राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के मुंबई स्थित घर ‘सिल्वर ओक’ (Silver Oak) के बाहर प्रदर्शन करने वाले महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के 107 कर्मचारियों को पुलिस ने शुक्रवार (8 अप्रैल 2022) की देर रात गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए लोगों में 23 महिलाएँ भी हैं। मुंबई के गाँवदेवी पुलिस स्टेशन में दर्ज केस में इन प्रदर्शनकारियों पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने पवार के घर पर पथराव किया और चप्पलें फेंकी। इनके खिलाफ हिंसा की साजिश रचने और दंगे भड़काने से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं, पवार की सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है।
बताया जा रहा है कि शनिवार (9 अप्रैल 2022) को एनसीपी के कार्यकर्ता और नेता राज्य भर में इस घटना के विरोध में मूक मोर्चा निकालने वाले हैं। वहीं, एसटी के कर्मचारी एक बार फिर प्रदर्शन करने के लिए आज दोपहर में मुंबई के सीएसएमटी स्टेशन पहुँचे। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी माँगों को नहीं माना जाता, तब तक वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। ऐसे में मुंबई में सार्वजनिक स्थानों पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
इस बीच वकील गुणरत्न सदावर्ते की पत्नी जयश्री पाटील ने आरोप लगाया है कि शरद पवार पुलिस भेजकर उनके पति से बदला ले रहे हैं। गुणरत्न ने गाँवदेवी पुलिस स्टेशन जाते वक्त मीडिया से कहा कि उन्हें बिना कुछ बताए पुलिस स्टेशन लाया गया। उनकी जान को खतरा है और उन्हें कुछ हुआ तो इसके लिए महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील जिम्मेदार होंगे।
वहीं, पुलिस का कहना है कि उनके हाथ वकील गुणरत्न सदावर्ते के भाषणों की कुछ क्लिप्स लगी हैं। इनमें वह कर्मचारियों को भड़का रहे हैं। उन्होंने गुरुवार के अपने भाषण में 12 अप्रैल को बारामती जाकर शरद पवार की पोल खोलने का आह्वान किया है। इस प्रदर्शन को लेकर एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि वे एसटी कर्मचारियों के साथ हैं, लेकिन उनके पीछे के गलत नेतृत्व का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा, “पिछले 50 सालों से मैंने राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों के आंदोलन का नेतृत्व किया है, पर आंदोलन का यह मोड़ लेना गलत नेतृत्व का नतीजा है।”
मालूम हो कि शुक्रवार को एसटी कर्मचारियों ने महाराष्ट्र सरकार पर वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाते हुए मुंबई में पवार के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। शरद पवार हाय-हाय के नारे भी लगाए थे। यह विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है।
बता दें कि महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के कर्मचारी नवंबर 2021 से हड़ताल पर हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट ने (Bombay High Court) MSRTC कर्मचारियों की हड़ताल (MSRTC Strike) को लेकर दो दिन पहले यानी 7 अप्रैल को बड़ा फैसला दिया था। कोर्ट ने कर्मचारियों को 22 अप्रैल तक ड्यूटी पर फिर से लौटने का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन कोर्ट के अल्टीमेटम के एक दिन बाद ही कर्मचारियों ने शरद पवार के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
वहीं, हाईकोर्ट के फैसले के बाद परिवहन मंत्री अनिल परब ने भी हड़ताली कर्मचारियों को काम पर लौटने का अनुरोध किया है और उन्हें भरोसा दिलाया है कि जो कर्मचारी ड्यूटी ज्वाइन करेंगे, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। उनकी वाजिब माँगों को पूरा किया जाएगा।