महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने अपनी पार्टी राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इसको लेकर पार्टी में घमासान मचा हुआ है। पार्टी ने पवार से अपने फैसले पर विचार करने के लिए कहा है। वहीं, बदलते घटनाक्रम के बीच NCP के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक जारी है।
इसी बीच NCP के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र आव्हाड ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आव्हाड ने कहा, “मैंने राष्ट्रीय महासचिव के अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और मैंने अपना इस्तीफा एनसीपी प्रमुख शरद पवार को भेज दिया है। पवार साहब के ऐलान (पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने) के बाद ठाणे एनसीपी के सभी पदाधिकारियों ने भी इस्तीफा दे दिया है।”
I have resigned from my post of National General Secretary and I have sent my resignation to NCP chief Sharad Pawar. All office bearers of Thane NCP have also resigned after Pawar Saheb's announcement (to resign from the post of party chief): NCP leader Jitendra Awhad to ANI… pic.twitter.com/VBrtFCuaNs
— ANI (@ANI) May 3, 2023
जितेंद्र आव्हाड ने शरद पवार द्वारा अपना इस्तीफा वापस नहीं लेने पर पद छोड़ा है। उनका कहना है कि वे शरद पवार के बिना अपने पद पर नहीं रहेंगे। आव्हाड को पवार को का बेहद भरोसेमंद माना जाता है। वहीं, मुंबई के यशवंत राव ऑडिटोरियम में एनसीपी नेताओं की बैठक चल रही है। इसमें अजित पवार, सुप्रिया सुले के अलावा प्रफुल्ल पटेल, जयंत पाटिल, छगन भुजबल हिस्सा ले रहे हैं।
मीटिंग में पहुँचने से पहले जब अजित पवार से अध्यक्ष बनने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “अगर अध्यक्ष बनने के लिए भी कहा जाएगा तो मैं मना कर दूँगा।” कहा जात रहा है कि अजित महाराष्ट्र विधानसभा मे प्रतिपक्ष के नेता हैं और वह खुद अध्यक्ष बनने के बजाय अपने नजदीकी को अध्यक्ष बनवा सकते हैं।
उधर NCP नेता जयंत पाटील ने कहा, “कई जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों ने व्हाट्सएप पर इस्तीफे भेजे हैं। मैंने जितेंद्र आव्हाड का इस्तीफा नहीं देखा है। हालांकि, ठाणे शहर एनसीपी प्रमुख आनंद परांजपे ने अपना इस्तीफा भेज दिया है।”
उधर, एनसीपी के नेता शरद पवार को मनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। नेताओं का कहना है कि NCP का अर्थ शरद पवार है और शरद पवार का अर्थ NCP है। पार्टी नेताओं का कहना है कि यदि पवार अध्यक्ष पद का दिया गया इस्तीफा वापस नहीं लेते हैं तो उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बने रहने के लिए आग्रह किया जाएगा है।
उधर, कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि शरद पवार के इस्तीफा देने से गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। शिवसेना (ठाकरे) गुट के संजय राउत का कहना है, “शरद पवार का इस्तीफा देश की राजनीति के लिए बड़ा झटका है। हम तय करेंगे कि आने वाले दिनों में क्या होगा। हम पूरी घटना पर नजर बनाए हुए हैं।”
बता दें कि अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ-साथ महाराष्ट्र में विधानसभा के भी चुनाव होने हैं। ऐसे में शरद पवार के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र की राजधानी पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा। लोकसभा सीटों की संख्या के मामले में महाराष्ट्र देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। वहीं, विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं।
एनसीपी राज्य की महाविकास आघाड़ी गठबंधन का हिस्सा है। इस गठबंधन में एनसीपी के अलावा कॉन्ग्रेस और शिवसेना (ठाकरे) मुख्य पार्टियाँ हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में MVA की सरकार रही थी। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने विद्रोह कर दिया था।