महाराष्ट्र में बड़ा उलटफेर हो गया। बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने दोबारा सीएम पद की शपथ ली है। वहीं, एनसीपी नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि कल रात अजित पवार बैठक में मौजूद थे, लेकिन नजर नहीं मिला रहे थे। उनकी बॉडी लैंग्वेज भी अलग थी।
शिवसेना ने एनसीपी विधायकों को अगवा करने का आरोप लगाते हुए अपने विधायकों को तोड़ कर दिखाने की चुनौती भाजपा को दी है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि 8 विधायक जो अजित पवार के साथ चले गए थे, उनमें से 5 विधायक वापस आ गए हैं। उनका कहना है कि उन विधायकों को झूठ बोलकर कार में बिठाया गया। राउत ने कहा कि एक तरह से उन विधायकों का अपहरण किया गया है। आगे उन्होंने कहा, “अगर हिम्मत है तो विधानसभा में बहुमत साबित करके दिखाएँ।”
Sanjay Raut, Shiv Sena: We are in touch with Dhananjay Munde and there is a possibility of even Ajit Pawar coming back. Ajit has been blackmailed, it will be exposed who is behind this, in Saamna newspaper soon. https://t.co/vESFauyjWR pic.twitter.com/DIomJ1niK2
— ANI (@ANI) November 23, 2019
आगे उन्होंने कहा कि वो धनंजय मुंडे के संपर्क में हैं और साथ ही उन्होंने अजित पवार के वापस आने की भी संभावना जताई है। उनका कहना है कि अजित पवार को ब्लैकमेल किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे कौन है, इसका खुलासा जल्द ही ‘सामना’ अखबार में किया जाएगा।
बता दें कि शरद पवार से बगावत के बाद एनसीपी के नेता अजित पवार को पार्टी के विभिन्न पदों से हटा दिया गया है। वो एनसीपी के लेजिस्लेटिव समिति के अध्यक्ष थे। उन्हें पार्टी ने तत्काल प्रभाव से अपदस्थ कर दिया है। हालाँकि, अजित पवार को अभी तक पार्टी से नहीं निकाला गया है। शरद पवार ने कहा कि एनसीपी विधायक दल का नया नेता चुना जाएगा।
इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अजित पवार के डिप्टी सीएम बनने के बारे में उन्हें अचानक पता चला। उन्होंने कहा था कि एनसीपी का जो भी प्रमाणिक कार्यकर्ता है, वह उनके (अजित पवार) के साथ नहीं जाएगा। पवार ने कहा था कि अजित पवार का फैसला पार्टी लाइन के खिलाफ है। यह अनुशासन तोड़ने वाला है। साथ ही उन्होंने दावा किया था कि एनसीपी का कोई भी कार्यकर्ता एनसीपी-बीजेपी की सरकार के समर्थन में नहीं है। इसके अलावा उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए कहा था, “30 नवंबर तक बहुमत साबित करने का वक्त है। हमारे पास नंबर है, सरकार तो हम ही बनाएँगे।”
वहीं, उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, “जो खेल चल रहा है, उसे पूरा देश देख रहा है। पहले ईवीएम खेल चल रहा था और अब यह नया खेल चल रहा है। इसके बाद से मुझे नहीं लगता कि चुनावों की भी जरूरत है।” अपने विधायकों को तोड़ने के सवाल पर उद्धव ठाकरे ने कहा, “कोशिश करके देखें, महाराष्ट्र सोने वाला नहीं है।”