Tuesday, November 5, 2024
Homeराजनीतिकद को लेकर प्रियंका गाँधी ने कसा था तंज, MP में भाजपा की प्रचंड...

कद को लेकर प्रियंका गाँधी ने कसा था तंज, MP में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद बोले सिंधिया – ग्वालियर-मालवा ने दे दिया जवाब: पूरे चुनाव में कॉन्ग्रेस के निशाने पर थे ‘महाराज’

प्रियंका ने कहा था, "उनके (भाजपा के) सभी नेता थोड़े अजीब हैं। पहले हमारे सिंधिया मैंने उनके साथ यूपी में काम किया है, दरअसल, उनका कद थोड़ा छोटा है लेकिन अहंकार में 'वाह भाई वाह' है।"

मध्य प्रदेश के विधानसभा नतीजों के बाद वहाँ सरकार का भारतीय जनता पार्टी की सरकार का बनना तय है। इस दौरान नतीजों के रुझानों में कॉन्ग्रेस के पिछड़ने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रियंका गाँधी वाड्रा के साथ अपना पुराना हिसाब बराबर किया है।

सिंधिया ने कॉन्ग्रेस नेता प्रियंका गाँधी के उनकी लंबाई पर किए तंज का माकूल जवाब दिया है। ग्वालियर-मालवा क्षेत्र में भाजपा के शानदार प्रदर्शन पर एक सवाल का जवाब देते हुए सिंधिया ने कहा, “किसी ने मेरे कद के बारे में बात की थी। ग्वालियर-मालवा के लोगों ने दिखा दिया है कि उनका कद कितना बड़ा है।” दरअसल, बीते महीने दतिया में एक रैली में प्रियंका गाँधी ने कभी उनकी पार्टी में रहे अब प्रतिद्वंद्वी बने सिंधिया पर निशाना साधते हुए उन्हें गद्दार करार दिया था। प्रियंका ने ये भी कहा था कि उन्होंने लोगों के जनादेश के साथ विश्वासघात किया।

प्रियंका ने कहा था, “उनके (भाजपा के) सभी नेता थोड़े अजीब हैं। पहले – हमारे सिंधिया। मैंने उनके साथ यूपी में काम किया है, दरअसल, उनका कद थोड़ा छोटा है लेकिन अहंकार में ‘वाह भाई वाह’ है।” प्रियंका ने ये भी कहा था,”हमारे कार्यकर्ता सिंधिया के पास जाया करते थे और उन्हें बताया करते थे कि कैसी दिक्कतें आती थीं। वे कहते थे कि हम उन्हें महाराज कहते हैं तो सुनवाई होती है। ऐसा नहीं कहते तो बात ही नहीं सुनी जाती।”

यही नहीं, प्रियंका गाँधी सिंधिया के परिवार पर भी तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पारिवारिक परंपरा को ही आगे बढ़ा रहे हैं। गद्दारी बहुत से लोगों ने की, लेकिन सिंधिया ने ग्वालियर और चंबल की जनता से गद्दारी की और सरकार ही गिरा दी। दरअसल, प्रियंका गाँधी ने 1857 के विद्रोह के दौरान सिंधिया शाही परिवार के अंग्रेजों का साथ देने को लेकर ही इसे उनकी परंपरा कहा था। बताते चले कि यह 2020 में सिंधिया के नेतृत्व में राजनीतिक विद्रोह के चलते मध्य प्रदेश में कमल नाथ के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार गिर गई थी।

इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को नरेंद्र मोदी सरकार में राज्यसभा सदस्य और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया। साल 2023 का विधानसभा चुनाव एक तरह से सिंधिया का इम्तिहान था। इसमें उनके ग्वालियर क्षेत्र में प्रभाव पर बीजेपी की नजर थी और चुनावी नतीजे सिंधिया को यहाँ पास दिखा रहे हैं।

एमपी चुनावों में बीजेपी के मौजूदा प्रदर्शन को देखते हुए सिंधिया ने कहा, “मैंने कहा था कि भाजपा जीतेगी। मैं मध्य प्रदेश के मतदाताओं को धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होंने हमें इतना बड़ा बहुमत दिया। प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व काम आया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का मार्गदर्शन भी काम आया।” इस दौरान सिंधिया ने मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जन-कल्याणकारी योजनाएँ लाने को भी इसका श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि ये योजनाएँ हर दरवाजे तक पहुँचीं और पार्टी को जीत दिलाने में मदद मिली।

भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उनके चुनावी अभियान के दौरान कॉन्ग्रेस के नेताओं ने लगातार उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा, “मैंने बीते तीन साल में मुझ पर लगाए गए सभी आरोपों और बुरी बातों को स्वीकार कर लिया। मैंने कोई जवाब नहीं दिया।”

दरअसल एग्जिट पोल को धत्ता साबित करते हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों 2023 के नतीजों में 230 सीटों में से भाजपा 43 सीटें जीत चुकी थी और 122 सीट पर आगे चल रही है। पार्टी को 165 सीट मिलने की संभावना है। वहीं कॉन्ग्रेस 64 सीटों पर सिमट सकती है तो वहीं अन्य को 1 सीट मिलती दिख रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिस ईमान खलीफ का मुक्का खाकर रोने लगी थी महिला बॉक्सर, वह मेडिकल जाँच में निकली ‘मर्द’: मानने को तैयार नहीं थी ओलंपिक कमेटी,...

पेरिस ओलंपिक में महिला मुक्केबाजी में ईमान ने गोल्ड जीता था। लोगों ने तब भी उनके जेंडर पर सवाल उठाया था और अब तो मेडिकल रिपोर्ट ही लीक होने की बात सामने आ रही है।

दिल्ली के सिंहासन पर बैठे अंतिम हिंदू सम्राट, जिन्होंने गोहत्या पर लगा दिया था प्रतिबंध: सरकारी कागजों में जहाँ उनका समाधि-स्थल, वहाँ दरगाह का...

एक सामान्य परिवार में जन्मे हेमू उर्फ हेमचंद्र ने हुमायूँ को हराकर दिल्ली के सिंहासन पर कब्जा कर लिया। हालाँकि, वह 29 दिन ही शासन कर सके।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -