कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार अपनी गारंटी योजनाओं के जरिए राज्य के खजाने पर एक बार फिर जोर डालने जा रही है। कॉन्ग्रेस सरकार ने यह योजनाएँ सही से लागू हों, इसके लिए राज्य के हर जिले में एक कमेटी गठित करने की बात की है। इस कमेटी में कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं को भरा जाएगा। इस कमेटी के काम करने का खर्चा सरकार उठाएगी।
कॉन्ग्रेस सरकार ने ऐलान किया है कि उसकी पाँच गारंटी योजनाएँ सही से लागू हों, इस बात को देखने के लिए राज्य, जिला और तालुक(तहसील) स्तर पर कमेटी बनेगी। राज्य स्तर की कमेटी का गठन भी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने जून, 2024 में ही ऐलान कर दिया था कि इन कमेटियों के सदस्य कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता होंगे।
कर्नाटक सरकार ने अब ऐलान किया है कि जिला स्तर पर बनने वाली कमेटी के मुखिया को ₹40,000 प्रति माह मानदेय मिलेगा। इसके अलावा उन्हें प्रति बैठक भी एक अच्छी खासी धनराशि दी जाएगी। सरकार ने ऐलान किया है कि तहसील स्तर पर बनने वाली समितियों के मुखिया को ₹25,000 प्रति माह मानदेय मिलेगा।
इससे पहले बताया गया था कि इनको हर बैठक में जाने का पैसा भी मिलेगा। जिला स्तर की कमेटी में 21 सदस्य होंगे और इन्हें भी हर बैठक में जाने पर पैसा मिलेगा। इसके अलावा तहसील की कमेटी में 11 लोग होंगे। इनको भी बैठक में शामिल होने का पैसा मिलेगा। यह सारा पैसा सरकार के खजाने से दिया जाएगा। कर्नाटक के सभी 31 जिलों में यह कमेटियाँ बनाई जाएँगी।
इन सब जिला कमेटियों के ऊपर एक राज्यस्तरीय कमेटी भी बनाई गई है। इसमें एक अध्यक्ष और चार उपाध्यक्ष हैं। इसके मुखिया कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व मंत्री HM रेवन्ना को बनाया गया है। इसके अलावा इसके चारों उपाध्यक्ष भी कॉन्ग्रेस नेता हैं। इन सबको बेंगलुरु में एक ऑफिस भी दिया गया है। इसमें 31 सदस्यों को भी रखा गया है।
राज्य स्तर की कमेटी के मुखिया HM रेवन्ना को कैबिनेट मंत्री और बाकी सदस्यों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। उनके लिए और भी सुविधाएँ सरकार देगी। राज्य के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने जून, 2024 में एक बैठक में यह ऐलान किया था कि कमेटी के सभी सदस्य पार्टी के कार्यकर्ता होंगे।
कमेटी में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं के भरे जाने को लेकर भी CM सिद्दारमैया से सवाल पूछा गया था। उन्होंने इसका जवाब दिया था कि भले ही सरकारी कर्मचारी इन योजनाओं को पहुँचाने के लिए हैं लेकिन कार्यकर्ता ज्यादा अच्छे जानते हैं कि किसे लाभ मिल रहा है या नहीं।
कर्नाटक में 31 जिले और 240 तालुक हैं। इस हिसाब से पैनल में लगभग 3600 कार्यकर्ताओं की भर्ती होगी। इन्हें सरकारी खजाने से मानदेय और बैठक में आने के लिए पैसा मिलेगा, जो राज्य सरकार वहन करेगी। यह खर्चा इन गारंटी स्कीम पर 2023-24 में खर्च हो रहे लगभग ₹60,000 करोड़ से इतर होगा।