शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उनके बेटे आदित्य के चुनाव मैदान में उतरने का मतलब यह नहीं कि वे मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री बनेंगे। उद्धव का यह रुख महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के बीच असहज स्थिति होने की खबरों के बीच आया है।
21 अक्टूबर को होने वाले महाराष्ट्र चुनाव के लिए भाजपा और शिवसेना के बीच आधिकारिक रुप से सीटों के बँटवारा हो चुका है। भाजपा 150 और शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बाकी 14 सीटें अन्य सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ी गई हैं। शिवसेना को 2 विधान परिषद की सीटें भी मिलेंगी।
भाजपा से कम सीटों पर चुनाव लड़ने की कसक तो शिवसेना में है, लेकिन उसे उम्मीद है कि गठबंधन की सरकार बनने पर उसे बराबर की भागीदारी मिलेगी। उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उन्हें यकीन है कि बीजेपी अपने वादों पर खरा उतरेगी।
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादक संजय राउत को दिए साक्षात्कार में उद्धव ने मुख्यमंत्री पद पर पार्टी की दावेदारी को लेकर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ठाकरे परिवार से किसी के पहली बार चुनाव लड़ने का मतलब यह नहीं है कि वो तुरंत सीएम या डिप्टी सीएम बन जाएँगे।
उन्होंने कहा कि आदित्य विधायी कार्यों का तजुर्बा लेना चाहते हैं। इसमें उनकी काफी रूचि है। वह अभी राजनीति में आए ही हैं और यह उनकी शुरुआत है। राजनीति में पहले कदम का मतलब यह नहीं होता कि आप राज्य के सीएम बन जाएँ। उल्लेखनीय है कि आदित्य चुनाव मैदान में उतरने वाले पहले ठाकरे हैं। उनके चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद से ही कई तरह के कयास लग रहे हैं। पिछले दिनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा था कि आदित्य को डिप्टी सीएम बनाने में उन्हें खुशी होगी।
साक्षात्कार के दौरान उद्धव ने कहा कि एक दिन शिवसैनिक जरूर राज्य का सीएम बनेगा। उन्होंने कहा कि शिवसैनिक को सीएम बनाने का वचन मैंने अपने पिता (बाला साहेब ठाकरे) को दिया था। जब तक यह पूरा नहीं होगा चैन से नहीं बैठूंगा।
इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि बीजेपी से शिवसेना का गठबंधन हिंदुत्व पर आधारित है। साथ ही ठाकरे ने यह भी कबूला कि उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन में आने के लिए कंप्रोमाइज किया है और ऐसा उन्होंने सिर्फ महाराष्ट्र की भलाई के लिए किया है। ठाकरे ने कहा, “हम कम सीटों पर लड़ रहे हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री देवेंद्र
फड़णवीस और राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने मुझसे अपनी समस्या समझने का अनुरोध किया था। भले ही शिवसेना कम सीटों पर लड़ रही है, लेकिन पार्टी ज्यादातर सीटों पर जीत दर्ज करेगी।”