बड़बोले शत्रुघ्न सिन्हा के लिए मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं बल्कि अब पहले से ही कई अन्य मुश्किलों का सामना कर रही कॉन्ग्रेस के लिए उन्होंने नई मुसीबत खड़ी कर दी। कॉन्ग्रेस को मो. अली जिन्नाह की पार्टी बता और देश के विकास में उनके महान योगदान की गाथा सुनाने के बाद अब शत्रुघ्न सिन्हा ने इसे लेकर आज सफाई दी। बयान पर मचे सियासी घमासान के बाद सिन्हा को अपनी गलती का एहसास हुआ और कहा कि उन्होंने कल जो भी कहा था वो स्लिप ऑफ टंग था, उनकी जुबान फिसल गई थी। वो कहना चाहते थे मौलाना आजाद, लेकिन उनके मुँह से मो. अली जिन्नाह निकल गया।
#WATCH Shatrughan Sinha, Congress candidate from Bihar’s Patna Sahib on his statement,”from Mahatma Gandhi to Muhammad Ali Jinnah, all part of Congress Parivar”: Whatever I said yesterday was slip of tongue. I wanted to say Maulana Azad but uttered Muhammad Ali Jinnah. pic.twitter.com/N2s63aOufj
— ANI (@ANI) April 27, 2019
बता दें कि कॉन्ग्रेस के टिकट पर बिहार के पटना साहिब से चुनाव लड़ रहे शत्रुघ्न सिन्हा ने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के सौसर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कह दिया था कि भारत की आजादी और विकास में जिन्नाह का भी महत्वपूर्ण योगदान है।
सिन्हा के कॉन्ग्रेस में शामिल होने के बाद से ही गाँधी परिवार और उसके महान योगदान का गुणगान करने के क्रम में उन्होंने कुछ ऐसा कर दिया जो कॉन्ग्रेस के लिए फिर से एक सेल्फ गोल हो गया। सिन्हा ने यादगार भाषण में कहा, “कॉन्ग्रेस परिवार महात्मा गाँधी से लेकर सरदार वल्लभ भाई पटेल तक, मो अली जिन्नाह से लेकर जवाहर लाल नेहरू तक, इंदिरा गाँधी से लेकर राजीव गाँधी और राहुल गाँधी तक की पार्टी है। भारत की आजादी और विकास में इन सभी का योगदान है। इसलिए मैं कॉन्ग्रेस पार्टी में आया हूँ। और एक बार आ गया हूँ, पहली और शायद आखिरी बार, अब जाने का सवाल नहीं है।”
उनके इसी बयान पर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है और एक बार फिर भाजपा को कॉन्ग्रेस पर हमले का मौका मिल गया। इसे लेकर कॉन्ग्रेस बैकफुट पर है और उसे अपनी तरफ से सफाई भी देनी पड़ रही है। हालाँकि, कॉन्ग्रेस ने इस बयान से पूरी तरह पल्ला झाड़ने की कोशिश करते हुए उल्टा भाजपा को ही सफाई देने को कहा।
गौरतलब है कि आज पी चिदंबरम ने भी एक तरह से सिन्हा से किनारा करते हुए कहा, “उनके (सिन्हा) जो भी विचार हैं, उसका स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए। कुछ दिन पहले वह भाजपा का हिस्सा थे। भाजपा को बताना चाहिए कि वह इतने साल तक पार्टी का हिस्सा क्यों थे। मैं पार्टी के हर सदस्य के बयान पर स्पष्टीकरण नहीं दे सकता। सिर्फ पार्टी के आधिकारिक स्टैंड पर ही कुछ बोल सकता हूँ।”
बेचारे सिन्हा को शायद अब समझ नहीं आ रहा होगा कि क्या करें, जाएँ तो जाएँ कहाँ? बोले तो बोले क्या? आज शायद उन्हें धोबी के गधे वाली बात ज़रूर याद आई होगी जो न घर का होता है न घाट का। खैर जो भी हो बड़बोले सिन्हा को अब खुद को ही कहने का समय आ गया है ‘ख़ामोश।’