केरल गोल्ड तस्करी के मामले में मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिए अपने बयान में कई खुलासे किए हैं। ईडी द्वारा दायर चार्जशीट के विवरण में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का उल्लेख है। आरोप पत्र के अनुसार, सीएम विजयन की केरल गोल्ड तस्करी केस की मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश से 5-6 बार मुलाकात हुई थी और उन्होंने स्वप्ना को ‘अनौपचारिक’ रूप से संपर्क बनाए रखने के लिए कहा था।
इसमें कहा गया है कि गोल्ड तस्करी की मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश केरल के पूर्व प्रमुख सचिव एम शिवशंकर की उपस्थिति में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से कई बार मिली थीं। सीएम को इस बात की भी जानकारी थी कि स्वप्ना को राज्य की सरकारी एजेंसी स्पेस पार्क ने हायर किया है। चार्जशीट में यह भी उल्लेख किया गया है कि स्वप्ना ने एम शिवशंकर की उपस्थिति में सीएम से 5-6 बार मुलाकात की।
स्वप्ना सुरेश ने कहा है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और यूएई के महावाणिज्य दूत के बीच 2017 में मुख्यमंत्री के आवास पर बंद दरवाजे के भीतर मीटिंग हुई थी। इसके साथ ही स्वप्ना ने यह भी बताया कि तिरुवनंतपुरम में केरल सरकार के स्पेस पार्क में उनकी नियुक्ति सीएम की जानकारी से हुई थी। सीएम यह जानते थे कि वह काउंसल जनरल की सचिव है। उसने नवंबर 2019 को स्पेस पार्क जॉइन किया, सीएम यह भी जानते थे।
#Breaking | Kerala gold smuggling case: Accused Swapna Suresh in her statement to the ED said that ‘CM knew of my appointment’.
— TIMES NOW (@TimesNow) October 11, 2020
More details by Vivek K & Priya. pic.twitter.com/lBzaH7yE3H
वो कहती है, “मैं एम शिवशंकर को बहुत करीब से जानती हूँ और मैं सीएम पिनाराई विजयन से भी उसी समय से परिचित हूँ, जब मैं काउंसल जनरल की सचिव थी। मेरा मानना है कि मैं भरोसेमंद और विश्वसनीय हूँ और यही कारण है कि मुझे PWC और बाद में स्पेस पार्क परियोजना के लिए सिफारिश की गई है। स्पेस पार्क में मेरी नियुक्ति के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी थी।”
स्वप्ना सुरेश का यह बयान मुख्यमंत्री विजयन द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गए बयान से बिल्कुल विपरीत है। अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पिनराई विजयन ने कहा था कि वह या उनके कोई भी मंत्री स्वप्ना सुरेश को नहीं जानते। उन्होंने कहा कि कई लोगों को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग द्वारा आउटसोर्स किया गया है।
गुरुवार को ईडी ने खुलासा किया था कि मुख्यमंत्री को आईटी विभाग के तहत स्वप्न सुरेश की नियुक्ति की जानकारी थी। चार्जशीट में उल्लेख किया गया है कि एम शिवशंकर, पूर्व आईटी सचिव, स्वप्ना सुरेश के विभिन्न वित्तीय लेनदेन में शामिल थे और उन्हें बैंक लॉकर के बारे में पता था कि सुरेश ने विभिन्न अवसरों के दौरान रकम ट्रांसफर करना शुरू कर दिया था।
ईडी ने चार्जशीट में कहा कि स्वप्न सुरेश, सरिथ और संदीप नायर काले धन के लेन-देन में शामिल थे और इसलिए उन्हें धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए अधिनियम) के तहत दर्ज किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार (अक्टूबर 06, 2020) को केरल में गोल्ड तस्करी मामले की जाँच कर रही कोच्चि की एक विशेष अदालत को सूचित किया कि इस मामले में दो प्रमुख आरोपित फैसल फरीद (Faisal Fareed) और रब्बिन्स हमीद (Rabbins Hameed) दुबई पुलिस की हिरासत में हैं, जबकि चार अन्य के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किए गए हैं।