बीते साल जुलाई में कर्नाटक में एक सियासी ड्रामा देखने को मिला था। इसका पटाक्षेप कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जेडीएस-कॉन्ग्रेस सरकार के गिरने से हुआ था। नए साल में इसी रास्ते पर मध्य प्रदेश की राजनीति जाती दिख रही है। कमलनाथ सरकार की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। कॉन्ग्रेस के इकलौते सिख विधायक हरदीप सिंह डंग ने अपनी ही पार्टी के राज्य सरकार को भ्रष्ट बता इस्तीफा दे दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डंग ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को अपना इस्तीफा पत्र भेजा। पत्र में हरदीप डंग ने कहा कि दूसरी बार लोगों का जनादेश मिलने के बावजूद पार्टी द्वारा उनकी लगातार अनदेखी की जा रही है। उन्होंने अपने पत्र में कहा, “कोई भी मंत्री काम करने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि वे एक भ्रष्ट सरकार का हिस्सा हैं।”
https://platform.twitter.com/widgets.jsMadhya Pradesh Assembly Speaker, NP Prajapati: I have received the news of Hardeep Singh Dang’s resignation. He has not tendered his resignation to me in person. When he submits his resignation to me, I will consider it as per the rules & take necessary action. (file pic) https://t.co/mnHKrOizfe pic.twitter.com/KplyfWy8Pp
— ANI (@ANI) March 5, 2020
हालाँकि हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई खबर नहीं हैं। उन्होने कहा, “हरदीप सिंह डंग हमारी पार्टी के विधायक हैं। उनके इस्तीफा देने की खबर मिली है, लेकिन मुझे अभी तक इस संबंध में उनका कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। न ही उन्होंने मुझसे अभी तक इस संबंध में कोई चर्चा की है और न प्रत्यक्ष मुलाकात की है।” सीएम के मुताबिक जब तक हरदीप सिंह की उनसे इस संबंध में चर्चा नहीं हो जाती, तब तक इस बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा।
वहीं विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने देर शाम इस मामले पर अपना अधिकारिक बयान जारी कर दिया था। उन्होंने कहा था, “मुझे सुवासरा विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफा देने की खबर मिली है। उन्होंने मुझसे प्रत्यक्ष रूप से मिलकर इस्तीफा नहीं सौंपा है। जब वे मुझसे प्रत्यक्ष रूप से मिलकर इस्तीफा सौपेंगे तो मैं नियमानुसार उस पर विचार कर आवश्यक कदम उठाऊँगा।”
उल्लेखनीय है कि विधायकों के इस्तीफे को लेकर इसी तरह का रुख पिछले साल कर्नाटक के स्पीकर ने भी दिखाया था। बावजूद इसके सरकार नहीं बच पाई थी। उस समय भी जेडीएस और कॉन्ग्रेस ने बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया था। साथ ही बीजेपी विधायकों के संपर्क में होने का दावा किया था। वही सूरतेहाल फिलहाल मध्य प्रदेश में है। हालॉंकि हॉर्स ट्रेडिंग के कॉन्ग्रेस के आरोपों को वहीं विधायक खारिज कर चुके हैं जिन्हें बंधक बनाने का आरोप उसने बीजेपी पर लगाया था।
Madhya Pradesh BJP MLA Sanjay Pathak: I’ve not met CM Kamal Nath. Last night, an attempt was made to abduct me. I just hope that in this political game, I am not abducted & killed. A lot of pressure is being put on me. I will always remain in BJP. https://t.co/zTFaFi8UFe
— ANI (@ANI) March 6, 2020
इस बीच, बीजेपी विधायक संजय पाठक ने कॉन्ग्रेस में शामिल होने की खबरों को अफवाह करार दिया है। उन्होंने कहा है, “मैं सीएम कमलनाथ से नहीं मिला हूँ। बीती रात मुझे अगवा करने की कोशिश की गई थी। मेरे ऊपर बहुत दबाव बनाया जा रहा है। मैं हमेशा बीजेपी के साथ रहूॅंगा।” उन्होंने अपनी हत्या किए जाने या अगवा किए जाने की भी आशंका जताई है।
वैसे कॉन्ग्रेस अब भी सब कुछ ठीक होने का दावा कर रही है। साथ ही जल्द कैबिनेट विस्तार की भी बात कह रही है। लेकिन, कमलनाथ सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के ताजा बयान से ऐसा लगता नहीं है। सिसोदिया ने कहा है कि उनके नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपेक्षा होने पर सरकार पर संकट पैदा हो सकता है। यह पहला मौका नहीं है जब अपनी ही सरकार से सिंधिया के समर्थकों ने सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जताई है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कह चुके हैं प्रदेश का राजनीतिक संकट कॉन्ग्रेस की अंदरूनी लड़ाई की उपज है। बागी विधायकों में से तीन तो पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खेमे के बताए जाते हैं।
Madhya Pradesh Minister Mahendra Singh Sisodia: Kamal Nath ji ki sarkar ko sankat tab hoga jab humare neta Jyotiraditya Scindia ji ki upeksha ya anadar sarkar karegi. Tab nishchit taur se sarkar par jo kala badal chhayega wo kya kar ke jayega main ye kah nahi sakta. pic.twitter.com/ytJjOW6n0S
— ANI (@ANI) March 6, 2020
यहाँ बता दें,इस समय मध्यप्रदेश विधानसभा में कॉन्ग्रेस के पास 113 विधायक बचे हैं, बीजेपी के पास 107 एमएलए हैं। 230 सदस्यों वाली विधानसभा में फिलहाल दो सदस्यों के निधन से संख्या 228 है। इसमें कॉन्ग्रेस को दो बसपा, एक सपा और चार निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है।