महाराष्ट्र के कॉन्ग्रेस विधायक ने आरोप लगाया है कि राज्य में जितने भी स्थानीय निकायों पर उनकी पार्टी का शासन है, उन्हें शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार द्वारा नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। बता दें कि कॉन्ग्रेस भी राज्य में सत्ता की साझीदार है और पार्टी के कई मंत्री उद्धव ठाकरे ने नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं। ऐसे में कॉन्ग्रेस विधायक का डेवेलोमेंट फंड्स को लेकर ऐसे आरोप लगाना चौंकाने वाला है।
महाराष्ट्र की ‘महाविकास अघाड़ी’ सरकार में एनसीपी भी शामिल है। जालना के विधायक कैलाश गोरंटयाल ने आरोप लगाया कि राज्य का शहरी विकास मंत्रालय कॉन्ग्रेस के शासन वाले स्थानीय निकायों को विकास के लिए फंड्स देने में कोताही बरतते हुए अन्याय कर रहा है। उन्होंने अपने स्थानीय निकाय के बारे में भी यही आरोप लगाया। कॉन्ग्रेस विधायक ने शुक्रवार (अगस्त 21, 2020) को ये बातें कही।
विधायक ने ये भी बताया कि उनके 10 अन्य साथियों ने भी महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस के प्रभारी को इस समस्या से अवगत कराया है। पार्टी प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष बालासाहब थोराट को भी इस समस्या से विधायकों ने अवगत कराया है। इससे पहले कॉन्ग्रेस विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर डेवलपमेंट फंड्स के बराबर वितरण की माँग रखी थी, ताकि सभी स्थानीय निकायों को इसका फायदा हो।
11 Maha Congress legislators, led by Kailash Gorantyal, up in arms against ‘partiality in fund allocations’@SanjayJog7 @ShivSena @INCMaharashtra
— Free Press Journal (@fpjindia) August 21, 2020
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हालाँकि, विधायक ने ये भी कहा कि सीएम ने इस मामले को देखने का आश्वासन दिया है। जहाँ राज्य में पार्टी गुटबाजी से परेशान है, वहीं दूसरी तरफ एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के कारण उसे स्वतंत्र रूप से कुछ भी करने का मौक़ा नहीं मिल रहा है। कॉन्ग्रेस की राज्य यूनिट का कहना है कि सारे मलाईदार विभाग एनसीपी के पास हैं और कॉन्ग्रेस को बचे-खुचे विभाग दे दिए गए हैं और पार्टी का नेतृत्व इस तरफ ध्यान ही नहीं दे रहा।