जहाँ कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक तरफ 26 विपक्षी दलों की बैठक चल रही है, वहीं दूसरी तरफ नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में NDA के बैनर तले 38 दलों की बैठक होने वाली है। उधर विपक्ष की बैठक में कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राज्य स्तर पर हमारे बीच कुछ मतभेद हैं, लेकिन ये विचारधारा पर नहीं है। उन्होंने कहा कि ये मतभेद उतने बड़े भी नहीं हैं कि आम जनों, मध्यम वर्ग, युवा, दलित, गरीब, अल्पसंख्यक और जनजातीय समाज के हित में हम इन्हें किनारे न रख सकें।
उन्होंने दावा किया कि चुपके से इन सभी के अधिकारों को कुचला जा रहा है। इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हैं, जिन पर बिहार में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कॉन्ग्रेस पार्टी अपने युवराज को प्रधानमंत्री बनाना चाहती है, जबकि राजद अपने युवराज को मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन का स्वरूप यही है कि लोग खुद के कुछ बनने के लिए दौड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि CM नीतीश कुमार जैसे ही बेंगलुरु पहुँचे, कॉन्ग्रेस के लोगों ने उनकी सारी बेइज्जती कर दी। सम्राट चौधरी ने कहा कि कॉन्ग्रेस ने उन्हें बता दिया है कि आप Unstable प्रधानमंत्री उम्मीदवार हैं, आप पर भरोसा नहीं किया जा सकता और आप तो पानी के नीचे पुल बनाने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने पूछा कि नीतीश कुमार अब बिहार की राजनीति से अप्रासंगिक हो चुके हैं तो देश में कहाँ से जाएँगे? उन्होंने कहा कि बिहार भाजपा में कोई मतभेद नहीं है और पीएम मोदी के नेतृत्व में हम चुनाव में उतरेंगे।
#WATCH | Delhi: "Congress insulted Nitish Kumar as soon as he reached Bengaluru. Congress Party made it clear that Nitish Kumar is an unstable Prime Ministerial candidate and cannot be trusted. There is no conflict within the NDA. We will win all 40 seats in Bihar and NDA will… pic.twitter.com/pBypTCG9Sz
— ANI (@ANI) July 18, 2023
उन्होंने लोकसभा चुनाव में राजग गठबंधन के 400 से अधिक सीटें जीतने की भी भविष्यवाणी की। उधर विपक्ष की बैठक में खड़गे ने आईडिया ऑफ इंडिया, संविधान, सेक्युलरिज्म और लोकतंत्र को बचाने की बड़ी-बड़ी बातें करते हुए कहा कि कहा कि यहाँ जुटे 26 दल 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सरकार चला रहे हैं। वहीं कॉन्ग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने सुझाव दिया है कि UPA का नया नाम हिंदी में रखा जाए, जबकि पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी का सुझाव है कि नए नाम में ‘मोर्चा’ और ‘फ्रंट’ शब्द न हो।
जो 38 दल NDA की बैठक में शामिल हो रहे हैं, वो हैं – भाजपा, शिवसेना (बालासाहेब ठाकरे), NCP (अजित पवार गुट), राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति कुमार पारस), लोजपा (रामविलास), ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम, अपना दल (सोनेलाल), नेशनल पीपल्स पार्टी, नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, मिजो नेशनल फ्रंट, इंडिजिनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा, नागा पीपल्स फ्रंट, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (रामदास अठावले), असम गण परिषद, पट्टाली मक्कल काची, तमिल मानिला कॉन्ग्रेस, यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त), महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, जननायक जनता पार्टी, प्रहार जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय समाज पक्ष, जन सुराज शक्ति पार्टी, कुकी पीपल्स अलायन्स, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक अलायन्स (मेघालय), हिल स्टेट पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, निषाद पार्टी, ऑल इंडिया NR कॉन्ग्रेस, HAM (जीतम राम माँझी का ‘हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा’), जनसेना पार्टी, हरियाणा लोकहित पार्टी, भारत धर्म जनसेना, केरल कामराज कॉन्ग्रेस, पुठिया तमिलगम, गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट।