राज्यसभा चुनाव के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को पर्चा दाखिल कर दिया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उनके समर्थक विधायक आज मध्य प्रदेश विधानसभा के स्पीकर से मिलेंगे। मुलाकात की विडियोग्राफी भी होगी।
इससे पहले सिंधिया ने विधानसभा परिसर पहुॅंच अपना नामांकन दाखिल किया। उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और अन्य पार्टी नेता भी थे। उनके अलावा राज्यसभा के लिए बीजेपी के दूसरे सुमेर सिंह सोलंकी ने भी पर्चा दाखिल किया। नामांकन दाखिले की आज अंतिम तिथि थी। मध्य प्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव हो रहा है। कॉन्ग्रेस और भाजपा के कब्जे में एक-एक सीट जाना तय है। तीसरी सीट पर दोनों दलों के बीच रोचक मुकाबला है।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ आज विधानसभा में पार्टी के प्रत्याशी के रूप में राज्यसभा चुनाव के किए नामांकन दाखिल किया।@BJP4India pic.twitter.com/930AKdozA4
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) March 13, 2020
मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद गिरने के कगार पर है। कमलनाथ सरकार के गिरने का संकट सिंधिया के कॉन्ग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के कारण पैदा हुआ है। कमलनाथ ने शुक्रवार (मार्च 13, 2020) को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की और एक पत्र सौंपा। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायकों की खरीद-फरोख्त कर रही है।
उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया कि वह ‘बेंगलुरु में बंधक बनाए गए विधायकों को मुक्त कराएँ।’ इसके साथ ही कमलनाथ ने राज्यपाल से विधानसभा के आगामी सत्र में अध्यक्ष द्वारा निर्धारित तिथि पर फ्लोर टेस्ट की माँग की है। मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ कॉन्ग्रेस ने आरोप लगाया है कि 6 कैबिनेट मंत्रियों सहित बागी कॉन्ग्रेस विधायकों में से 19 विधायकों को बेंगलुरु के एक रिसॉर्ट में भाजपा ने ‘बंदी’ बनाकर रखा है।
कमलनाथ द्वारा राज्यपाल को दिए गए पत्र में कहा गया है, “बीजेपी ने 8 मार्च को तीन चार्टर्ड फ्लाइट का इंतजाम किया और कॉन्ग्रेस पार्टी के 19 विधायकों को लेकर बेंगलुरु गई। तब से 19 विधायकों, जिसमें से 6 विधायक कैबिनेट मंत्री हैं, बीजेपी द्वारा एक रिसॉर्ट में रखा गया है। 19 बंदी विधायकों से किसी को भी मिलने या फिर किसी भी प्रकार के संचार की अनुमति नहीं है।”
पत्र में आगे आरोप लगाया गया है कि 10 मार्च को होली के दिन बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने स्पीकर के आवास पर मुलाकात की और उन्हें कॉन्ग्रेस के बागी विधायकों का इस्तीफा सौंपा। इस दौरान 19 में से कोई भी इस्तीफा देने वाला विधायक स्पीकर के पास मौजूद नहीं था। इन घटनाओं का हवाला देते हुए पत्र में भाजपा पर राज्य सरकार को गिराने की साजिश का आरोप लगाया गया है।
फिलहाल सत्तासीन कॉन्ग्रेस के 114 में से 22 विधायकों ने इस्तीफे दे दिए हैं। अगर इस्तीफे स्वीकार कर लिए गए तो कमलनाथ सरकार का गिरना तय है। इस्तीफा देने वाले कॉन्ग्रेस विधायकों में से 6 आज स्पीकर एनपी प्रजापति से मिलेंगे। स्पीकर ने नोटिस जारी कर इन विधायकों को हाजिर होने के लिए कहा था। इनमें से 6 विधायकों को शुक्रवार, 7 को शनिवार और बाकी 9 विधायकों को रविवार को उपस्थित होना है। स्पीकर ने इन विधायकों से मिलकर इस्तीफे की सत्यता बताने को कहा था।