भाजपा संसदीय दल द्वारा नेता चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा और एनडीए के संसदीय साथियों को संबोधित किया। संदेश में उन्होंने जनता के प्रति सभी उपस्थित सांसदों की जिम्मेदारी को भी रेखांकित किया और सांसदों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी आश्वासन दिया।
नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत के लोकतांत्रिक जीवन में, चुनावी परंपरा में देश की जनता ने एक नए युग का आरंभ किया है। हम सब उसके साक्षी हैं। भारत के लोकतंत्र को हमें समझना होगा। भारत का मतदाता, भारत के नागरिक के नीर, क्षीर, विवेक को किसी मापदंड से मापा नहीं जा सकता है। हम कह सकते हैं सत्ता का रुतबा भारत के मतदाता को कभी प्रभावित नहीं करता है। सत्ताभाव भारत का मतदाता कभी स्वीकार नहीं करता है।
एनडीए के पास दो महत्वपूर्ण चीजें हैं, जो हमारी अमानत है।
— BJP (@BJP4India) May 25, 2019
एक है एनर्जी और दूसरा है सिनर्जी।
ये एनर्जी और सिनर्जी एक ऐसा केमिकल है,
जिसको लेकर हम सशक्त और सामर्थ्यवान हुए हैं।
जिसको लेकर हमें आगे चलना है: पीएम मोदी
सर्वसम्मति से एनडीए संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद अपने संबोधन से पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत के संविधान को मस्तक झुकाकर नमन किया… pic.twitter.com/8TB9rlODj4
— BJP (@BJP4India) May 25, 2019
2014 से 2019 तक देश हमारे साथ चला है, कभी-कभी हमसे दो कदम आगे चला है, इस दौरान देश ने हमारे साथ भागीदारी की है। ये देश परिश्रम की पूजा करता है, ये देश ईमान को सर पर बिठाता है। यही इस देश की पवित्रता है।
मोदी ने पार्टी के बड़बोले नेताओं पर कटाक्ष करते हुए उन्हें बड़ी नसीहत देते हुए कहा, “मैं कहता हूँ कि छपास (छपने का मोह) और दिखास (टीवी पर दिखने के मोह) से बचना चाहिए। इससे बचकर चलें तो खुद भी बचेंगे और दूसरों को भी बचाएँगे। कुछ लोग बड़बोलेपन में कुछ भी बोल देते हैं। मीडिया के लोगों को भी पता होता है कि यह 6 नमूने है, उनके घर के पास पहुँच जाओ कुछ भी बोलेगा।
मोदी ने कहा, “मेरे जीवन के कई पड़ाव रहे, इसलिए मैं इन चीजों को भली-भांति समझता हूँ, मैंने इतने चुनाव देखे, हार-जीत सब देखे, लेकिन मैं कह सकता हूँ कि मेरे जीवन में 2019 का चुनाव एक प्रकार की तीर्थयात्रा थी।”