Friday, November 22, 2024
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वर्करों के बीच लड़खड़ाते, खाँसते कॉन्ग्रेस अध्यक्ष… कर्नाटक में पदयात्रा से कोरोना को ये कैसा आमंत्रण

कर्नाटक में कॉन्ग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने पदयात्रा की शुरुआत करते हुए कहा कि राज्य में कोरोना कहीं नहीं है। ये सब बीजेपी की साजिश है। इस पदयात्रा से बीजेपी की नाकामी उजागर होगी इसलिए वो जनता में भय भर रहे हैं।

जब भारत कोरोना की तीसरी लहर की चपेट में है, संक्रमण पर काबू पाने के लिए सरकारें तरह-तरह की पाबंदियाँ लागू कर रही हैं, कर्नाटक में कॉन्ग्रेस ने एक पदयात्रा शुरू की है। इसकी शुरुआत से पहले कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने चीनी वायरस के अस्तित्व को नकारते हुए बीजेपी पर इसके नाम से डराने का आरोप लगाया था। रविवार (जनवरी 9, 2022) को पदयात्रा शुरू होने के बाद सोशल मीडिया में ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें शिवकुमार खाँसते और चलते हुए ‘लड़खड़ाते’ नजर आते हैं। इस दौरान उनके आसपास कॉन्ग्रेस वर्करों को जमावड़ा भी दिख रहा है। यह सब तब हो रहा है जब कुछ दिन पहले ही चुनावी राज्यों में कोरोना का हवाला देकर कॉन्ग्रेस ने आयोजनों पर रोक लगाने की बात कही थी और लिबरलों ने इसे खूब सराहा था।

कर्नाटक में कोविड प्रतिबंधों के बाद भी कॉन्ग्रेस ने वहाँ 11 दिन की पदयात्रा निकालने की शुरुआत रविवार (जनवरी 9, 2022) से कर दी है। ये पदयात्रा कावेरी नदी पर मेकेदातु परियोजना (Mekedatu Project) लागू कराने के लिए निकाली जा रही है। सामने आई तस्वीरों में देख सकते हैं कि पार्टी ने अपने साथ सैंकड़ों लोगों को इस यात्रा मे जोड़ा और बिन किसी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए रामनगर जिले के संगम से इसकी शुरुआत की। इस दौरान पार्टी अध्यक्ष डीके शिवकुमार और सीएलपी नेता सिद्धारमैया भी पदयात्रा से जुड़े।

बता दें कि कर्नाटक में पदयात्रा का आयोजन उस समय शुरू हुआ जब वहाँ 12 हजार कोरोना केस दर्ज किए गए और पॉजिटिविटी दर 6.3 फीसद पहुँच गई। ऐसे हालातों में एक तो पार्टी ने पदयात्रा की शुरुआत करके कोरोना के समय आई गाइडलाइंस की धज्जियाँ उड़ाई। दूसरा प्रदेश अध्यक्ष ने शिवकुमार ने बयान दिया कि कर्नाटक में कोई कोरोना है ही नही। वह आरोप लगाते हैं कि देश में कोराना नाम की चीज ही नहीं है, ये सब भाजपा का किया धरा है। पूरे मामले पर खुद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने संज्ञान लिया है। उन्होंने कॉन्ग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि इसमें कानून के अनुसार कार्रवाई होगी।

चुनावों से पहले कॉन्ग्रेस पार्टी द्वारा अन्य राज्यों में कैंसिल की जा रही जनसभाओं पर शिवकुमार कहते हैं कि वो रैलियाँ पॉलिटिकल थीं इसलिए निरस्त हुई, लेकिन ये पदयात्रा पानी पीने से संबंधी है और गैर राजनीतिक है इसलिए वह लोगों से अपील कर रहे हैं कि सब प्रदर्शन में आएँ। हैरानी की बात ये है कि राज्य में पार्टी अध्यक्ष होने के बाद भी डीके शिवकुमार का लगातार गैर-जिम्मेदाराना रवैया दिखा रहे हैं। उनकी एक वीडियो सामने आई है जिसमें वह पदयात्रा में शामिल हैं और लड़खड़ाते-खाँसते दिख रहे हैं, बाकी पार्टी कार्यकर्ता उन्हें संभाल रहे हैं। लोगों का कहना है कि ज्यादा ‘पी लेने’ के कारण शिवकुमार डगमगा कर चल रहे हैं।

इसके अलावा डीके शिवकुमार ने पदयात्रा में शामिल होने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों से कोविड टेस्ट कराने से भी मना कर दिया है। पत्रकार दीपक बोपन्ना के अनुसार उन्होंने कहा है कि वो जेल चले जाएँगे लेकिन कोरोना टेस्ट के लिए स्वैब सैंपल नहीं देंगे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप मढ़ा है कि उनकी पदयात्रा से सत्ताधारी पार्टी की नाकामी उजागर होगी इसलिए कोविड केसों के नाम पर जनता को डराने और पदयात्रा को रोकने का काम हो रहा है। वह कहते हैं कि बीजेपी कर्फ्यू लगाकर राजनीति खेल रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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