कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने बुधवार (15 सितंबर 2021) को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई ने भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को ‘स्वतंत्र राजनेता’ करार देकर सियासी बखेड़ा खड़ा कर दिया। कर्नाटक विधानसभा में एक बहस के दौरान सीएम ने कहा कि स्वामी का चरित्र और गुण उनकी अपनी पार्टी और उसके नेतृत्व के खिलाफ बोलने का रहा है।
बोम्मई ने कहा, “आप सुब्रमण्यम स्वामी के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। वह जिस पार्टी में हैं, वहाँ एक स्वतंत्र राजनेता की तरह हैं। जो मन में आता है वही कह देते हैं। वह अपने विश्लेषण के आधार पर बातें करते हैं।”
बोम्मई ने कहा कि स्वामी ने जनता पार्टी और फिर जनता दल के नेतृत्व के खिलाफ भी बात की थी। उन्होंने कहा, “सरकार में रहते हुए उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ बात की थी। यह सुब्रमण्यम स्वामी का चरित्र और गुण है।”
सिद्धारमैया के ट्वीट का बोम्मई ने दिया जबाव
दरअसल, कर्नाटक के सीएम ने सुब्रमण्यम स्वामी पर यह टिप्पणी सिद्धारमैया के उस ट्वीट के जवाब में आई है, जिसमें उन्होंने भारत में पेट्रोल की कीमतों के बारे में नकली डेटा साझा किया था। स्वामी ने फरवरी में रामायण का हवाला देकर भारत में पेट्रोल की कीमतों पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि ‘राम के भरत’ के भारत में पेट्रोल 92 रुपए और ‘सीता के नेपाल’ में 53 रुपए में है, जबकि ‘रावण की लंका’ में इसकी कीमत 51 रुपए ही है। उस दौरान भी ऑपइंडिया ने विस्तार से लिखा था कि कैसे पार्टी के असंतुष्ट नेता के ट्वीट को केवल ‘व्हाट्सएप फॉरवर्ड’ के रूप में देखा जा सकता है। यह वास्तविकता से बहुत दूर था।
यह बात तो सभी जानते हैं कि स्वामी मोदी सरकार में मंत्री बनना चाहते थे, लेकिन मंत्रिमंडल में नहीं रखे जाने से वह चिढ़ गए हैं। उन्हें अक्सर सोशल मीडिया पर गलत सूचना और बेबुनियाद आरोप लगाते हुए देखा जाता है। उन्होंने हाल ही में एक साजिश के तहत थ्योरी पेश करते हुए दावा किया था कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले की घेराबंदी में पीएमओ शामिल था। वह मोदी सरकार के कोरोना वैक्सीन अभियान के जवाब में टीका-विरोधी अभियान भी शुरू कर चुके हैं।
इस बीच स्वामी के फेक ट्वीट का हवाला देते हुए सिद्धारमैया ने ईंधन की बढ़ती कीमतों और अन्य वस्तुओं पर इसके व्यापक प्रभाव के लिए भाजपा सरकार पर कटाक्ष किया था। कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता ने हाल ही में अन्य कॉन्ग्रेस नेताओं के साथ ईंधन, एलपीजी सिलेंडर और दैनिक वस्तुओं की कीमत के खिलाफ बैलगाड़ियों से एक विरोध मार्च भी शुरू किया था। सिद्धारमैया पर विधानसभा में बीजेपी की चुटकी लेते हुए कहा, “यह मैं नहीं बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है, आपके पिता (पूर्व सीएम स्वर्गीय एसआर बोम्मई) के दोस्त थे।”
उन्होंने भाजपा नेतृत्व को स्वामी के गलत होने पर उन्हें बर्खास्त करने की चुनौती भी दी थी। सिद्धारमैया ने कहा, “अगर बीजेपी नेतृत्व उनके बयान को बर्दाश्त करता है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। यह मत भूलो कि वह एक अर्थशास्त्री हैं और आपने उन्हें अपना राज्यसभा सदस्य बनाया है।”
इस पर सीएम बासवराज बोम्मई ने इस बात को स्वीकार किया कि वास्तव में स्वामी अर्थशास्त्र में एक प्रतिभाशाली व्यक्ति हैं और पार्टी ने हमेशा उन्हें इसका उचित श्रेय भी दिया है।
कर्नाटक के सीएम पर सुब्रमण्यम स्वामी का पलटवार
हालाँकि, हमेशा अपनी ही पार्टी के कड़े आलोचक रहे सुब्रमण्यम स्वामी को बोम्मई की प्रतिक्रिया अच्छी नहीं लगी। बता दें कि वह मोदी सरकार के खिलाफ पॉट-शॉट्स लेने का कोई मौका नहीं गंवाते हैं। स्वामी ने एक ट्वीट में कर्नाटक के सीएम पर पलटवार करते हुए कहा कि वह राजनीति में ‘बूटलीकिंग करके नहीं, बल्कि सच्चाई का प्रचार करके’ बढ़े हैं।
Karnataka CM Basavaraj Bommai calls Subramanian Swamy a ‘freelance politician’ —
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 16, 2021
I did not become six term MP[3 in LS] and twice in Minister rank by boot-licking but by propagating the truth essential for a vibrant democracyhttps://t.co/E1JOlw8a21
कर्नाटक कॉन्ग्रेस ने की बैलगाड़ियों की सवारी
ईंधन की बढ़ी कीमतों का विरोध करने और भाजपा को निशाना बनाने के लिए हाल ही में कर्नाटक कॉन्ग्रेस ईधन की कीमतों का उपयोग एक टूल के तौर पर कर रही है। पिछले महीने 13 अगस्त 2021 को ईंधन, एलपीजी सिलेंडर और दैनिक इस्तेमाल की वस्तुओं की बढ़ी कीमतों के विरोध में कॉन्ग्रेस के कई नेता बैलगाड़ियों पर सवार होकर कर्नाटक विधान सभा में गए थे। कर्नाटक प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया समेत कई अन्य प्रमुख नेता इस विरोध में शामिल हुए और बैलगाड़ियों में राज्य विधानसभा की यात्रा की।
हालाँकि, जब वे वहाँ जा रहे थे तो कॉन्ग्रेस के दो विधायक वेंकटरमणप्पा और बीके संगमेश रैली के दौरान हुई हाथापाई में बैलगाड़ियों से गिर गए थे। उन्होंने यह प्रदर्शन राज्य में बढ़ती महंगाई को रोकने और सत्तारूढ़ सरकार की विफलता को उजागर करने के लिए किया था।