केरल के कासरगोड जिले में स्थित एक मंदिर के ट्रस्ट में पद लेना कॉन्ग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भारी पड़ गया है। कॉन्ग्रेस पार्टी ने अपने पाँच नेताओं और कार्यकर्ताओं को पद छोड़ने सम्बन्धी अल्टीमेटम थमा दिया है। कासरगोड के कॉन्ग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा है कि इन नेताओं ने मंदिर ट्रस्ट में पद लेकर अच्छा नहीं किया है।
ऑनमनोरमा की रिपोर्ट के अनुसार, कासरगोड में भगवान शिव को समर्पित मल्लिकार्जुन मंदिर के ट्रस्ट में हाल ही में 2 कॉन्ग्रेस नेताओं और 3 कार्यकर्ताओं को नियुक्त किया गया था। इनमें कासरगोड के जिला सचिव गोविंदन नायर, महिला कॉन्ग्रेस सचिव उषा एस, जिला परिषद की सदस्य अर्जुनन थयलंगादी और उमेश के समेत मनोज एसी को मंदिर के ट्रस्ट में जगह दिया गया था। इनमें से गोविंदन नायर को ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया गया है।
इन लोगों की नियुक्त के बाद स्थानीय कॉन्ग्रेस नेतृत्व भड़क गया है। उसने इन नेताओं पर प्रश्न उठाए हैं और कार्रवाई की माँग की है। कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस कदम को वामपंथी सरकार द्वारा दी गई पोस्ट माना है। कॉन्ग्रेस नेतृत्व ने अब इन नेताओं को इन पदों से हटने को कहा है। अगर यह नेता ऐसा नहीं करते तो इन पर पार्टी कार्रवाई होगी।
इस मामले में कासरगोड के कॉन्ग्रेस जिलाध्यक्ष पीके फैसल ने बताया कि इन नेताओं ने यह पद लेकर सही काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि इसकी कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता लगातार शिकायत कर रहे थे। फैसल ने बताया इससे यह सन्देश जा रहा था कि इस सीट पर जीत के लिए वामपंथी सरकार ने यह पद उपहार में दिए हैं।
गौरतलब है कि जिस मंदिर ट्रस्ट में यह पद दिए गए हैं, वह मालाबार देवास्वम बोर्ड के अंतर्गत आता है। उसने इन पदों के लिए आवेदन माँगे थे। इन पदों के लिए भाजपा कार्यकर्ताओ ने भी आवेदन दिए थे लेकिन उन्हें साक्षात्कार में चयनित नहीं किया गया। ऐसे में कॉन्ग्रेस नेता बोर्ड में शामिल हो गए। इन पदों पर कॉन्ग्रेस नेताओं की नियुक्ति को लेकर अन्य कई प्रश्न भी उठे हैं। दरअसल, नियमानुसार यह पद नेताओं को नहीं दिए जाते, लेकिन इस बार इन सभी पर कॉन्ग्रेस नेताओं की नियुक्ति हुई है।