प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के बाद अब असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने कॉन्ग्रेस के उम्मीदवार श्रीमंत शाहू छत्रपति महाराज को समर्थन दिया है। कोल्हापुर राजघराने के छत्रपति शाहूजी महाराज के वंशज को INDI गठबंधन से कोल्हापुर से मैदान में उतारा है।
श्रीमंत शाहू छत्रपति महाराज मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के 12वें वंशज हैं और कोल्हापुर के राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज के पोते हैं। छत्रपति शाहूजी महाराज महान लोकतंत्रवादी और समाज सुधारक थे। उन्होंने बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर की पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता के साथ-साथ छुआछूत को मिटाने की कोशिश भी की थी।
भीमराव अंबेडकर का कोल्हापुर के इस राजपरिवार से बेहद निकटता थी। इसी जुड़ाव के कारण बाबासाहेब अंबेडकर के पोते और वीबीए प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने श्रीमंत शाहू छत्रपति महाराज को अपना समर्थन देने का फैसला किया है। AIMIM की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख और औरंगाबाद से मौजूदा सांसद इम्तियाज जलील ने भी छत्रपति शाहू महाराज को समर्थन दिया है।
जलील ने कहा, “हमने एक फैसला लिया है और इसकी चर्चा पार्टी प्रमुख से भी की है। हमने कोल्हापुर से महाविकास अघाड़ी (MVA) के उम्मीदवार शाहू महाराज का समर्थन करने का फैसला लिया है। सभी राजनीतिक दलों में केवल बुरे लोग नहीं होते हैं। यह बात हमारे विरोधी दल के लिए भी उतनी ही सच है। इसलिए हमने कुल्हापुर में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से शाहू महाराज का समर्थन करने के लिए कहा है।”
इम्तियाज जलील ने आगे कहा है, “शाहू महाराज ने मुझे ना ही फोन किया है और ना ही समर्थन माँगा है। हमने खुद ही उनके साथ खड़ा होने का फैसला लिया है। हमारी पार्टी AIMIM कोल्हापुर में कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी।” शाहू छत्रपति महाराज का मुकाबला एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के संजय मांडलिक से है, जो भाजपा के नेतृत्व वाली माया युति के प्रतिनिधि हैं।
AIMIM सांसद ने कहा कि छत्रपति शाहूजी महाराज के नाम पर आजकल की पार्टियाँ राजनीति कर रही हैं। ऐसी पार्टियों के खिलाफ उम्मीदवार उतारे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “विरोधियों को पता होना चाहिए कि शाहू महाराज कौन हैं और कोल्हापुर में उनकी क्या स्थिति है। हमने इस बारे में असदुद्दीन ओवैसी को भी बता दिया है।”