दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर शुक्रवार (19 अगस्त 2022) को 8 घंटे से अधिक समय तक छापेमारी की गई। मामला शराब और दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़ा है। इस मामले में जाँच एजेंसी ने CBI ने FIR की है, जिसमें सिसोदिया को आरोपित नंबर एक बनाया गया है।
सीबीआई ने अपनी FIR में कहा है कि एक शराब कारोबारी ने मनीष सिसोदिया के एक सहयोगी द्वारा संचालित कंपनी को एक करोड़ रुपए का भुगतान किया था। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों से संबंधित धाराओं में 15 लोगों को नामजद किया है।
इनमें दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, 9 कारोबारी, 3 आबकारी अधिकारी और दो कंपनियाँ हैं। बता दें कि CBI की टीम ने शुक्रवार को देश के 7 राज्यों के दर्जनों ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें सिसोदिया सहित उनसे संबंधित लोग भी शामिल हैं।
CBI ने मनीष सिसोदिया के घर और सरकारी आवास में भी रेड किया। यहाँ तक कि उनकी कार की भी तलाशी ली गई है। सूत्रों के हवाले से मीडिया में खबर आ रही है कि मनीष सिसोदिया के मोबाइल और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक समान को जब्त कर लिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि जाँच एजेंसी को मनीष सिसोदिया के घर पर आबकारी विभाग के कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जो किसी अधिकारी या मंत्री के घर पर नहीं होने चाहिए। हालाँकि, ये दस्तावेज किस तरह के हैं, इसके बारे में कोई विशेष जानकारी सामने नहीं आई है।
वहीं, दिल्ली के आबकारी आयुक्त रह चुके IAS ए गोपीकृष्ण, दिल्ली के आबकारी उप-आयुक्त IAS आनंद तिवारी और सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर के घर पर भी रेड हुई है। इन तीनों के तार दिल्ली के आबकारी घोटाले से जुड़े बताए जा रहे हैं। CBI ने इस मामले में 7 राज्यों के 21 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है।
बता देें कि CBI जाँच की सिफारिश दिल्ली के उप-राज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव के रिपोर्ट के आधार पर की थी। मनीष सिसोदिया पर दिल्ली की नई आबकारी नीति में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया गया है।