समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने मंगलवार (जून 11, 2019) को मदरसों की शिक्षा प्रणाली में कंप्यूटर और गणित को शामिल करके उसे मुख्यधारा में लाने के फैसले पर विवादस्पद बयान दिया।
आजम खान ने महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे और भाजपा की नवनिर्वाचित सांसद प्रज्ञा सिंह का जिक्र करते हुए कहा, “मदरसों की प्रकृति गोडसे या प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसी शख्सियतें पैदा करने वाली नहीं हैं, अगर सरकार मदरसों की मदद करना चाहती है तो उनके लिए बिल्डिंग बनवाए और सुविधाएँ बढ़ाई जाएँ।”
Azam Khan, SP: Religious teachings are imparted at madrasas. At the very same madrasas, English, Hindi & Maths are taught. This has always been done. If you want to help, improve their standard. Build buildings for madrasas, provide them furniture & midday meal facility. (11.06) pic.twitter.com/ElxM5c7Crl
— ANI UP (@ANINewsUP) June 11, 2019
गौरतलब है कि आजम खान का ये बयान सरकार के उस फैसले के बाद आया है जिसमें सरकार ने तय किया है कि देश भर के मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मदरसों के शिक्षकों को विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा, ताकि वे मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर आदि दे सकें।
मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक आजम खान ने इस फैसले पर केंद्र को निशाने बनाते हुए कहा, “मदरसों में धार्मिक शिक्षा दी जाती है… साथ ही वहाँ अंग्रेज़ी, हिन्दी तथा गणित भी पढ़ाया जाता है। यह हमेशा से होता रहा है, अगर आप मदद करना चाहते हैं, उनका स्तर सुधारिए। मदरसों के लिए इमारतें बनवाइए, उन्हें फर्नीचर और मिड-डे मील उपलब्ध करवाइए।”
आजम खान के मुताबिक मदरसों को हमेशा मिड-डे मील से महरूम रखा गया है। उनका कहना है कि सरकार आधुनिक मदरसे की बात करती है। वजीफा देने की बात तो करती है, लेकिन साथ ही सरकार इंस्टीट्यूशन को खत्म कर रही है। अपनी बातचीत में उन्होंने जौहर यूनिवर्सिटी का जिक्र किया, उन्होंने कहा कि ले-देकर एक अल्पसंख्यक संस्थान बचा है और बीजेपी सरकार उसके पीछे पड़ी हुई है कि किस तरह उसे बर्बाद किया जाए।
आजम खान का कहना है कि मदरसों में गोडसे और प्रज्ञा ठाकुर जैसी शख्सियत पैदा नहीं की जाती। पहले सरकार को इन्हें रोकना चाहिए। सरकार को इस बात का ऐलान करना चाहिए कि गोडसे की विचारों को आगे बढ़ाने वाला लोकतंत्र का दुश्मन माना जाएगा।