खालिस्तानी आतंकी गुरवतपंत सिंह पन्नू के संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने राहुल गाँधी का समर्थन किया है। SFJ ने राहुल गाँधी के सिखों पर दिए गए उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें राहुल ने कहा था कि भारत में सिखों को पगड़ी और कड़ा पहनने की लड़ाई है। SFJ ने यह भी दावा किया है कि राहुल गाँधी के साथ अमेरिका में कई खालिस्तान समर्थन मौजूद थे।
SFJ ने राहुल गाँधी के बयान का समर्थन करने वाला अपना एक पत्र जारी किया है। गुरवतपंत सिंह पन्नू द्वारा जारी किए गए इस पत्र में SFJ ने कहा, “वाशिंगटन डीसी में एक सभा को संबोधित करते हुए, जहाँ कई खालिस्तान समर्थक सिख भी मौजूद थे, राहुल गाँधी ने SFJ के खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह अभियान को उचित ठहराया है। उनका यह कहना ‘भारत में लड़ाई इस बात की है क्या एक सिख को पगड़ी और कड़ा पहनने की अनुमति होगी, और क्या वह गुरुद्वारा जा सकेगा’ हमारी बात का समर्थन है।”
SFJ ने आगे कहा, “भारत में सिखों के अस्तित्व पर खतरे वाला राहुल का बयान साहसी और बोल्ड है बल्कि 1947 से सिखों पर भारत में हुए अत्याचार की बात को मजबूत करता है। यह बयान तथ्यात्मक इतिहास पर आधारित है और सिखों के देश खालिस्तान बनाने के लिए पंजाब में स्वतंत्रता जनमत संग्रह पर SFJ के रवैये को सही ठहराता है।”
हमेशा भारत तोड़ने की बात करने वाले खालिस्तानी आतंकी गुरवतपंत सिंह पन्नू का राहुल गाँधी के लिए यह प्रेम उनके हालिया बयान के बाद उमड़ा है। राहुल गाँधी ने अपने अमेरिका दौरे में वर्जीनिया में कहा था, “भारत में लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी पहनने की इजाजत दी जाएगी? क्या एक सिख को भारत में कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या वह गुरुद्वारा जा सकेगा? लड़ाई इसी बात को लेकर है और यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, यह सभी धर्मों के लिए है।”
I want Sikhs to be allowed to wear turban, kada and pray in Gurudwara. – Rahul Gandhi
— Mr Sinha (@MrSinha_) September 10, 2024
Which Sikh has ever been stopped from wearing a turban or visiting a Gurudwara?
What a dangerous and disgusting man he is. He's not only trying to send a message to the world that Sikhs are… pic.twitter.com/usdGSFC5vt
देश को तोड़ने और भारत में सिखों को प्रताड़ित बताने वाले खालिस्तानी आतंकियों के लिए यह सुनहरा मौक़ा बन गया है। भारत के लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और विपक्षी पार्टी के डी फैक्टो मुखिया का उनके भारत विरोधी एजेंडे को मजबूत करने में यह बयान एक संजीवनी की तरह काम आएगा। SFJ का राहुल को साहसी बताना इसी कड़ी का एक हिस्सा है। SFJ ने यह दावा भी किया है कि राहुल गाँधी के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में खालिस्तानी शामिल थे। इससे राहुल के कार्यक्रमों की मंशा पर संशय पैदा होता है।
राहुल गाँधी के तथ्यों से परे इस बयान पर भारत में कड़ी प्रतिक्रिया हुई थी। भाजपा नेता RP सिंह ने उन्हें इस मामले को लेकर कोर्ट में घसीटने की चुनौती भी दी है। कई लोगों ने उन्हें याद दिलाया है कि भारत में सिखों के लिए सबसे अधिक खतरा तब पैदा हुआ था जब उनके पिता राजीव गाँधी देश के प्रधानमंत्री थे और इस दौरान सिखों का खुलेआम नरसंहार हुआ था।
I unequivocally condemn Rahul Gandhi’s derogatory and divisive remarks on foreign soil about Sikhs’ Dastar and Kakaar in India. In India, no Sikh has ever been stopped from wearing a turban or visiting a Gurudwara!
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) September 10, 2024
Prime Minister Modi Ji, in his deep respect for Sikhism, proudly… pic.twitter.com/gXfX8AiEIN
राहुल गाँधी के इस बयान पर लोगों ने यह भी याद दिलाया कि राजीव गाँधी ने कहा था, “जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो आसपास की धरती हिलती है।” उनका यह बयान हिंसा के समर्थन के रूप में देखा जाता है। कॉन्ग्रेस के ही कई नेताओं कमलनाथ, जगदीश टाइटलर और सज्जन सिंह पर सिख विरोधी दंगे भड़काने का आरोप है।