मध्य प्रदेश में हुए 28 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव की मतगणना शुरू हो गई है। मतों की गिनती करने का काम 19 मुख्यालयों पर जारी है। शुरुआती रुझानों में भाजपा को बढ़त मिलते हुए नजर आ रहा है। इन 28 सीटों के नतीजे से यह स्पष्ट हो जाएगा कि मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार बरकरार रहेगी या नहीं।
गौरतलब है कि मार्च महीने में ज्योतिरादित्य सिंधिया 22 विधायकों के साथ कॉन्ग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे, उसके बाद तीन और विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था।
वहीं तीन विधायकों के निधन से तीन सीटें खाली हुई थीं। आज की मतगणना भाजपा सरकार बचाने के लिहाज से ही अहम नहीं है, बल्कि इससे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया का राजनीतिक भविष्य भी तय होगा।
डबरा से इमरती देवी आगे
डबरा विधानसभा सीट से भाजपा आगे चल रही है। यहाँ से भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी 500 वोटों से आगे चल रही हैं।
ब्यावरा से भाजपा आगे
मध्य प्रदेश की ब्यावरा सीट से भाजपा आगे चल रही है। यहाँ से नारायण सिंह पवार एक हजार वोटों से आगे चल रहे हैं।
पहले रुझान में भाजपा को बढ़त
मध्य प्रदेश उपुचनाव मतगणना के लिए सामने आए पहले रुझान में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा आगे चल रही है। इसके अलावा भाजपा की सुमित्रा कास्डेकर नेपानगर से आगे चल रही हैं।
सुरखी विधानसभा सीट से भाजपा आगे
सुरखी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत 3000 वोट से आगे चल रहे हैं।
भाजपा को 17 सीटों पर बढ़त
शुरुआती रुझानों में भाजपा 17 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, कॉन्ग्रेस 7 सीट पर आगे चल रही है।
बिसाहू लाल सिंह आगे
मध्य प्रदेश के अनूपपुर से पहले राउंड की मतगणना में भाजपा प्रत्याशी बिसाहू लाल सिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंदी विश्वनाथ सिंह से आगे चल रहे हैं।
हरदीप सिंह डंग पहले राउंड में 1318 वोटों से आगे
मंदसौर भाजपा प्रत्याशी हरदीप सिंह डंग पहले राउंड में 1318 वोटों से आगे हैं, वहीं देवास से कॉन्ग्रेस प्रत्याशी राजवीर सिंह बघेल 1171 मतों से आगे चल रहे हैं।
मध्य प्रदेश में इससे पहले इतनी सीटों पर उपचुनाव नहीं हुए हैं। उपचुनाव के परिणाम जितने भाजपा के लिए महत्वपूर्ण हैं, उतने ही कॉन्ग्रेस के लिए भी। इनके परिणामों पर कॉन्ग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का भविष्य निर्भर करेगा। पार्टी को सत्ता में वापस लाने में ये जोड़ी सफल रही तो दोनों नेताओं का कद राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगा और हार मिली तो दोनों के सियासी सफर पर ब्रेक भी लग सकता है। ऐसा होने पर प्रदेश में कॉन्ग्रेस की नई पीढ़ी को आगे आने का मौका मिलेगा।