Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजफेसबुक पर CM पिनराई विजयन की आलोचना पड़ी भारी: एयरपोर्ट कर्मचारी को धोना पड़ा...

फेसबुक पर CM पिनराई विजयन की आलोचना पड़ी भारी: एयरपोर्ट कर्मचारी को धोना पड़ा नौकरी से हाथ

"मैंने समिति को बताया था कि मैं एक हिंदू हूँ और तिरुवनंतपुरम से हूँ और पोस्ट KIAL के संबंध में नहीं था। एक नागरिक के रूप में मुझे अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है।"

केरल में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का नया मामला सामने आया है। कन्नूर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (KIAL) के एक स्टाफ मेंबर केएल रमेश को फेसबुक पोस्ट के कमेंट सेक्शन में केरल के सीएम पिनराई विजयन के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी करने के बाद नौकरी से निकाल दिया गया

रिपोर्ट के अनुसार, 20 नवंबर को पद्मनाभस्वामी मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संबंध में रमेश ने अपने फेसबुक पोस्ट पर केरल के सीएम और राज्य सरकार की आलोचना की थी। उनके फेसबुक पोस्ट के खिलाफ कई ‘शिकायतें’ सामने आई। जिसके बाद  KIAL ने मामले का संज्ञान लिया और अधिकारियों ने जाँच का आदेश दिया था। रमेश को पोस्ट के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया, जिसे कथित तौर पर अनुशासनात्मक मानदंडों का उल्लंघन माना गया था। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि सीएम पिनाराई विजयन भी KIAL के अध्यक्ष हैं।

KIAL उनके स्पष्टीकरण से ‘संतुष्ट’ नहीं हुआ और प्रबंध निदेशक वी. थुलासीदास ने रमेश को टर्मिनेशन लेटर जारी किया। रमेश एयरपोर्ट के फायर एंड रेस्क्यू विंग के सहायक प्रबंधक के रूप में काम करते थे।

रमेश ने KIAL अधिकारियों पर प्रतिशोध का आरोप लगाया

रमेश ने कहा, “मैंने समिति को बताया था कि मैं एक हिंदू हूँ और तिरुवनंतपुरम से हूँ और पोस्ट KIAL के संबंध में नहीं था। एक नागरिक के रूप में मुझे अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है।” हालाँकि, उनका मानना है कि उन्होंने कन्नूर हवाई अड्डे पर कई अनियमितताओं के बारे में अधिकारियों को बताया था, जिसका खामियाजा उन्हें टर्मिनेशन के रुप में भुगतना पड़ा। कथित तौर पर रमेश ने अपने फेसबुक पोस्ट को हटा दिया था और माफी भी माँगी थी लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। जाँच समिति ने उन्हें टर्मिनेट कर दिया।

पद्मनाभस्वामी मंदिर की पंक्ति को लेकर त्रावणकोर शाही परिवार पर SC का फैसला

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने तिरुवनंतपुरम में ऐतिहासिक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर को अपने नियंत्रण में लाने के केरल सरकार के प्रयास के खिलाफ फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने केरल उच्च न्यायालय के 2011 के फैसले को पलट दिया जिसने राज्य सरकार को मंदिर, उसके प्रबंधन और संपत्ति पर नियंत्रण रखने की शक्ति प्रदान की।

जस्टिस इंदु मल्होत्रा और यूयू ललित की 2-सदस्यीय पीठ द्वारा पारित फैसले में कहा गया है कि त्रावणकोर परिवार के एक राजा की मौत परिवार और मंदिर के अधिकारों को प्रभावित नहीं करेगी, यह परिवार द्वारा प्रबंधित किया जाना जारी रहेगा।

केरल में कम्युनिस्ट सरकार ने ‘आलोचकों’ को गिरफ्तार करने के लिए अध्यादेश पारित किया

कम्युनिस्ट नेतृत्व वाली केरल राज्य सरकार ने कानून में धारा 118-ए को जोड़कर केरल पुलिस अधिनियम में विवादास्पद संशोधन लाया था जो मूल रूप से 2011 में पारित किया गया था।

नया सेक्शन पुलिस को मीडिया के खिलाफ कार्रवाई करने और संबंधित धारा के तहत संज्ञेय अपराध का पता लगाने की स्थिति में मामले दर्ज करने का अधिकार देता है। संशोधन में सोशल मीडिया के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को डराने, अपमान करने या बदनाम करने के लिए कम्युनिकेशन के किसी भी माध्यम से अपमानजनक सामग्री का उत्पादन, प्रकाशन या प्रचार करने के लिए दोषी पाए जाने वाले लोगों को पाँच साल की कैद और 10,000 रुपए का जुर्माना देने का प्रस्ताव है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुस्लिम घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र में उलझा है झारखंड, सरना कोड से नहीं बचेगी जनजातीय समाज की ‘रोटी-बेटी-माटी’

झारखंड का चुनाव 'रोटी-बेटी-माटी' केंद्रित है। क्या इससे जनजातीय समाज को घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र से निकलने में मिलेगी मदद?

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा: कहा- ‘शीशमहल’ से पार्टी की छवि हुई खराब, जनता का काम करने की जगह...

दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल एवं AAP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -