महाराष्ट्र में रेमडेसिविर की आपूर्ति के मामले में दमन की फार्मा कंपनी ब्रुक फार्मास्युटिकल्स के डायरेक्टर के साथ विवाद करने के बाद महा विकास अघाड़ी सरकार ने यह घोषणा की कि वह विदेशी वैक्सीन का आयात करेगी और वैक्सीनेशन कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सभी विभागों को दिए जाने वाले फंड में भी कटौती करेगी।
सभी वयस्कों को वैक्सीन उपलब्ध कराने के निर्णय का स्वागत करते हुए महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि उनकी सरकार ने एक ‘अनुकरणीय’ वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो राज्य सरकार सभी विभागों के फंड में कटौती भी कर सकती है।
इंडियन एक्स्प्रेस की खबर के अनुसार टोपे ने कहा कि 18-45 वर्ष की आयु के व्यक्ति सरकारी अस्पतालों में 400 रुपए और निजी अस्पतालों में 600 रुपए की दर से वैक्सीन ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोविड वैक्सीन के रूप में कोविशील्ड और कोवैक्सीन उपलब्ध हैं लेकिन आवश्यकता होने पर अन्य वैक्सीनों का आयात किया जाएगा। टोपे ने यह भी कहा कि उनकी सरकार विदेशी वैक्सीन स्पूतनिक, फाइजर और मॉडर्ना के डोज खरीदने पर भी विचार कर रही है।
टोपे ने बताया कि उनकी सरकार 7 लाख लोगों को प्रतिदिन वैक्सीनेट करना चाहती थी लेकिन वैक्सीन की आपूर्ति में कमी के कारण मात्र 3 लाख लोगों को प्रतिदिन वैक्सीनेट कर पाई। उन्होंने राज्य में वैक्सीनेशन कार्यक्रम को बेहतर करने के लिए यूनाइटेड किंगडम का मॉडल अपनाने की बात की। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने सभी विभागों के खर्चों को कम करने का निर्णय लिया है और सरकार देश में निर्मित मात्र दो वैक्सीनों पर निर्भर नहीं रहने वाली है।
संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित राज्य है महाराष्ट्र:
देश में कोरोनावायरस संक्रमण से महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित है। राज्य में पिछले दो हफ्तों से लगातार 50,000 से अधिक संक्रमित मिल रहे हैं। संक्रमण की उच्च दर के बाद भी महाराष्ट्र सरकार की महामारी के प्रबंधन की नीतियों की आलोचना हो रही है।
पिछले हफ्ते ही मुंबई पुलिस ने दमन की फार्मा कंपनी ब्रुक फार्मास्युटिकल्स के डायरेक्टर से रेमडेसिविर की आपूर्ति के मामले में गिरफ्तार करके कई घंटे तक पूछताछ की। हालाँकि विपक्ष के नेता देवेन्द्र फड़नवीस ने यह आरोप लगाया था कि राज्य में रेमडेसिविर की सप्लाई के लिए भाजपा परमिशन लेने में सफल रही इसलिए फार्मा कंपनी के डायरेक्टर को गिरफ्तार किया गया।
महा विकास अघाड़ी के नेताओं का दुर्भावनापूर्ण व्यवहार :
विपक्षी दलों पर आरोप मढ़ने और अपनी असफलताओं को छुपने के लिए महा विकास अघाड़ी के नेताओं ने लगातार प्रयास किए। कॉन्ग्रेसी ट्रोल साकेत गोखले ने आरोप लगाया कि देवेन्द्र फड़नवीस के द्वारा खरीदी गई रेमडेसिविर गुजरात के लिए थी न कि महाराष्ट्र के लिए।
हालाँकि, महाराष्ट्र के ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री और एनसीपी नेता राजेन्द्र सिंगणे ने अपनी ही सरकार के मंत्रियों और नेताओं के दावों की पोल खोल डी। News18 लोकमत में दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने स्वीकार किया कि विपक्षी दल भाजपा द्वारा खरीदी गई रेमडेसिविर महाराष्ट्र के लिए ही थी और वह इससे अवगत थे। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता औषधि निर्माताओं के साथ उनके पास आए थे और रेमडेसिविर की खरीद में सहायता करने का अनुरोध किया था। रेमडेसिविर की खरीद भी पूरे नियम के अनुसार हुई और उसका उद्देश्य मात्र नागरिकों की सहायता करना ही था।