत और पुलिस बल का दुरुपयोग करते हुए केरागोडु गाँव के लोगों की हनुमान ध्वज फहराने की धार्मिक स्वतंत्रता पर रोक लगाई है, यह गाँव पंचायत द्वारा लिया गया सर्वसम्मत निर्णय था। जो कि मुगल शासन के ‘अत्याचारों’ की याद दिलाता है। इस कॉन्ग्रेस सरकार का भी वही हश्र होगा जो मुगलों का हुआ था।”
In what is reminiscent of the "absolute tyranny" of mughal administration, @siddaramaiah govt in Karnataka misusing its authority & police force to curb the religious freedom of the people of Keregodu village to hoist the Hanuman flag, which was an unanimous decision taken by the… pic.twitter.com/TvDVW8iLlB
— Vijayendra Yediyurappa (@BYVijayendra) January 28, 2024
कर्नाटक के बड़े भाजपा नेता सीटी रवि ने भी हनुमान ध्वज उतारे जाने को लेकर कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि यदि वह हनुमान ध्वज उतरवाते हैं तो उन्हें खुद को हिन्दू कहलाने का कोई हक नहीं है। राज्य के अन्य भाजपा नेता एन रवि कुमार ने कॉन्ग्रेस पर राम और हनुमान से नफरत करने का आरोप लगाया है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा है कि राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार पूरे प्रदेश भर में लहरा रहे हरे झंडों के प्रति आँखे मूँद लेती है।
In yet another insult to Hindus in Karnataka, CONgress government removed the Hanuman Flag hoisted by villagers of Keragodu in Mandya district.
— C T Ravi 🇮🇳 ಸಿ ಟಿ ರವಿ (@CTRavi_BJP) January 28, 2024
According to CM @siddaramaiah, it is wrong to hoist any other flag than our National Flag.
Why is he and his government blind to the…
उन्होंने कहा, “कॉन्ग्रेस पहले से राम और हनुमान को पसंद नहीं करती है और धर्मांतरण तथा गौहत्या के खिलाफ एक्शन नहीं लेती है। उनको सिर्फ दरगाह और मस्जिदों में जाना और वहाँ सजदे करना पसंद है जबकि वह मंदिरों में जाना और भगवा से सम्बंधित कुछ भी पहनने से मना करते हैं।”
कर्नाटक के भाजपा नेता वी सुनील कुमार ने पूछा है कि क्या कॉन्ग्रेस सरकार ने कर्नाटक में भगवा झंडे लहराने पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा है कि अगर कॉन्ग्रेस सरकार ने इसका आदेश नहीं दिया तो फिर वह उन अधिकारियों पर कार्रवाई करें जिन्होंने यह झंडा उतरवाया।
गौरतलब है कि मंड्या जिले के केरागोडू गाँव में ग्रामीणों ने आपस में चंदा इकट्ठा करके एक 108 फीट लंबा पोल स्थापित किया था। इस पर भगवा ध्वज लगा था और आंजनेय (हनुमान जी को यहाँ आंजनेय कहा जाता है) की छवि थी। इसे गाँव के रंगमंदिर के पास लगाया गया था। इसके लिए ग्राम पंचायत की भी अनुमति ले ली गई थी।
मंड्या के प्रशासन ने शनिवार (27 जनवरी, 2024) को यहाँ पहुँच कर पोल से ध्वज हटा दिया था। यहाँ ध्वज हटाने के लिए प्रशासन भारी संख्या में पुलिस बल लाया था। इस दौरान यहाँ प्रदर्शन कर रहे हिन्दुओं पर लाठीचार्ज भी किया गया। इस प्रदर्शन में भाजपा, जेडीएस और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी शामिल हुए।
एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि ध्वज हटाने के लिए रात का समय चुना गया। ध्वज शनिवार रात को हटाया गया। यहाँ हिन्दू रात से ही इकट्ठा होने लगे थे और 28 जनवरी, 2024 को यहाँ माहौल और तनावपूर्ण हो गया। इसके बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया और भाजपा ने प्रदेशव्यापी आन्दोलन का ऐलान कर दिया।