Sunday, December 22, 2024
Homeराजनीति'यहाँ सहकारिता महाराष्ट्र के कानून से चलेगा, केंद्र को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं': कोऑपरेटिव...

‘यहाँ सहकारिता महाराष्ट्र के कानून से चलेगा, केंद्र को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं’: कोऑपरेटिव घोटाला आरोपित पवार चिंतित

NCP अध्यक्ष का मानना है कि केंद्र में नए सहकारिता मंत्रालय के गठन से समस्याएँ पैदा होने की आशंका नहीं है, क्योंकि ये तो राज्य का मुद्दा है।

केंद्र सरकार ने हाल ही में सहकारिता मंत्रालय (Cooperation Ministry) का गठन किया और ताज़ा मंत्रिमंडल विस्तार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इसकी जिम्मेदारी दी गई। इससे विपक्षी खेमे में बेचैनी का माहौल है। अब महाराष्ट्र की सत्ता में साझीदार ‘राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP)’ के संस्थापक-अध्यक्ष शरद पवार ने इस पर टिप्पणी की है। उन्होंने कह डाला कि केंद्र सरकार को इसमें हस्तक्षेप का कोई अधिकार ही नहीं है।

उन्होंने दावा किया कि राज्य में सहकारिता विभाग में नियम-कानून महाराष्ट्र के कानून के हिसाब से चलते हैं और महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा ड्राफ्ट किए गए कानून में हस्तक्षेप करने का केंद्र सरकार को कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र में नए सहकारिता मंत्रालय के गठन से समस्याएँ पैदा होने की आशंका नहीं है, क्योंकि ये तो राज्य का मुद्दा है। उन्होंने दावा किया कि बहुराज्यीय संस्थाओं, जिसमें दो से अधिक राज्य भागीदार हों – केवल उनमें ही केंद्र हस्तक्षेप कर सकता है।

मनमोहन सिंह की सरकार में देश के कृषि मंत्री रहे शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में सहकारिता आंदोलन पर केंद्र के इस नए मंत्रालय का कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने संविधान की बात करते हुए इसे राज्य का मुद्दा बताया। उन्होंने बताया कि ये नया निर्णय नहीं है, बल्कि जब वो कृषि मंत्री हुआ करते थे तब भी ऐसा प्रस्ताव था। उन्होंने मीडिया पर इसे गलत तरीके से दिखाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मीडिया ऐसा दिखा रहा है, जैसे ये मंत्रालय महाराष्ट्र में सहकारिता को हाईजैक कर लेगा।

बता दें कि महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक घोटाले के कारण राज्य का सहकारिता आंदोलन पहले ही पटरी से उतर चुका है। इसी महीने की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शरद पवार के भतीजे अजीत पवार की 65 करोड़ रुपए कीमत की शुगर मिल को अटैच कर लिया। यह कंपनी पवार की पत्नी सुनेत्रा अजीत पवार की है। अजीत पवार की यह कंपनी महाराष्ट्र के सातारा में है, जिसका नाम जरांदेश्वर सहकारी चीनी कारखाना (जरंदेश्वर एसएसके) है।

सितंबर 2019 में राज्य के विधानसभा चुनावों से पहले ही प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक स्कैम (MSCB) में 25,000 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में अजीत पवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया था। मामले की छानबीन करते हुए ईडी को पता चला कि एमएससीबी ने 2010 में जरांदेश्वर एसएसके को एक नीलामी में उचित मूल्य से कम कीमत पर बेचा था।

2019 में खबर आई थी कि एक गवाह के बयान के बाद ED ने शरद पवार का नाम भी इस घोटाले के आरोपितों में शामिल किया था। उक्त गवाह ने अपने बयान में बताया था कि कैसे शरद पवार ने इस घोटाले में बड़ी भूमिका निभाई थी। तब शरद पवार ने इसे महाराष्ट्र में चुनावों से जोड़ते हुए कहा था कि उनका इस मामले से कोई लेनादेना ही नहीं है। इस मामले में NCP के कुछ अन्य नेता हुए कई बैंक अधिकारी भी आरोपित हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

8 दिन पीछा कर पुलिस ने चोर अब्दुल और सादिक को पकड़ा, कोर्ट ने 15 दिन बाद दे दी जमानत: बाहर आने के बाद...

सादिक और अब्दुल्ला बचपने के साथी थी और एक साथ कई घरों में चोरियों की घटना को अंजाम दे चुके थे। दोनों को मिला कर लगभग 1 दर्जन केस दर्ज हैं।

बाल उखाड़े, चाकू घोंपा, कपड़े फाड़ सड़क पर घुमाया: बंगाल में मुस्लिम भीड़ ने TMC की महिला कार्यकर्ता को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, पीड़िता ने...

बंगाल में टीएमसी महिला वर्कर की हथियारबंद मुस्लिम भीड़ ने घर में घुस कर पिटाई की। इस दौरान उनकी दुकान लूटी गई और मकान में भी तोड़फोड़ हुई।
- विज्ञापन -