शुक्रवार (नवंबर 06, 2020) को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने घोषणा की कि वे हिन्दुओं के पवित्र त्योहार दिवाली पर पटाखे जलाने पर प्रतिबन्ध लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमने इस विषय पर चर्चा की और पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। एक आदेश जारी किया जा रहा है। इसका कारण कोविड-19 महामारी है।”
हालाँकि, अपने पूर्व निर्णय को बदलते हुए, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने पटाखों पर लगे पूर्ण प्रतिबंध को आंशिक रूप से हटाने का फैसला किया। मुख्यमंत्री कार्यालय से पूर्ण प्रतिबंध लगाने के 8 ही घंटे बाद दूसरा बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया, “दिवाली में पटाखों पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद हमें कई सुझाव मिले। लोगों को अपनी तथा बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए साधारण तरीके से त्योहार मनाना चाहिए।”
गौरतलब है कि इस वर्ष कई राज्यों ने दिवाली के पटाखों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाए हैं। पराली जलने की समस्या का प्रबंधन करने में असफल रही पंजाब सरकार, जो दिल्ली-एनसीआर-पंजाब क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण का मुख्य कारण है, भी इनमें शामिल है।
हाल ही में पंजाब सरकार ने पटाखों के विक्रय पर कार्रवाई करने का दावा भी किया, जबकि इसी दौरान पराली जलाने की समस्या 4 वर्षों में सबसे अधिक थी। अन्य राज्य, जहाँ दिवाली मनाने पर हिन्दू गिरफ्तार किए जा सकते हैं, जहाँ यह सदियों चला आ रहा है, उनमें आते हैं- ओडिशा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और राजस्थान।
हालाँकि, कर्नाटक राज्य सरकार ने पटाखों पर पहले पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया था, लेकिन अब कहा गया है कि लोग यदि चाहें तो ग्रीन-पटाखे जलाकर दिवाली मना सकते हैं। अब तक, कर्नाटक की ही एकमात्र सरकार है जिसने जनता की भावनाओं का ध्यान रखा है और दिवाली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने के अपने निर्णय को वापस लिया है।