Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीतिशरद पवार ने NCP का नया अध्यक्ष चुनने को बना दी कमिटी, पर मान-मनौव्वल...

शरद पवार ने NCP का नया अध्यक्ष चुनने को बना दी कमिटी, पर मान-मनौव्वल भी जारी: धड़ाधड़ इस्तीफे दे रहे हैं पार्टी नेता

बता दें कि अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ-साथ महाराष्ट्र में विधानसभा के भी चुनाव होने हैं। ऐसे में शरद पवार के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र की राजधानी पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा। लोकसभा सीटों की संख्या के मामले में महाराष्ट्र देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। वहीं, विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने अपनी पार्टी राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इसको लेकर पार्टी में घमासान मचा हुआ है। पार्टी ने पवार से अपने फैसले पर विचार करने के लिए कहा है। वहीं, बदलते घटनाक्रम के बीच NCP के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक जारी है।

इसी बीच NCP के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र आव्हाड ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आव्हाड ने कहा, “मैंने राष्ट्रीय महासचिव के अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और मैंने अपना इस्तीफा एनसीपी प्रमुख शरद पवार को भेज दिया है। पवार साहब के ऐलान (पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने) के बाद ठाणे एनसीपी के सभी पदाधिकारियों ने भी इस्तीफा दे दिया है।”

जितेंद्र आव्हाड ने शरद पवार द्वारा अपना इस्तीफा वापस नहीं लेने पर पद छोड़ा है। उनका कहना है कि वे शरद पवार के बिना अपने पद पर नहीं रहेंगे। आव्हाड को पवार को का बेहद भरोसेमंद माना जाता है। वहीं, मुंबई के यशवंत राव ऑडिटोरियम में एनसीपी नेताओं की बैठक चल रही है। इसमें अजित पवार, सुप्रिया सुले के अलावा प्रफुल्ल पटेल, जयंत पाटिल, छगन भुजबल हिस्सा ले रहे हैं।

मीटिंग में पहुँचने से पहले जब अजित पवार से अध्यक्ष बनने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “अगर अध्यक्ष बनने के लिए भी कहा जाएगा तो मैं मना कर दूँगा।” कहा जात रहा है कि अजित महाराष्ट्र विधानसभा मे प्रतिपक्ष के नेता हैं और वह खुद अध्यक्ष बनने के बजाय अपने नजदीकी को अध्यक्ष बनवा सकते हैं।

उधर NCP नेता जयंत पाटील ने कहा, “कई जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों ने व्हाट्सएप पर इस्तीफे भेजे हैं। मैंने जितेंद्र आव्हाड का इस्तीफा नहीं देखा है। हालांकि, ठाणे शहर एनसीपी प्रमुख आनंद परांजपे ने अपना इस्तीफा भेज दिया है।”

उधर, एनसीपी के नेता शरद पवार को मनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। नेताओं का कहना है कि NCP का अर्थ शरद पवार है और शरद पवार का अर्थ NCP है। पार्टी नेताओं का कहना है कि यदि पवार अध्यक्ष पद का दिया गया इस्तीफा वापस नहीं लेते हैं तो उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बने रहने के लिए आग्रह किया जाएगा है।

उधर, कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि शरद पवार के इस्तीफा देने से गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। शिवसेना (ठाकरे) गुट के संजय राउत का कहना है, “शरद पवार का इस्तीफा देश की राजनीति के लिए बड़ा झटका है। हम तय करेंगे कि आने वाले दिनों में क्या होगा। हम पूरी घटना पर नजर बनाए हुए हैं।”

बता दें कि अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ-साथ महाराष्ट्र में विधानसभा के भी चुनाव होने हैं। ऐसे में शरद पवार के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र की राजधानी पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा। लोकसभा सीटों की संख्या के मामले में महाराष्ट्र देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। वहीं, विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं।

एनसीपी राज्य की महाविकास आघाड़ी गठबंधन का हिस्सा है। इस गठबंधन में एनसीपी के अलावा कॉन्ग्रेस और शिवसेना (ठाकरे) मुख्य पार्टियाँ हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में MVA की सरकार रही थी। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने विद्रोह कर दिया था। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -