Friday, November 22, 2024
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‘…. तो J&K का भारत में विलय के दौरान मुस्लिमों का फैसला कुछ और होता’: उमर अब्दुल्ला के आरोप पर BJP नेता ने कहा- भारत से बेहतर जगह नहीं

उमर ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में रमजान के महीने में सेहरी और इफ्तार के वक्त बिजली की कटौती की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह मुस्लिमों की भावना के साथ खिलवाड़ है। अगर उनकी भावना से खिलवाड़ नहीं करना है तो सेहरी और इफ्तार के वक्त बिजली देनी चाहिए।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने कहा है कि देश में मुस्लिमों को परेशान किया जा रहा है। कभी मस्जिदों पर लाउडस्पीकर के नाम पर तो कभी हलाल मीट को बैन करने के नाम पर तो कभी बुलडोजर के नाम पर डराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के समय मुस्लिमों को पता होता कि यहाँ एक धर्म को ज्यादा महत्व दिया जाता है तो शायद उनका फैसला कुछ अलग होता।

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर की अनुमति नहीं दी जा रही है, जबकि दूसरी जगहों पर इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। अब कहा जा रहा है कि हलाल मीट नहीं बेचा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम (मु्स्लिम) जो करते हैं वो आपको पसंद नहीं आता। आखिर हलाल मीट क्यों नहीं बेचा जाना चाहिए? आपको हमारे खाने से चिढ़ है। हमारे कपड़े पहनने के तरीके (हिजाब) पर एतराज है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में रमजान के महीने में सेहरी और इफ्तार के वक्त बिजली की कटौती की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह मुस्लिमों की भावना के साथ खिलवाड़ है। अगर उनकी भावना से खिलवाड़ नहीं करना है तो सेहरी और इफ्तार के वक्त बिजली देनी चाहिए।

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब मु्स्लिमों के घरों पर बुलडोजर चलाए जाते हैं तो टेलीविजन चैनल के एंकर कहते हैं कि भारत में बुलडोजर की कमी हो जाएगी तो बुलडोजर आयात करना पड़ेगा या भारत में ही बनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब टेलीविजन चैनल के एंकर बुलडोजर पर चढ़ते हैं और ड्राइवर से कहते हैं कि सिर्फ घर के छत को गिराया गया है, दीवार खड़ी है तो मुस्लिमों को कैसा लगता होगा? उन्होंने मुस्लिमों की भावनाएँ जुड़ी होने की बात कही।

उमर ने इसी दौरान जम्मू-कश्मीर की भारत में विलय पर सवाल उठा दिया। उन्होंने कहा कि ये वो हिंदुस्तान नहीं है, जिसके साथ जम्मू-कश्मीर ने विलय किया था। जिस हिंदुस्तान के साथ समझौता किया था, उसमें हर मजहब को बराबरी की नजर से देखा जाता था। उन्होंने कहा कि अगर उस वक्त कहा गया होता कि यहाँ एक धर्म को दूसरे धर्म से ज्यादा अहमियत दी जाएगी तो शायद मुस्लिमों का फैसला कुछ और होता।

उमर अब्दुल्ला के इन आरोपों पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में मंत्री शहनवाज हुसैन ने नकार दिया है। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला भारत के बारे में जिस तरह का बयान दे रहे हैं वह दुर्भाग्यपूर्ण है। जितना अच्छा माहौल आज देश में है, देश मिलकर रह रहा है, वह शानदार है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में अल्पसंख्यकों के लिए भारत से बेहतर देश नहीं हो सकता।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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